Saturday 30 December 2017

रेल यात्रियों से रेजर्वेशन के नामपर हो रही लुटामलुट पर सरकार ने रोक लगाई।

पुरे देश में रेज़र्वेशन वैटिंग् लिस्ट टिकट और तत्काल टिकट के नामपर हो रही लूट  धांधली का भंडाफोड़। 
Onkar Singh puri : F.I.B.Media  Information Service 
   

          लुधियाना : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो : पुरे देश में रेलवे कर्मचारियों और दलालों की मिली भगत की वजह से रेल यात्रियों को आरही परेशानी और यात्रियों से हो रही शरेआम लूट के विषय में मिल रही शिकायते को जानने के लिए क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो (C.F.I.B. Media Intelligence ) पंजाब के निदेशक एंव  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) की टीम के साथ संगठन के   चेयरमैन डायरेक्टर   डॉ. भारत ने देश के कई हिस्सों में कई बार सफर किया और खुफ़िआ तौर पर धांधली की जानकारी प्राप्त की। जब देखा गया की वास्तव में रेलयात्रियों को सफर के नामपर रिजर्वेशन और वेटिंग लिस्ट के नामपर सीधे लुटमलुट मची है , सुविधा और सेवा के नामपर रेल विभाग जितना हल्ला मचाती है सब ढकोसला है सरकार जितना कहती है उतना नहीं है। सारी बातों को गंभीरता को देखते हुए डॉ. भारत ने कई समस्याओं पर देश के केंद्रीय मंत्रालय और प्रधानमंत्री को पत्र भेजते हुए अविलम्ब कदम उठाने की मांग की। कुछ समस्याओं पर प्रधानमंत्री ने रेल विभाग को दिशानिर्देश जारी कर डॉ,भारत को भी सुचना दे की आपके भेजे गए रिपोर्ट पर करवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं। और इधर यात्रियों के साथ हो रही धांधली और आरही परेशानी को देखते पुरे देश में CBI. ने शिकंजा कसना शुरू कर कई लोगों को गिरफ्तार किया। साथ ही रिजर्वेशन सम्बंधित नियम बदलने और  वेटिंग लिस्ट टिकट का पुराना  ढर्रा ही ख़तम करने का दिशानिर्देश जारी कर मीडिया द्वारा सार्वजानिक कर दिया। फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो सरकार के इस कदम की सराहना करती है।  

Thursday 28 December 2017

पाकिस्तान तो कभी नहीं सुधर सकता , पर हम कितने होशियार कर्तव्य परायण हैं ?

सांप के बच्चे को दूध पिलाओ प्यार मत करो , पाकिस्तान लाख कसम खाये एतबार मत करो। 
Dr. Bharat : ⇒ F.I.B. Media Service 
जो पैदा ही नफरत के नीव बुनियाद पर हुआ हो, जिसका काम नफरत की दलदल और शैतानी कार्य ही हो तो उससे मानवता इन्शानियत की उम्मीद करना  वैसे ही है जैसे एक खुनी भेड़ियों को घास खिलाने और  
शाकाहारी होने की उम्मीद करना। पाकिस्तान के साथ क्या हम सही रास्ते पर हैं?।  
      लुधियाना : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो :> पिछले कई दिनों से पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय जल सेना के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव के विषय में राजनीतिकों के साथ मीडिया ने भी बढ़चढ कर अपने राग अलापकर जय श्री कर ली अगले कुछ दिनों तक यही सब चलेगा फिर सारी  बातें टांय टांय फिस्स। पाकिस्तान ने कुलभूषण जी के पत्नी और मां के साथ जैसा गैर जिम्मेदाराना कार्य किया उसकी जितनी भी निंदा की जाये वह कम है, हम भले ही मानवाधिकार का हो हल्ला मचा ले इससे पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। क्यों ? क्योंकि पाकिस्तान जानता है की भारतीय राजनीतिकों में वह बात नहीं रह गयी है जो पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरागांधी और अटलविहारी वाजपेयी जैसे कद्दावरों में थी जो राष्ट्रहित को सर्वोप्पर मानते हुए पक्ष विपक्ष को भूलकर सब एक होकर राष्ट्र की आन बान शान के एक मुट्ठ हो जाया करते थे।यह नहीं की हम सिर्फ बड़ी बड़ी बातें करके देशवासियों का मनोरंजन करें और समय ख़राब करें जाहे पक्ष हो चाहे विपक्ष सबके सब अपने स्वार्थ में डूबने की कोशिश में लगे हों। 
         रह गयी बातें खुफ़िया विभाग इंटेलिजेंस ,जासूस जासूसी की    एम.आई   हो या रा  इनकी कुछ बातें कुछ कार्य  गोपनीय गोपनीयता हो सकती है और होनी भी चाहिए लेकिन सरकार क्यों ऐसे वीर जिन्दा शहीदों के साथ बे इन्साफ़ी कर रही है  क्यों देश के लिए कुर्बान होने वाले  अपने परिवार  अपनी हर ख़ुशी को राष्ट्र के प्रति न्योंछावर करने वाले जाबांजों के साथ उनके परिवार और ऐसे कर्मवीरों को सड़ने मरने भुखमरी के लिए छोड़  दिया जाता है। क्या सरकार के संबन्धित विभाग , देश के राजनीतिज्ञो, पक्ष  विपक्ष, देश के प्रधानमंत्री जैसे महान लोगों को यह सब करुणा ग्रस्त परिवार नहीं दिखाई देता। 2013 में चंडीगढ़ में  उन जासूसों का एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुयी थी जिसमे 15  से बीस बीस साल पाकिस्तान के जेलों में नरक की जिंदगी काटकर वापस अपने वतन भारत आये थे इनमें कुछ लोगों का तो सब कुछ ख़तम हो गया था कुछ लोगों के कहीं कोई या कुछ बचा था तो उसी से इस उम्मीद इस आशा के साथ भारत सरकार से फरियाद करते रहे लेकिन भूख ,गरीबी , बर्बादी के अलावा ऐसे कर्मवीरों को कुछ भी नहीं मिला।  इस विषय में हमने ( C.F.I.B.) क्राईम फ्री इंडिया ब्यूरो, के राष्ट्रीय समाचार  पत्र    क्राईम फ्री इंडिया में एक मैनेजिंग एडीटर  एक डायरेक्टर की हैशियत से दिसम्बर 2015 के अंक में * वाह रे भारत के राजनेता यही हाल है तो कौन देश के लिए कुछ करना ,मरना ,मिटना चाहेगा ,*  खबर लेख को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसकी कुछ प्रतिक्रिया भी हुयी थी लेकिन वाह रे   देश की शियाशत में राजनीतिकों के गड़बड़झाले की आवाज में सब ब्यर्थ।      
          अबतक समाज की भलाई देश की भलाई के नामपर हमारे संविधान हमारे कानून का सौं 100  बार से ज्यादा संसोधन हो चूका है तो ऐसे कर्मवीरों जिन्दा शहीदों के विषय में सरकार पक्ष विपक्ष क्यों नहीं संविधान का संसोधन करती ? जिससे देश के लिए हर कोई आगे आने को तत्पर हो,और ख़ुशी से देश की रक्षा हेतु आगे आ सकें। अगर सरकार इस तरफ अविलम्ब ध्यान नहीं देती है या कोई कारगर कदम नहीं उठाती है तो आने वाले दिनों में भयँकर पाणिराम भुगतने पड़ सकते हैं।  वैसे भी पकिस्तान सहित कई आतंकवादी संगठन हिन्दुस्तान के कई शहरों में तबाही मचाने की धमकी दे चुके हैं।इस लिए समय का तकाजा है की सरकार जल्द से जल्द देश के लिए अपना सब कुछ नेवछावर करने वाले ऐसे कर्मवीरों के प्रति नए और प्रभावशाली कानून पारित कर लागु कर अपनी जिम्मेदारी निभाए।           
                                                                                       


Tuesday 19 December 2017

गरीब विधवा औरतों को राशन वितरित कियागया ।


लुधियाना एकता वेलफेयर सेवा  सोसाइटी की तरफ से पहला राशन वितरण समाहरोह संपन्न।  
FIB. Onkar Puri :Intelligence Media Service 
     
    हमारे देश में देश, समाज, धर्म  की भलाई के लिए लगभग 12 साढ़े बारह लाख    NGO, संगठन ,सोसाईटिआं कार्य कर रही हैं इनमे कुछ नाम के लिए कुछ दाम के लिए कार्यरत है। बहुत कम संगठन सोसाइटी  हैं जो मानवता की भलाई के लिए कार्य कर अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं। ऐसे में लुधियाना में बहुतों में  कुछ संगठन सोसाइटी गरीब ,विधवा औरतों को राशन वितरित कर अपना फ़र्ज़ पूरा कर रही हैं इसी कड़ी में लुधियाना एकता वेलफेयर सेवा  सोसाइटी( रजि.) भी अपना  सामाजिक कार्य 18 नवम्बर को श्री गणेश किया। 
      गत  दिनों बड़ी हैब्बोवाल के न्यू  टैगोर नगर नजदीक गुरद्वारा दुःख निवारण साहिब  में लुधियाना एकता  वेलफेयर सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष श्री सौरव मैदान की अध्यक्षता में पहला राशन वितरण समाहरोह 18 नवम्बर को किया गया।इस अवसर पर 11 जरूरतमंद गरीब महिलावों को राशन वितरित किया गया। इस समाहरोह में मुख्या मेहमान के तौर पर अकालीदल बदल के शहरी प्रधान ( पूर्व मंत्री)  स. शरणजीत सिंह ढिल्लो , भाजपा नेता (पूर्व प्रधान )परवीन बांसल,  पूर्व स्वास्थय मंत्री सतपाल गोसाई , पूर्व जेल मंत्री हिरा सिंह गाबड़िया , फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो CFIB, मीडिया इंटेलीजेन्स के डायरेक्टर डॉ. भारत , पूर्व ACP. सतीश मल्होत्रा , कांग्रेस नेता  नरेश धीमान , श्री डिम्पल  राणा , रमेश भगत , दरबार श्री खचखण्ड लखदाता के बाबा मीनाशाह ,मां भगवती क्लब अविनाश सिक्का ,समाज सेवक दीपक मक्कड़ ,श्रीमती सोनियां शर्मा ,श्री मोती भनोट ,श्रीमती वीणा वर्मा ,मधु वर्मा ,के अलावा स्थानीय गणमान्य विशेष तौर पर शामिल हुए। 
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Monday 18 December 2017

पंजाब की खटारा सरकारी बसों का किराया तै सीमा से ज्यादा।

पंजाब के सरकारी बसों में  किराया ज्यादा किसके आदेश से वसूला जा रहा है।  
पंजाब  में चलने वाली सरकारी बसों की हालत किसी खटारा से कम नहीं यात्री जहाँ मज़बूरी में यात्रा करते भी हैं लेकिन किराया निर्धारित सीमा से ज्यादा ? ऐसा क्यों कौन जिम्मेदार ?  
Onkar singh puri  F.I.B. Media :- Patti -- Tarntaran, Pb.
       
       फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( पट्टी तरनतारन) साकार की अधिकतर विभागों की तरह पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग की मनमानी अनियमितावों की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है यह कोई दोषरोपण नहीं बल्कि हकीकत है। जिन लोगों ने  सरकारी बसों में सफर किया है वे इन सब परेशानियों को जरूर जानते होंगे।  
    पट्टी से हरिकेपत्तन का किराया 20 रुपये , हरिकेपत्तन से मोगा का किराया 50 रुपये कुल किराया जोड़ कर 70  रूपये बनता है।  अगर कोई यात्री पट्टी से मोगा या मोगा से पट्टी आना या जाना हो तो सहूलियत के तहत 65 रूपये के आसपास होना चाहिए लेकिन यह क्या ? बसे  एक तरफ़ा किराया 75  रुपये वसूलती हैं ,इस विषय में जब कंडेक्टर और अड्डा इंचार्ज से पूंछ तांछ करने पर उन्होंने कोई सार्थक जवाब देने की बजाय हिला हवेली कर सरकारी आदेश और ट्रांसपोर्ट विभाग के ऊपर और इलेक्ट्रॉनिक मसीनों को बताया।  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो सम्बंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों से ऐसी लुटमलुट को अबिलम्ब बंद करने और पुरे पंजाब में इसी तरह हो रही धांधली की जाँच की मांग करती है। 

Thursday 14 December 2017

रेल विभाग द्वारा शरेआम यात्रियों से लुटामलूट।

सरकार की जानकारी में रेल यात्रियों को बेवकूफ बनाकर धोखे से लुटा जा रहा है। 
F.I.B. :( फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो )→⇒ Media Intelligence Service 


यह हमारे देश का दुर्भाग्य है की देशवाशियों को  स्वक्ष शासन प्रशासन देने  भ्रष्टाचार ख़त्म करने की  बजाये सरकार की जानकारी में  ही  सरकारी विभागों द्वारा ही रोज लुटा जा रहा है।
यह बड़े ही दुःख की बात है की रेल यात्रियों की सुविधा के नामपर रेजर्वेशन के तहत लूटखसोट जारी है।देश में मध्यम , लम्बी दुरी की चलने वाली सभी एक्सप्रेस गाड़ियों में यात्रियों की सुविधा के लिए पांच से सात डिब्बे ( कोच ) टू  टीयर थ्री टीयर के लिए रिजर्वेशन -आरक्षित का प्रावधान है।हर डिब्बे में कमसे कम 72 - 75 सीटें बर्थ सोने बैठने के लिए होती हैं।   जिसके  लिए यात्री अपने गंतव्य स्थान  सफर के लिए महीनों पहले टिकट रेजेवेशन करवाता है। इन्ही सब गड़बड़झाला के तहत यात्रियों को मुर्ख बनाकर लुटा जातां है।  
      रेजेर्वेशन यानि कि आरक्षित सीट -बर्थ सोने बैठने के लिए , तिकड़म के तहत रिजर्वेशन के नामपर वेटिंग टिकट आपको देने का धंधा शुरू हो जाता है।  5 से 7 कोच यानि डब्बे में दस पांच कौन कहे कई  सौ तक यात्रियों को वेटिंग  लिस्ट का टिकट पकड़ा दिया जाता है , और ऐसा पुरे देश में चलने वाली सैकड़ों गाड़ियों में वेटिंग टिकट काटकर यात्रियों को दिया जाता है। अब जबकि यात्री निर्धारित दिन अपने यात्रा के लिए निकलता है तो एजेंट और तत्काल टिकट की वजह से सीटें पहले ही फुल होचुकी होती हैं ? यात्री यतो जनरल बोगी में सफर करे या रेजर्वेशन वाले डब्बे में खचा खच भीड़ भरे डब्बे कोच में कहीं बैठने को कौन कहे खड़ा होने की भी जगह नहीं होती  यात्री मुशीबत का मारा जाये तो जाये कहाँ। 
       यात्रियों का वेटिंग लिस्ट का पैसा जो आम जनरल टिकट से तीन चार गुना ज्यादा होता है  रेलवे विभाग ने लिया है वह पैसा वापस नहीं करता।  इस हिसाब से प्रति दिन कई लाखों रूपए यात्रियों से लूट कर अपनी अवैध कमाई कर अपने विभागीय अधिकारीयों को भ्रष्टाचार बढ़ाने का मौका देकर अगले दिन की अवैध कमाई में लग जाता है.?
       फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ⇒ F,I.B.  देश के जिम्मेदार और देश के प्रधानमंत्री महोदय  से पुरज़ोर मांग करती है की देश की  आम जनता और रेल यात्रियों के साथ हो रही बेइंसाफी से निजात दिलाई जाये और इस तरह हो रही लूटखसोट को अविलम्ब बंद किया जाये।  अगर सरकार ऐसा कर कुछ सही कदम उठाती है तभी देश के लिए बुल्लेट ट्रैन और अन्य स्पीड वाली ट्रेनों का सपना साकार और सार्थक होगा   वर्ना   लोग यही कहने पर मजबूर होंगे की  दुनियां सुधर गयी  हम नहीं सुधरेंगे  ? क्यों की हम और हमारी गाड़ी भारतीय हैं।        

Monday 13 November 2017

पंजाब पुलिस का वर्तमान में काम सराहनीय परन्तु गति बनाये रखना जरुरी।

मौजूदा समय में पंजाब पुलिस प्रमुख सुरेश अरोड़ा के नेतृत्व में पंजाब पुलिस का काम ठीक , लेकिन भ्रष्ट कर्मियों और सफ़ेद लिबाश में छुपे राजनीतिकों पर करवाई ही पंजाब में शांति ला सकती है। 
Dr. Bharat  : F.I.B. >⇒ Media Intelligence Service 
   
   पिछले एक साल से पंजाब में कई धार्मिक नेतावों की हुयी हत्याओं ने  पंजाब पुलिस को सकते में डाल दिया था। और आम जनता तक यह सोचने लगी थी की पंजाब पुलिस प्रशासन को को क्या हो गया है जो निष्क्रिय पड़ी है , लेकिन पिछले दिनों पकडे गए देश व समाज विरोधियों की गिरफ़्तारी ने बहुत खोल दिया । रह गयी मीडिया की बात तो ऐसे में आजकल मीडिया अपना काम जरूर कर रही थी लेकिन दबे दबे से। 
      पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारीयों को अपने विभागीय कर्मियों को हर वक्त अटेन्शन रखना ही कामयाबी का रास्ता दिला सकती है। दूसरी जरुरी जो है की देश के अन्य राज्यों में पंजाब के विषय में दो  बातों से  कुछ अलग झेलनी  पड़ी  जिस हक़ीक़त को झुठलाया नहीं जा सकता , 1 -  गुजरा आतंकवाद , दूसरा नशीली वस्तुओं की वजह। और इन दोनों में कुछ राजनीतिक लोगों की मिलीभगत से ही पंजाब के लोगों को त्राश्दी झेलने को मजबूर होना पड़ा। 
       पंजाब पुलिस को इस प्रान्त सूबे की शान मान को बनाये रखने के लिए जरुरी है की सफ़ेद लिबास में छिपे काले भेड़ियों का पर्दाफाश करना ही समय की मांग है। अगर पुलिस इस कार्य में कामयाब होती है तो चाहे पकिस्तान की दुनियां भर में बदनाम ख़ुफ़िया एजेन्सी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस ( I.S.I.) हो या सीरिया इराक ईरान  जैसे मुल्क की बगदादी की I.S.I.S. या देशी आतंकवादी ग्रुप हों  सबके सब पस्त  हो जायेंगे। विदेशी खड्यंत्र के सम्बन्ध में  ( F.I.B. फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ) ने अपने 30  अक्टूबर के मीडिया रिपोर्ट में ही शंका जाहिर कर दी थी। वैसे अगर आम जनता चाहती है की पंजाब में शांति सौहार्द बना रहे तो अपराधों की रोकथाम में पुलिस प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।     

Saturday 4 November 2017

फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) के पत्र पर भारत सरकार ने सख्त एक्शन लिया।

F.I.B. :⇛ फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो द्वारा अयोध्या रेलवे स्टेशन की दुर्दशा के सम्बन्ध में लिखे गए पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय (भारत सरकार) ने सख्त एक्शन लिया।
F.I.B.  : ⇒Media Intelligence Service, 
पूरे देश में सरकारी विभाग में अनियमता ,लापरवाही , करप्शन ,मनमर्जी की वजह से जहाँ नागरिकों को पेशानी उठानी पड़ी रही  है वहीँ देश का भी सत्यानाश हो रहा है, ऐसे में अगर कोई सही रास्ते पर ला सकता है तो वह है मीडिया। मीडिया से सम्बंधित फर्स्ट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो F.I.B. Intelligence Media  के अध्यक्ष डॉ. भारत ने अयोध्या में गंदगी और रेलवे प्लेटफॉर्म की दुर्दशा के विषय में 16 अक्टूबर 2017 को   एक कड़ा पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , माननीय प्रधानमंत्री , महामहिम राष्ट्रपति को भेजते  हुए उचित करवाई के लिए भेजा था। जिसके जवाब में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कार्यालय  तरफ से फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो F.I.B. के अध्यक्ष डॉ. भारत को जवाब दिया गया है की आपके भेजे गए पत्र  को करवाई के लिए रेलवे विभाग को आदेश दे दिया गया है। दूसरी महत्वपूर्ण बात जो है वह यह की इस पत्र की कॉपी को सरकारी पोर्टल पर भी डाला गया है। 

Tuesday 31 October 2017

आखिर लुधियाना और पंजाब पुलिस किस बात से लाचार है ? या खुद ? @ ?

लुधियाना जिले व पंजाब में हुई  हत्याएं राजनीतिक , धार्मिक ,सामाजिक या नए आतंकवाद की शुरुआत ?
First Investigation Bureau(F.I.B.):⇒ Media Intelligence Service          

लुधियाना जिले एंव पंजाब क़े अन्य क्षेत्र में हुयी हत्याओं के लिए कहीं  सड़ी गली राजनीत, भ्रष्ट प्रशासन एंव कुछ जनता के नुमाइंदों के साथ कुछ विदेशी शक्तियां  जिम्मेदार तो नहीं, आखिर कौन है इनके पीछे  ?
      लुधियाना के पुलिस प्रशासन के लिए जहाँ अपराधियों  का न पकडे जाना यह शर्म भरी चुनौती तो है ही परन्तु यह पुरे पंजाब की पुलिस के लिए गंभीर चुनौती है।  वहीँ सामाजिक और धार्मिक संगठन भी इस जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। क्योंकि जिन जिम्मेदारियों के नामपर जिन जिम्मेदारियों के बल पर सामाजिक और धार्मिक संगठन बने हैं क्या वे वास्तव में अपनीं जिम्मेदारी निभा रहे हैं ? रह गयी पुलिस की बात तो आजकल की पुलिस सच्चाई से दूर राजनीतिक पार्टियों के हुक्म की गुलाम और छुट्टे भड़कीले सांड की भूमिका निभा रहे हैं। (यह अलग बात है की कुछ ईमानदार और कर्मठ पुलिस अधिकारीयों, कर्मियों की वजह से पुलिस अपने काम को अच्छे परिणाम भी दे रही है ) रह गई बात हत्याओं की तो 3  अप्रैल 2016 को भैणी साहिब में माता चंद  कौर की हत्या ,  23 अप्रैल  2016 को खन्ना में शिवसेना नेता दुर्गागुप्ता की हत्या ,  6 अगस्त 2016 को जालंधर में आऱ एस एस प्रमुख जगदीश गगनेजा की हत्या ,  14 जनवरी 2017 को लुधियाना में दुर्गा माता मंदिर के नजदीक हिन्दू नेता अमित शर्मा की हत्या ,  25  फरवरी 2017  को पिंड जगेड़ा नामचर्चा घर में डेरा प्रेमी सतपाल शर्मा और उनके पुत्र रमेश शर्मा की हत्या , 16  जून 2017 को लुधियाना के पीरू बंदा में पास्टर सुल्तान की हत्या , 17 अक्टूबर 2017 को आर एस एस. शाखा के अध्यक्ष रविंदर गोसाईं की हत्या , 30 अक्टूबर 2017 को हिन्दू नेता विपिन शर्मा की अमृतसर के भारत नगर बाजार में सरेआम गोली मारकर हत्या, ए सब बड़े और नामी लोगों की हत्यायें हुयी हैं बाकी अपराध दर किनारे हैं।    इन्ही कारणों से आम नागरिक अपनी इज़्ज़त अपनी जिंदगी की हिफाज़त में खुद लगा है ,और आपराधिक घटनाओं की जानकारी होते हुए भी वह पुलिस को जानकारी न देने में ही अपनी भलाई समझता है, आखिर क्यों ? पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारीयों को इसपर गहराई से सोचना होगा की जनता पुलिस से दुरी क्यों बनाई हुयी है।  ये हत्त्याएं यूँ ही तो हुयी नहीं कोई न कोई तो कारण  अवश्य होगा , यह सब  इस शहर क्या पुरे पंजाब के लिए खतरे की घंटी है अगर जिम्मेदार शासन प्रशासन के  उच्च और जिम्मेदार अधिकारी समय रहते कोई सार्थक कारगर कदम उठाकर अविलम्ब रास्ता नहीं नकालते हैं तो आने वाले समय में इसके भयानक परिणाम भुगतने पड़  सकते हैं। पुलिस प्रशासन को जनता का विश्वास बहाल करना पुलिस की कामयाबी है पुलिस और पब्लिक की दुरी कम करना ही पुलिस की कामयाबी बढ़ा सकती है। 
     F.I.B. फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ⇒ की आम नागरिकों से अपील  ⇉→ ::  याद रखें यह हर नागरिक का फ़र्ज़ ही नहीं धर्म है की वह अपराधों की रोक थाम में पुलिस प्रशासन का सहयोग करे।  

Saturday 21 October 2017

स्वच्छ भारत अभियान में राम की नगरी अयोध्या में गंदगी का साम्राज्य।

 क्या यही राम की वह अयोध्या है जहाँ पर राम ने जन्म लिया था।         
Dr, bharat Sr.journlist & Chairman | ⇒  F.I.B. ( First Investigation Bureau) 
आयोध्या जो एक धार्मिक और ऐतिहासिक  नगरी स्थल  है ,आज़ादी के बाद राजनीतिकों और धर्म के ठीकेदारों ने पुरे देश में राम के नाम पर अपनी अपनी ढपली अपने अपने राग पर खूब हो हल्ला मचाया है परन्तु अयोध्या का क्या हाल रहता है इससे देश के लोग बहुत कम  परचित हैं । यहाँ के रहने वाले लोग अधिकतर मुलभुत सुविधाओं से वंचित दुखी और परेशान नजर आते हैं। और साफ़ सफाई का वह आलम है की ? रेलवे स्टेशन पर उतरे ही या रेलवे से आते जाते यात्री नाक भौ सिकोड़ लेते हैं। ?
       आयोध्या = आयुद्ध= जहाँ पर कोई युद्ध न हो , प्रन्त अयोध्या के नामपर नजाने कितने छोटे बड़े  युद्ध होते आये हैं और कितने ही लोगों की जानें गयी हैं और भविष्य में न जाने कितने युद्ध  होंगे।                                अयोध्या  पौराणिक और ऐतिहासिक धार्मिक नगरी  जो अनेक महान राजाओ के नाम बखान करती है।  पर  सबसे मत्वपूर्ण तीन तीन  महान  तीन राजाओं के नाम से जानी जाती है प्रथम नाम जो लोगों के जुबान पर अग्रणीय रहता है वह है  प्रथम  नाम जो आता है वह हैं राजा भगीरथ जिनके प्रयास से गंगा नदी जो हिमालय की जटा  रूपी धाराओं  और मानसरोवर झील  ( जिसे ब्रह्मा जी का कमंडल कहा जाता है ) झील के गर्भ से होती हुयी गौ मुख से बहार निकल कर ऋषिकेश ,हरिद्वार ,कशी = बनारस , पाटलिपुत्र =पटना से आगे गंगा सागर बंगाल की खाड़ी सागर में मिल जाती हैं।  
         दूसरा  नाम जो लोगों के जुबान पर अग्रणीय रहता है वह है परुषोत्तम राम जिनके नामपर सात सात रामायण  काब्य और ग्रन्थ के रूप में मौजूद है। ( इनके त्याग बलिदान के कारण हिन्दू समाज भगवान के नाम से जनता और पूजता  है रामचन्द्र जी को भगवान तुल्य  पूजनीय मनता  है  जो भगवान विष्णु के अंशावतार माने जाते हैं )
     तीसरा नाम राजा हरिशचन्द जो एक सत्यवादी राजा के नाम से विख्यात हुए हैं। इसी तरह  अनेको राजाओं का नाम अयोध्या से ज़ुडा  हुआ है।  जब जब राजनीतिक सरगर्मियां होती है तब तब राम के नामपर अयोध्या में मंदिर के नामपर पुर देश में माहौल गर्माने लगता है। इतने ऐतिहासिक धार्मिक प्राचीन नगर की न तो कोई साफ़ सफाई ,ना तो आगन्तुओं के लिए कोई सार्थक उचित  व्यवस्था। जब यहाँ के कुछ लोगों से बात चीत के दौरान  पूछताछ  की गयी तो एक ही बात सामने आई की सब राजनीतिक ड्रामा है , यहाँ के लोग रोज़ी रोजगार ,शांति ,सौहार्द के साथ रहना चाहते है। अयोध्या में आने जाने वाले खुद हर बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि राजनीतकों की कथनी करनी में कितना फर्क है  । 
    यहाँ पर यह भी लिखना जरुरी समझते हैं की जब कोई राजनीतिक कार्यक्रम होना होता है , या कोई धार्मिक प्रोपेगंडा करना होता है तब उस जगहों  की उन रास्तों की  अलग साफ़ सफाई जरूर होती है , बाद में वही ढाक  के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती हैआखिर कबतक रामके नाम पर देश को गुमराह किया जाता रहेगा।  
                          व्यापत गंदगी और कुव्यवस्था के सन्दर्भ में फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (F.I.B.) की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय जोगी आदित्यनाथ को विशेष पत्र भेजते हुए साफसफाई और अन्य व्यवस्थ अविलम्ब ठीक करने की मांग की गयी है। वैसे F.I.B. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार -तथा हिन्दू समाज के अग्गरणीय नेताओं एंव धार्मिक गुरुवों  से अपील करती  है की अगर राम की अयोध्या के प्रति वास्तव में कुछ करने के लिए गंभीर हैं या चाहते हैं की आनेवाली जनरेशन राम और अयोध्या के प्रति श्रद्धा रखे व सेवा की भावना हो तो पंजाब  के दो धार्मिक स्थान श्री आनंदपुर साहिब और श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर से  शिक्षा पवित्रता लेकर कार्य करें, सेवा भावना सिख धर्म के गुरूद्वारे में होने वाली सेवा भावना की शिक्षा देख कर करें और राम की वह मर्यादा कायम रहे जिस के लिए रामचंद्र जी के जन्म से दस हजार साल पहले महऋषि वाल्मीकि महराज ने अपने काब्य ग्रन्थ रामयण में कर दी थी।  ताकि पुरे विश्व में रामके अयोध्या की स्वच्छता पवित्रता का बखान हो। किसी भी राजनितिक पार्टी की धर्म के नामपर  हमेसा राजनीत ठीक नहीं होती।       

Thursday 19 October 2017

समूर्ण देश के लिए दीपावली शुभ मंगलमय हो।

        फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो  ( F.I.B.) की तरफ से सभी देशवासियों  को हार्दिक शुभकामना और बधाई ।  
Dr.Bharat :⇒ National Chairman ⇉→ F.I.B.
 दीपावली प्रेम  सादगी आपसी भाई चारा  खुशहाली उमंग भरा त्यौहार ही नहीं यह एक वह शक्ति प्रदान करने वाला ,अपने मतभेद को दूर करने एक दुसरे को गले लगाने अन्धकार को दूर भगाकर प्रकाश से ( अंदरूनी अज्ञानता, अन्धकार,को दूरकर शांति ,शक्ति ,स्वास्थय , देनेवाला ) समूर्ण विश्व को उजाला से चकाचौंध करने वाला पर्व है। हम परमपिता परमात्मा और प्रकृति शक्ति से प्रार्थना करते हैं की यह दीपावली पुरे विश्व के मानव को वह शक्ति और ज्ञान प्रदान करे जिससे पुरे विश्व के मानव में  संपति ,संयम ,सादगी ,सफलता ,समृद्धि स्वास्थय और खुशहाली रहे । दीपावली का त्यौहार पर्व आपको तभी असीम ख़ुशी दे सकता है जब आपके पड़ोस में रहने वाला,आपके मोहल्ले में रहने वाला, कोई दुखी न हो। इसी के साथ विश्वकर्मा डे , व् गुरुपर्व आप सभी को शुभ मंगलमय हो।        शुभकामनाओं सहित : डॉ. भारत    

Sunday 15 October 2017

प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता सरायमीर।

उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ जिला राजनीति क्षेत्र के साथ साथ कुछ समय के लिए आतंकवादगढ़ के नाम से पुरे देश में भी  विवादित रहा है।
Dasrath, Pankaj : F.I.B. :⇒ Media Intelligence, Unit Azamgarh,
     इसी ज़िले का क़स्बा सरायमीर सेकेण्ड सउदिया सिकेण्ड सिंगापूर के नाम से भी प्रचलित रहा है और इन नामों को सार्थक भी कर रहा है। इस कस्बे में कई नामी नगर अध्यक्षों ( Toun eria Chairman )  ने अपने अपने कार्य से आगे बढ़ाया। पिछले पांच साल से नगर अध्यक्ष रहे रामप्रकाश यादव  जो दुबारा नगर अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी मैदाने जंग में हैं ,से फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) की   विशेष बात चीत।   
          सरायमीर : फर्स्ट इंवेस्टगेशन ब्यूरो  ⇒ मीडिया : युद्ध और राजनीत और प्रेम  में सभी नीति जायज मानी  गयी हैं। राजनीति में जहाँ  ,धर्मनीति, कूटनीति , रणनीति , सभी दाव चले जाते हैं। प्रान्तु  आज के मौजूदा समय में लोकसभा और विधानसभा के इलेक्शन ने  साम, दाम ,दंड, भेद , से नीति कुनीति ने पुरे देश की राजनीती ने सभी समीकरण ही बदल कर रख दिया है,इस लिए ग्राम पंचायत से लेकर नगर, महानगर, जिला परिषद् तक के चुनाव भी ऐसे नीतियों से अछूते नहीं हैं। 
        हमारी विशेष टीम ने पुरे सरायमीर क्षेत्र के अलग अलग लोगों से नगर अध्यक्ष रामप्रकाश यादव के कार्य काल के विषय में जानकारी ली तो 65 प्रतिशत लोगों ने किये गए कार्यों पर संतोष ब्यक्त किया  यह अलग बात है की जिन लोगों का कार्य नहीं हो पाया ऐसे ही लोगों ने नाराजगी जाहिर की । दूसरी तरफ देश में कहीं भी जातीय दंगे फसाद होने पर सरायमीर थाना क्षेत्र में भी माहौल गर्म हो जाता रहा है लेकिन नगर क्षेत्र केअध्यक्ष ( चेयरमैन) की सूझ बुझ और पुलिस प्रशासन की सख्ती की वजह से क्षेत्र शांतिमय रहा। हमारी टीम के सवाल पर रामप्रकाश यादव ने कहा की हमारा प्रयाश हमेसा रहा है की गरीब और जरुरत मंद लोगों को सरकार  द्वारा जारी की गयी सहायता समय पर उपलब्ध करा दी जाये और जो यहाँ के नागरिकों की मूलभूत जरूरतं हैं वह उन्हें पूरा किया जाये। यह भी एक सत्य है की चाहे केंद्रीय सर्कार हो या प्रादेशिक सरकार की घोषणाएं  घोषणाएं ही बनकर रह जाती हैं जनता यह सोचती है की सरकार ने तो कहा है इस लिए आप करो ? , लेकिन इधर नगर क्षेत्र का दुबारा चुनाव होना है। इस चुनाव में अनेक प्रत्याशी जोर आजमाइश के लिए मैदान में उतरेंगे रामप्रकाश यादव अपने किये हुए कार्य और अधूरे पड़े काम को पूरा करने और नयी स्कीम को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ मैदान में उतरेंगे , इन्हे अपने नगर क्षेत्र के नागरिकों पर पूरा भरोसा है।        
   

सरायमीर क्षेत्र के लोग बिजली विभाग से दुखी बदहाल

बिजली विभाग की लापरवाही धक्केशाही की वजह से सरायमीर सहित सम्पूर्ण जिले  के लोग परेशां  और दुखी कारोबार वगैरह  ठप्प होने से असहाय । 
Wasim ahmed (Pappu) Dasrath Kumar  :⇒ F.I.B. Media, Unit Azamgarh. 
        

Sunday 17 September 2017

चौथे स्तम्भ मीडिया का भटकना देश के लिए घातक है।

तथाकथित बाबाओं,फरेबी तांत्रिको डेरों और तथाकथित फरेबी  भगवान नकली गुरुओं को बनाने और बढ़ाने में राजनितिक नेता और  मीडिया जिम्मेदार है।            
 FIB :⇒ Media >  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो :   यह मौजूदा  समय की कड़वी सच्चाई है की   देश का प्रहरी, कलम के सिपाही , इतिहास बदलने की ताकत, बड़े से बड़े स्कैंडलों का पर्दा फास करने वाली ताकत देश का चौथा स्तम्भ आज रास्ते से भटक गया है। मीडिया को अपनी ताकत को पहचानना होगा।  

लुधियाना : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो  की स्पेशल रिपोर्ट : काश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक आसाम से लेकर पोरबंदर गुजरात तक कुछ इने गुने को छोड़कर प्रिंट मीडिया का ऐसा कोई भी समाचार पत्र पत्रिकाएं नहीं होंगी जिसमे ऐसे फरेबी तांत्रिकों तथाकथित ज्योतिषियों कुछ तथाकथित डेरों ,बाबाओं, फरेबी गुरुओं , ढोंगी भगवान जैसे लोगों के प्रचार प्रसार और विज्ञापनों से न भरी पड़ी हों। यही हॉल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का है जो ऐसे लोगों को सरपर उच्च आसन पर बैठाकर मान सम्मान देते हुए दुनियां को भ्रमित करते नज़र आते हैं। आज ऐसे ही धार्मिक आडंबरों ,तथाकथित पोँगा पंडितों ,देशभर में कुछ फैलाती मज़ारों के नामपर जहाँ देश की प्राचीन संस्कृति विश्वाश का सत्यानाश हो रहा है वहीँ ऐसे ही गरीब अनपढ़ को कौन कहे पढ़े लिखे अपने आपको संभ्रांत कहने वाले डॉक्टर ,वकील ,इंजीनियर जैसे लोग फर्जी कर्मकांड करने वालों के सामने नतमस्तक दंडवत होते हुए देखा जा सकता है। ऐसे में धूर्त लोगों की वह बात याद आती है > की दुनियाँ में ज्यादा तर लोग मुर्ख हैं ,मुर्ख बनाने वाला चाहिए :>--- दुनियां तो झुकती है, बस झुकाने वाला चाहिए ??? 
      और राजनितिक नेताओं,मंत्रियों  की बात तो ऐसे लोग सब्जी में आलू की तरह हर क्षेत्र में अपनी ढपली अपने राग के मुताबिक मज़ारों , डेरों ,मठों ,तांत्रिकों , तथाकथित बाबावों के आगे नतमस्तक होकर फैलने फूलने का मौका देकर देश की जानता को मुर्ख बनाकर सफ़ेद लिबास में काळा कारनामों का अंजाम देते हुए देश की कुर्सियों के लिए देश तक बेचने को तैयार रहते हैं। 
        लेकिन देश का चौथा स्तम्भ की ताकत का दम्भ भरने वाले प्रेस  मीडिया पत्रकारिता, बड़े से बड़े टीवी चैनलों  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्या वास्तव में अपनी ड्यूटी अपना फ़र्ज़ निभा रहा है ?   सायद नहीं आज का मीडिया गाँधी जी के तीन बदरों वाली भूमिका निभा रहा है कि  मैं बुरा देखूंगा सुनूंगा परन्तु बोलूंगा नहीं लिखूंगा नहीं क्योंकि हम बिकाऊ मीडिया हैं, हमें मीडिया की सच्चाई नहीं हमने नेताओं की फरेबी बाबाओं की कोई बुराई नज़र नहीं आती क्योंकि  पैसा ही भगवन है ।      क्या मीडिया अपनी ताकत भूल गयी , कहाँ गया  मीडिया का तीसरा नेत्र ,कहाँ गयी  पैनी धार कलम की ताकत। पिछले बीस पच्चीस साल पहले अगर किसी बड़े  से बड़े संतरी  मंत्री का , अगले रोज  प्रेस कन्फ्रंस होनी होती थी तो रात भर संतरी मंत्री को नीद नहीं आती थी प्रेस के नामपर पसीने तक छूट जाते थे प्रेस वालों का मीडिया का एक अलग ही रुतबा शान हुआ करती थी।  और आज ? एक अदना सा अार्दली ,अदना सा चपरासी ,अदना सा होमगॉर्डिअा मीडिया के साथ ऐसे पेश अाता  है की जैसे मीडिया वाले गुनहगार हों ,जैसे कोई अजीब सा बम्ब नुमा खिलौना हो ? आखिर क्यों कौन है इन सबका जिम्मेदार। अब भी वक्त है की मीडिया होशियारी से अपने रास्ते पर आकर देश की रक्षा , देश की गिरती शाख को पहचानते हुए मीडिया का झंडा तिरंगे के साथ गगन पर लहराए।      याद रखे  मीडिया अपनी ताकत पहचाने , अपने अपने मतभेद दर किनार करते हुए अपने फ़र्ज़ अपनी कलम के सिपाही देश के रक्षक की भूमिका अदा करे वार्ना ? अन्तंतह : यही देखना सुनना पड़ेगा कि लग गयी आग घरको घर के चिराग से।    आगे की पंक्तियों की  लेखक के शब्दों के फेर बदल के लिखना समय की मांग है ⇉→ अमन  बेंच देंगे चमन  बेच देंगे, वस्त्र क्या है मुर्दे का कफ़न तक बेच देंगे , चौथे स्तम्भ कलम के सिपाही अगर सो गए तो बेंचनेवाले अपना यह अहले  वतन बेंच देंगे। ⇧ तो मीडिया के जिम्मेदार और पुराने वे मीडिया के लोग जिन्हे मीडिया के आन ,बान ,शान की फ़िक्र चिंता है ऐसे जबाँज  लोगों को आगे आकर मीडिया की शक्ति, भक्ति,कर्म ,धर्म  को संभालना होगा वार्ना याद रखें वक़्त किसी को माफ़ नहीं करता।    
                  सारी  बातो की गंभीरता को देखते हुए  राष्ट्र हित , मीडिया        हित के सन्दर्भ में  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो First Investigation Bureau ( F.I.B.) ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय ,माननीय प्रधानमंत्री , माननीय सुप्रीम कोर्ट , सुचना प्रसारण मंत्री को विशेष पत्र भेजते हुए आवश्यक कदम उठाने की मांग की, साथ ही पत्र की प्रति रिकॉर्ड व् सूचनार्थ लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर को भी प्रेषित की है।           

Wednesday 13 September 2017

म्यांमार में मुसलमानो की हत्या के रोष में लुधियाना में जबरदस्त प्रदर्शन मार्च।

क्षेत्रवाद जातिवाद धर्म के नामपर कत्लेआम इंसानियत का दुश्मन  हैं यह सब  अब बर्दास्त के बाहर  है.
                           लुधियाना : मो.नसीम अंसारी > फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (F.I.B. :⇒Media  ) पिछले कई सप्ताह से  म्यांमार में निर्दोष रोहंगिआं मुसलमानो का कत्लेआम किया जा रहा है जो इंसानियत के नामपर कहर बरपाया जा रहा है जिसे खुदा भी कभी माफ़ नहीं कर सकता।  
         लुधियाना : 13 सितम्बर :>  म्यांमार - वर्मा में वहां की सरकार द्वारा सीधे साधे  रोहंगिआं मुसलमानो की कत्लेआम ने पूरी दुनियां को झकझोर कर रख दिया है। यह भी एक हक़ीक़त ही है के बादशाहियत और बहशियाना, बहशीपन  ने अबतक लाखों करोड़ों बेगुनाहों का खून बहाकर अपनी शैतानी ताकत दिखाई है लेकिन खुदा ने ऐसे सभी दहशत गर्दी बादशाहों राजाओं का नामोनिशां तक मिटा दिया है।   
      यह अलग बात है की म्यांमार की घटना ने सभी धर्मों के लोगों ने कड़े शब्दों में निंदा की है ,इस कड़ी  में लुधियाना के मुस्लिम समाज ने लुधियाना के इमाम के अगुआई में एक बड़े जलूस की शक्ल में फील्डगंज से नइ कचहरी तक मार्च करते हुए जिलाधीश कार्यालय में ज्ञापन सौप कर वर्मा म्यांमार में हो रहे कत्लेआम को बंद  करने की मांग की। 
      इस शर्मनाक घटना को ध्यान में रखते हुए भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी व् गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी को हो रहे कत्लेआम को रोकने के लिए अविलम्ब वर्मा म्यांमार की सरकार को सख्ती के साथ रोकने की आवाज़ बुलंद करना  ही समय का तकाजा है।   

Friday 8 September 2017

इनसाफ और हक़ पाने के लिए दरदर भटकते लोग।


बिहार में आज भी भ्रष्ट अफसरशाही के छत्र छाया में पूंजीपतियों की   दबंगई और गुंडई  के नीचे लोग जीने को मजबूर ? शासन प्रशासन  जानकार भी अनजान, फरियाद करे तो किससे कानून मूकदर्शक  बना गाँधी जी के तीन बन्दर की भूमिका  निभा रहा है ?   

   पटना  ( बिहार )  5   सितम्बर   ; सोहन कुमार साहनी ,एंव अरुण कुमार  FIB :⇒ Media  Information bureau :↦  बिहार राज्य  कभी शिक्षा , ज्ञान  ,परोपकार ,बहादुरी , मानवता का उदहारण  हुआ करता था।  परन्तु आजके मौजूदा समय में , हत्या अपहरण , बलात्कार , छीनाझपटी, किसी मजबूर गरीब  की जमीन पर फरेबी  कर्मचाररियों से मिलकर बाल्ट कब्जाकर अपने नाम पर करवा लेना जैसे कई अपराध सर चढ़कर बोलता है। 
         ऐसी ही एक दर्दनाक मामला की जानकारी  हमारे रिपोर्टर ने दी है की  गरीब साहनी  पुत्र स्वर्गीय तोता साहनी पुत्र  जतिन मंडल पुत्र हाथी मंडल मौजा - ग्राम बड़ी राँकोडी , तहसील - कोशी , जिला खगड़िया ,बिहार  वासी  की जमीं पर उसी ग्राम के मनीष सिंह ,फणीश सिंह पुत्रगण रग्वेन्दर  सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह   बलात  दबंगई के बलपर ६ बीघा से ऊपर जमीन पर फर्जी तरीके से कब्ज़ा कर रखा  है। जब गरीब साहनी ने इसकी जाँच करवाई तो तहसील के मुख्य कागज रजिस्टर पर ओवर राइटिंग की बात सामने आई इतना सबकुछ घपला होने के बावजूद सम्बंधित अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। 
             गरीब साहनी का लड़का  अमिताव साहनी जो लुधियाना पंजाब में अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए फल विक्रेता का काम करने के साथ गुप्तचर मीडिया संगठन फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F I B ) का सदस्य भी है। इन्ही बात के मद्दे नजर  अपनी घरेलु जमीनी मसले के सहयोग के लिए F I B कार्यालय में अपने पिता के साथ न्याय दिलाने हेतु फरियाद की।  इन सभी बातों की गंभीरता को देखते हुए FIB  ने  महामहिम राष्ट्रपति , बिहार के मुख्यमंत्री , डी.जी.पी . इत्यादि को विशेष पात्र भेजते हुए गरीब साहनी के जान माल की रक्षा का अनुरोध किया है। अब आगे यह देखना है की क्या गरीब साहनी को इंसाफ मिलता भी है या भ्रष्ट प्रशासन के राज्य में लोग यूँ ही दरदर की ठोकरें खाते  रहेंगे।  

Sunday 3 September 2017

अब लुधियाना से दिल्ली का सफर सवा घंटे में।

लुधियाना  से दिल्ली तीन साल के अंतराल के बाद दुबारा शुरू हुयी हवाई यात्रा।
Prem Prakash Chugh :> FIB :⇒ Media Information  Bureau, 

         विश्व मैनचेस्टर पर चमकने वाला लुधियाना शहर वासियों का दिल्ली से लुधियाना, लुधियाना से दिल्ली का सफर हुआ आसान ,मात्र सवा घंटे में लुधियाना से दिल्ली पहुँच सकते हैं। जल्द ही पठानकोट से भी  फ्लाईट शुरू होगी।   


         लुधियाना : 2  सितम्बर  ( फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो >) लुधियाना का साहनेवाल हवाई अड्डा गुलज़ार नजर आया , अलायंस एयर के  हवाई जहाज पहुँचने से पहले काफी संख्या में गणमान्य मौजूद थे।  अगुवानी करने वालों में लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल के अलावा  सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ,एयर इंडिया की नार्थ जॉन प्रभारी  मीनाक्षी कुमारी। कमर्शियल पायलट विवेक भारती, विधयक भारत भूषण आशु , विधायक संजय तलवाड़ ,विधायक अमरीक सिंह ढिल्लो , एयरपोर्ट डायरेक्टर ए.एन .शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर अमरदीप नेहरा ,टर्मिनल महेश बब्बर इत्यादि लोगों ने आने वाले यात्रियों का स्वागत किया। अब भविष्य में व्यापारिक ,उद्योग पतिओं , हौजरी ,कारखाने के कार्यों के  कामकाज अच्छी तरह से होने की क़वायस लगाई जा रही है।आजकल के भागम भाग जिंदगी के आपाधापी की वजह से समय कीमती है।  इसके अलावा शहर  वासियों को दिल्ली अाने जाने में सहूलियत तो होगी ही समय की बचत सबसे महत्वपूर्ण है।                          

Saturday 2 September 2017

अब नागपुर में भी गरीब लोगों को 5 रुपये में भोजन मिलेगा।

अगर केंद्र सरकार के साथसाथ  प्रांतीय State सरकार गंभीर हों तो देश में कोई भी ब्यक्ति भूख से नहीं मर सकता। 
FIB :⇒ Media Information Service    
  यह एक कडुआ सच्च है की मानवता के नाते  भारत देश में लाखों  सामजिक और धार्मिक संगठन प्रति दिन कहीं न कहीं खुला लंगर लगाकर भूखे लोगों का पेट भरते हैं। जबकि यह हर सरकार का दायित्य बनता है की वह अपने नागरिकों का पूरा ख्याल रखे ,ऐसे कार्यों में  सरकार  ( कुछ जिले प्रान्त को छोड़कर ) कितनी उदार है जग जाहिर है    लुधियाना  2  सितम्बर  वार्ता  > मीडिया : ( प्रेम चन्दर शर्मा  :> फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ) महाराष्ट्र  के नागपुर  के धन्तोली इलाके में दीन दयाल लांच बॉक्स योजना के तहत हॉस्पिटल के गरीब मरीजों और हॉस्पिटल के अन्य जरूरतमंद गरीबों शहर का एक प्रतिष्ठान रविवार से पांच रुपये में भोजन उपलब्ध करवाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसारमध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ , व अन्य जिलों से इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों और अन्य गरीबों को भोजन भोजन उपलब्ध करवाया जायेगा। इस सम्बन्ध में ३ सितम्बर को लक्ष्मीनगर के साइंटिफिक सोसाइटी द्वारा हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है , लांच बॉक्स में शुद्ध शाकाहार खाना मिलेगा जिनमे 3 तीन रोटियां और सब्जी होंगी। भारत सरकार को इस विषय पर गंभीरता के साथ विचार करना  समय का तकाजा है।   

Saturday 26 August 2017

डेरा प्रकरण: सलाम पत्रकार छत्रपति और बहादुर साध्वियों को

कब तक इस तरह की चौखटों पर माथे रगड़ेंगे सत्ता लोलुप नेता?
Special Report : FIB :⇒ Media Information Bureau
           यह एक सत्य है की कलम के सिपाही अगर सो गए तो बेचने वाले वतन के साथ मुर्दे का कफ़न तक बेंच देते है। अगर देश की सीमा और सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना करती है तो देश के अंदरूनी ,सामाजिक और हर बुराइयों के खिलाफ लड़ने वाले कलम के सिपाही मीडिया के जांबाज लेखक, रिपोर्टर,फोटोग्राफर , व मीडिया से जुड़े लोग करते हैं मीडिया के ताकत पर ही देश अंदर से सुरक्षित है। हरियाणा के राम रहीम प्रकरण के सन्दर्भ में जितना डेरा प्रमुखी  जिम्मेदार है  उससे ज्यादा सड़ी गली राजनीति और राजनीति के तथाकथित नेता लोग जिम्मेदार हैं।    
नयी दिल्ली//लुधियाना//सिरसा//पंचकूला: 25 अगस्त 2017  (FIB मीडिया टीम)::
जो लोग पत्रकारों पर छींटाकशी करते नहीं थकते उनको शायद समझ में आ गया हो कि हाल ही में जो लंका जली है उसको जलाने के लिए एक बहादुर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने युद्ध की घोषणा की  इसमें डाली आहूति। इस लंका को जलाने में है उन दो बहादर साध्वियों की हिम्मत जिन्होंने समझ लिया था की डर के आगे जीत है। अगर उन्होंने इस डेरे में आते बड़े बड़े लोगों की ताक़त को देख क्र घुटने तक दिए होते तो आज सारी हकीकत दुनिया के आमने नहीं खुलती। 

जिसकी ताकत के आगे सरकारें भी नतमस्तक रहीं, हर दल के नेता भी, बड़े बड़े लोग भी--उस डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की हकीकत का सामने लाने तथा उसके दुष्कर्म को अंजाम तक पहुंचाने के पीछे कई ऐसे नाम हैं जो चर्चा में नहीं आए। हम उन सभी को सलाम करते हैं। इनमें दिवंगत पत्रकार राम चंदेर छत्रपति, दो पीड़ित साध्वियां तथा सीबीआई अधिकारी सतीश डागर।श्री डगर नहीं होते तो शायद डेरे प्रमुख इस अंजाम तक नहीं पहुंच पाते।   

गौरतलब है कि 15 साल पहले डेरा के अंदर साध्वियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न को पत्रकार राम चंदेर छत्रपति ने ही उजागर किया था से साप्ताहिक अख़बार के ज़रिये। उस अख़बार का नाम  है 'पूरा सच' जो सचमुच सच बोलता था।  इस अखबार को निकालने वाले छत्रपति ने डेरा का पूरा सच और एक गुमनाम पत्र को अपने अखबार में छाप दिया जिसमें दो साध्वियों के साथ बलात्कार और यौन हिंसा की बात स्पष्ट लिखी गयी थी। यह गुमनाम पत्र उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी भेजा गया था। इस सरे मामले को छापने के कुछ ही समय के भीतर छत्रपति जी पर हमला हुआ। पत्रकार छत्रपति की हत्या गयी। यौन शोषण की शिकायत करने वाली दो साध्वियों के भाई रंजीत की भी हत्या की गयी। एक पत्रकार ने सच के लिए जान दे दी। एक भाई को बहनों की इज़्ज़त की रक्षा के लिए जान गंवानी पड़ी। इस सब के बावजूद सत्ता लोलुप नेताओं ने बाबा के दरबार में जा कर माथे रगड़ना नहीं छोड़ा।  

इस सारे सच को दुनिया के सामने लाने राम चंदेर छत्रपति को शहीद कर दिया गया। एक हंसता मुस्कुराता साहसिक पत्रकार बीच शहर में मार दिया गया। सत्ता से चिपके रहने की चाह में जीने और मरने वाले नेताओं को फिर भी शर्म नाहिंन आयी। राम चंदेर के बेटे अंशुल ने मीडिया को बताया कि एक बार जब लड़ने का फैसला कर घर से निकले तो रास्ते में बहुत से अच्छे लोग भी उन्हें मिले। तमाम दबावों के बाद भी कुछ लोगों ने हमारा और साध्वियों का ही साथ दिया। 

अंशुल बताते हैं-यही नहीं सीबीआई के जाबांज़ डीएसपी सतीश डागर न होते तो यह केस अपने मुकाम पर नहीं पहुंच पाता। सतीश डागर ने ही साध्वियों को मानसिक रूप से तैयार किया। एक लड़की का ससुराल डेरा का समर्थक था। जब उसे पता चला कि उसने गवाही दी है तो उसे तुरंत घर से निकाल दिया गया। इसके बाद भी लड़कियां तमाम तरह के दबावों और भीड़ के खौफ का सामना करती रहीं। नवरात्र के व्रत रखने और देवी के 9 रूपों  वाले समाज ने साथ भी दिया तो रावण और कौरवों का। किसी महिला संगठन ने अब भी इस मुद्दे को नहीं उठाया।  

सतीश डागर नहीं होते तो ये लोग खौफ का सामना नहीं कर पाते। वही इनके लिए नैतिक हिम्मत बने। अंशुल ने बताया कि सतीश डागर पर भी बहुत दबाव पड़ा। मगर वह नहीं झुके। बड़े-बड़े आईपीएस ऐसी हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं मगर डीएसपी सतीश डागर ने कमाल का साहस दिखाया। अंशुल ने बताया कि पहले पंचकूला से सीबीआई की कोर्ट अंबाला में थी। जब ये लोग वहां सुनवाई के लिए जाते थे तब वहां भी बाबा के समर्थकों की भीड़ आतंक पैदा कर देती थी। हालत यह हो गई कि जिस दिन सुनवाई होती थी और बाबा की पेशी होती थी उस दिन अंबाला पुलिस लाइन के भीतर एसपी के ऑफिस में अस्थायी कोर्ट बनाया जाता था। छावनी के बाहर समर्थकों का हुजूम होता था. ऐसी हालत में उन दो साध्वियों ने गवाही दी और डटी रहीं, आसान बात नहीं उस बाबा के खिलाफ जिससे मिलने कांग्रेस, अकाली दल और  भाजपा के बड़े-बड़े नेता सलामी देने जाते थे। अय्याशी और खौफ के साम्राज्य के उस किले में बाबा के चेले क्या सीख रहे थे यह सब अब पूरे देश के साथ दुनिया ने भी देख लिया। क्या इस तरह सत्ता के सामांतर किले खड़े करने वाले  भी कोई सबक सिखाया जायेगा? क्या इस तरह के डेरे अब भी चलते रहेंगे।  क्या अब भी जारी रहेगा इन डेरों के अंदर इन बाबाओं कानून? सत्ता लोलुप नेता अब भी इसी तरह इस चौखटों पर माथे रगड़ रगड़ कर देश और समाज को बेबस करते रहेंगे?  

Wednesday 23 August 2017

FIB,फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो की अपील

      शांति व्यवस्था बनाये रखने में प्रशासन का पूरा  सहयोग  करें।  
    FIB :⇒ ( First Investigation Bureau 
याद रखें देश समाज की सेवा से बढ़कर और कोई सेवा नहीं, देश हित का कार्य हर नागरिक का फ़र्ज़ है ।         
   
     लुधियाना :23 अगस्त       आज  कल धार्मिक मुद्दे को लेकर देश प्रदेश का माहोल कुछ तनाव की स्थिति में है। खाश तौर पर पंजाब ,हरयाणा के सन्दर्भ में सभी   ( FIB )  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो  संगठन के सदस्यों से अपील है की वे कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे कानून व्यवस्था में व्यवधान पड़े ,  किसी भी अफवाह को आगे न बढ़ाये।  और न  किसी  अफवाह पर ध्यान  दें और न ही  किसी को अफवाह फ़ैलाने दें  ।  कानून व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग करें।  


 

    

Sunday 20 August 2017

हर तरफ से चौकसी ही देश और देशवासिओं को सुरक्षित रख सकती है।


अगर हम पडोसी मुल्क की चाल से सावधान नहीं रहे तो युद्ध के बिना हमें बहुत नुकसान  उठाते हुए  तबाही का मंजर देखना पड़ सक्ता है। 
FIB : ⇒ Information Service
   
  देश की सीमा पर दोनों देश चीन और पाकिस्तान की तरफ से तनाव की स्थिति बानी हुई है, लेकिन मौजूदा समय में चीन  की तरफ से प्राकृतिक आपदा  के नामपर खतरा सर पर मंडरा रहा है।  यह खतरा है ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का , विश्व भाई चारे के मुताबिक  किसी भी देश की नदी का पानी दूसरे देश से गुजरता है तो नदी के पानी की स्थिति की जानकारी पडोसी देश जहाँ से पानी गुजरता है उस मुल्क को देने का प्रावधान है। लेकिन चीन ने तनाव की स्थिति में हमारे देश को कोई जानकारी नहीं दी है जबकि ब्रह्मपुत्र नदी  बरसात के दिनों में हमारे देश के आसाम के साथ कई इलाकों के इलावा बांग्लादेश में तबाही  मचाती है  लेकिन  ? ? चीन के क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर लगभग तीन बांध ( डैम ) बने हुए हैं, अगर वह बगैर सुचना दिए अपने बांध का पानी खोल दिया तो तबाही का मंजर असम ,बंगाल तथा अन्य इलाकों में कहर बरपाते देखा जा सकता है, जान माल का कितना नुकसान होगा उसका आंकड़ा बाद में पता चलेगा। भौगोलिक इस्थिति से चीन भारत से ऊँचे स्थान पर पड़ता  है ,वैसे भी चीन से कई नदियां निकलती हैं।  ब्रह्मपुत्र के इलावा  सतलुज  और सिंधु भी निकलते हुए पंजाब से होते हुए अरब सागर तक जाती हैं। वैसे भी इन दिनों बरसात का मौसम है भारत सरकार को दुश्मन के हर चाल के काट के साथ बचाव का पूरा प्रबंध हमेसा रखना ही हितकर है। 
        यह एक सच्चाई है की इतनी वक्त भारत देश पुरे विश्व में तेजी से प्रगति करते  हुए हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, इस प्रगति से पास पड़ोस और अमेरिका तक जलभुन कर चिढ़े हुए हैं ,और ऐसे देश भारत देश की प्रगति रोकने के लिए साम ,दाम,दण्ड ,भेद ,   राजनीति  कूटनीति ,धर्मनीति और रणनीति के नामपर देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इस लिए  देश के जिम्मेदार कर्णधार ,लोगों की जिम्मेदारी हदसे ज्यादा बढ़ गयी है , देश की सीमा की सुरक्षा हो या देश की आंतरिक सुरक्षा हो , अन्य क्षेत्र की बात हमारी चौकसी हमारी तैयारी ही हमारे देश को सुरक्षित खुश हाल रख सकती है। 

Friday 18 August 2017

स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया।


फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो द्वारा  स्वतंत्रता दिवस धूमधाम मनाया गया। 
FIB :Media ⇒ Service
 लुधियाना  16 अगस्त  : राष्ट्रिय अपराध व् नशा विरोधी जाँच पड़ताल गुप्तचर मीडिया सर्विस : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो: (FIB) की तरफ से  राष्ट्रिय पर्व  स्वतंत्रता दिवस मुख्य कार्यालय  न्यू कुंदन पुरी सिविल लाइन्स लुधियाना में ब्यूरो के अध्यक्ष डॉ. भारत की अध्यक्षता में बड़ी धूम धाम से मनाया गया। 

                                                                                                        

देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य ही नहीं धर्म  है की राष्ट्रिय पर्वको हर्षोउल्लास 
के साथ मनाये 

 मंच  पर बैठे मुख्य अतिथि माननीय CJM   मैडम गुरप्रीत कौर , विधायक राकेश पण्डे , व अन्य गणमान्यों को गणतंत्र की बधाई देते एंव संगठन की जानकारी देते हुए                                                    


मंच पर बैठे मुख्य अतिथि माननीय CJM   मैडम गुरप्रीत कौर , विधायक राकेश पण्डे , व अन्य गणमान्यों को गणतंत्र की बधाई देते एंव संगठन की जानकारी देते हुए  संगठन के अध्यक्ष डॉ भारत।     इस समाहरोह के मुख्या अतिथि न्यायधीश  ( चीफ जुडीशियल मजिस्ट्रेट   C J M ) मैडम गुरप्रीत कौर और मुख्य मेहमान पंजाब सरकार के सीटी विधायक श्री राकेश पण्डे थे। विशेष मेहमानो में इंटेक के प्रधान एंव बेलन ब्रिगेड के प्रेजिडेंट अनीता शर्मा , पंजाब कांग्रेस के सचिव चन्दर सेखर सहोता , स्थानीय नेता सरदार दलीप सिंह लीसा ,  ... के प्रधान स्वीटी बत्रा , ,,      . .  इस अवसर पर राष्ट्रिय झंडा फहराने की रस्म न्यायधीश गुरप्रीत कौर एवं राकेश पाण्डे ने संयुक्त रूप में अदा की। इस औसर पर समाहरोह के मंच से  न्यायधीश CJM  गुरप्रीत कौर ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए मौजूदा  समाज की कठिनाइयों से जूझ रहे लोगों और    न्याय प्रणाली की जानकारी देते हुए डॉ. भारत द्वारा मीडिया संगठन क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो   एंव FIB, फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।  माननीय न्यायधीश महोदय ने कहा कि जिस तरह से डॉ. भारत संगठन के तहत कार्य कर रहे हैं आज देश समाज को ऐसे ही लोगों की जरुरत है जो निस्वार्थ भाव से देश समाज की सेवा कर सकें। इस मौके पर  माननीय  गुरप्रीत कौर ने भविष्य में  डॉ. भारत एवं फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो को  पूरा सहयोग दने का बचन दिया।  इसके बाद मंच से  राकेश पण्डे ने जहाँ पंजाब सरकार द्वारा किये जारहे कार्यों की जानकारी दी वहीँ डॉ, भारत द्वारा फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो के तहत किये जा रहे कार्यों की सराहना की  समारोह में संगठन के प्रेजिडेंट ओंकार पूरी  राष्ट्रिय सचिव रेक्टर कथूरिअा , राष्ट्रिय   इन्वेस्टीगेशन अफसर राकेश जैसवाल , सलाहकार प्रदीप शर्मा , सलाहकार प्रोफ़ेसर  विशाल कांत, इन्वेस्टिगेटर आर के बत्रा , जनसम्पर्क अधिकारी , शशि जैस्वाल , अधिकारी सोनू शर्मा , हरप्रीत सिंह , सुचना अधिकारी इंदरजीत जैस्वाल , सुचना अधिकारी सोहन कु. साहनी , अरुण कुमार ,आजमगढ़ के अधिकारी  दशरथ  कुमार , आनंदपुर साहिब से बलबीर  , तरन तारन से जगतार सिंह,उनके साथी , अस्वनी सग्गी, गौरव सग्गी व अनेक गणमान 

Wednesday 16 August 2017

देश के दुश्मनों पर पैनी नज़र है FIB की

हर्षोल्लास से मनाया स्वतंत्रता दिवस 
सारी उम्र इसी जनून में गुज़ार दी है डाक्टर भारत ने 
सीजेएम डा गुरप्रीत कौर जी को सुस्वागतम कहते हुए डा. भारत 
लुधियाना: 16 अगस्त 2017: (FIB मीडिया टीम):: 
15 अगस्त को FIB मीडिया ने भी न्यू कुंदनपुरी में स्वतंत्रता दिवस हर्षोउल्लास से मनाया। आयोजन डाक्टर भारत की देखरेख में हुआ। मुख्य मेहमान के तौर पर विशेष समय निकल कर शामिल हुईं सीजेएम डा. गुरप्रीत कौर। विशेष मेहमान थे एम एल ए राकेश पांडे और बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा। सीजेएम डा. गुरप्रीत कौर और विधायक राकेश पांडे ने झंडा लहराने की रस्म संयुक्त तौर पर अदा की। एनजीओ "मानवता" की प्रधान स्वीटी बत्तरा  भी प्रमुख आयोजकों में रहीं। 
NGO मानवता की प्रमुख स्वीटी बत्तरा एफ आई बी कार्यालय में 
इस मौके पर मीडिया से बता करते हुए FIB मीडिया के चेयरमैन डाक्टर भारत ने स्पष्ट किया कि मैंने अपनी सारी उम्र देश की सेवा में लगाई है और यह सिलसिला आखिरी सांस तक जारी रहेगा। न मुझे आज तक कोई डरा सका न ही कोई खरीद सका। उन्होंने कहा कि इस देश की धरती का पानी पिया है। इसकी हवा में सांस ली है। एक एक सांस क़र्ज़ की तरह है। खून की आखिरी बूँद भी बहानी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा की देश को दरपेश खतरों के संबंध में उनके नेटवर्क ने बहुत कुछ जुटाया है जिसका खुलासा हम जल्द ही करेंगे।  फ़िलहाल इसकी सूचना भारत सरकार को दी जा चुकी है। 
गौरतलब है कि बहुत सी आतंकी घटनाओं की आशंका डाक्टर भारत ने बहुत पहले ही जता दी थी। इसकी चर्चा कई बार मीडिया में भी हो चुकी है। इसी जनून में डाक्टर भारत ने अब तक न अपना कुछ बनाया न ही अपने परिवार का। अब देखना है उनका यह जनून देश को आगे बढ़ाने में कितनी जल्द सहायक होता है। 
इसी बीच NGO मानवता की प्रमुख स्वीटी बत्तरा ने डा भारत और FIB मीडिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश और जनता की भलाई  हम  FIB को हर सम्भव सहयोग देंगें। 

Friday 11 August 2017

"पत्रकारों पर आर्थिक दबाव" की चर्चा ने पहचाना मीडिया का दर्द

मीडिया सेमिनार ने दिया आर्थिक हालात सुधारने का हौंसला 
लुधियाना: 11 अगस्त 2017: (FIB मीडिया ब्यूरो):: 
सेमिनार का विषय भी अजीब था। पत्रकारों पर आर्थिक दबाव। बस हाल ही गुज़री 9 अगस्त 2017 को हुआ था इसका आयोजन। विषय अछूता सा था पर फिर भी अजीब सा लगा। 
मन में सवाल उठा-भला यह दबाव आजकल किस पर नहीं होता? 
पूछने पर बात खुली कि आम तौर पर मीडिया कर्मियों ने खुद सहेड़ा होता है यह आर्थिक दबाव। मीडिया संस्थान इनके इस तरफ झुकाव का पूरा फायदा उठाते हैं और इनका शोषण करते हैं। दुनिया के भले की आकांक्षा को लेकर अपने भले को दांव पर लगा देते हैं ये पत्रकार तांकि दुनिया का कुछ संवर सके। वे खुद रातों को जाग कर दुसरों को सावधान करते हैं। समाज को जगाये रखने वाले बिन तनखाह के प्रहरी। 
लेकिन अब बहुत हो गया। क़ुरबानी के नाम पर भावुक शोषण का यह सिलसिला लम्बे समय से जारी है।
बहुत बार बहुत से नामों तले इस तरह के मामले उठे, नारे भी लगे, संगठन भी बने, संघर्ष भी चले लेकिन प्रधानगी और दुसरे फायदों का सौदा तय होते ही भले की यह बात नारों तक सिमट कर रह जाती। हमारे पास सबूत और विवरण भी हैं। इसके बावजूद हम संकेतिक भाषा का इस्तेमाल ही उचित समझते हैं।
भावुकता की हद तक मीडिया से जुड़े इन पत्रकार साथियों के कंधों पर चढ़ कर इनके ही साथी बड़े बड़े पदों पर सत्ता सुख भोगने पहुंच जाते।  कोई सांसद बन गया और कोई मंत्री और कोई किसी बड़े नेता का पीआरओ या प्रेस सचिव। बाकी के पत्रकार खिसियानी बिल्ली की तरह कोई नया नेता या नयी यूनियन या कोई नया संगठन बनाते या तलाशते रह जाते। दिल में गुस्सा उठता, दिमाग में तूफ़ान खड़े होते लेकिन इस सब से इनका अपना ही दिल जलता। इनका फायदा उठाने वाले इन्हें कोई झूठा सा नया सपना दिखा कर खिसक लेते। ये बेचारे संघर्ष की आग में तपते रह जाते।
फिर यह गर्मी भी ठंडी हो गयी। संघर्ष की बात अतीत का हिस्सा बन गयी। झगड़ा उठता भी तो किसी न किसी नाम से क्लब बना कर प्रधानगी तक सिमट कर रह जाता। सिद्धांतो, मांगों और मुद्दों की बात किसी गए गुज़रे ज़माने की बात बन गयी।
पत्रकारों के संघर्ष और दमखम की बात याद करने और कराने का प्रयास था यह सेमिनार। कम से कम दीप जगदीप की बातें सुन कर तो यही लगा। पुराने अनुभव के साथ अब नया जोश भी शामिल है। 
इस सेमिनार के बाद लगा कि संख्या में कम ही सही पर कलम के सिपाही अब आर-पार की जंग के लिए तैयार हैं। फैसला कठिन था लेकिन करना पड़ा। इसके इलावा कोई चारा भी नहीं था शायद। इस मकसद के लिए 21 सदस्यों पर आधरित विशेष कार्य समिति बना दी गयी है। जो इस समस्या के हल पर भी ठोस काम करेगी।
थोड़ा पीछे पलट कर देखें तो तस्वीर और स्पष्ट हो सकेगी। उल्लेखनीय  है कि खुद को "शुद्ध स्वदेशी" और "असली" समझने वाले मीडिया के ही कुछ लोगों ने अपने दुसरे भाईबंदों को "चाईना" कहना शुरू कर दिया था। पहले तो हमें बात ही समझ में नहीं आई लेकिन जब कुरेदा तो पता चला कि "चाईना" उन पत्रकारों को कहा जाता है जिनकी खबर उनके नाम से कहीं नज़र नहीं आती लेकिन वे हर जगह कवरेज के लिए मौजूद होते हैं। अब थोड़ी सी चर्चा "चाईना" कहे जाने वाले मीडिया कर्मियों की हकीकत पर भी की वे क्यों हर जगह होते हैं और उनकी खबर कहीं दिखती नहीं।
वे मीडिया में आते हैं बड़े जोशी खरोश से लेकिन इस मकसद के लिए आवश्यकता होती है किसी न किसी अख़बार या चैनल की। जब यह नए पंछी वहां सम्पर्क करते हैं तो इनको नज़र आने लगता है कि इतना आसान भी नहीं है कोई मीडिया संस्थान ज्वाइन कर लेना। वहां स्कियोरिटी की रकम, ब्लैंक चैक और घर की रजिस्ट्री की मांग... समझ आने लगता है मीडिया कर्मी बनने का भाव। फिर इन्हें खुद को असली कहने वाले पत्रकार अपने अपने ग्रुप में शामिल करते हैं। काम ये लोग करते हैं और नाम इनके ग्रुप लीडर का होता है। स्थिति यहाँ तक क्यों पहुंची इसके लिए भी मीडिया कर्मी खुद ज़िम्मेदार हैं। बात लम्बी है इस लिए फिर कभी सही। फ़िलहाल समस्या की एक झलक मात्र तांकि अंदाज़ा हो सके कि शोषण करने वालों में खुद मीडिया कर्मियों के अपने साथी भी पीछे नहीं रहते। 
चलो शोषण करने वाले तो शोषण करते ही हैं। दर्द उस समय और बढ़ता है जब अपने ही लोग काम का पैसा दिलवाने के लिए दिखाई देते संघर्षों के नाम पर विरोधी गुट के साथ मिले हुए नज़र आते हैं।
मीडिया संगठन के लिए पदाधिकारियों के चुनाव या सदस्यता की बात चले तो पूछते हैं--क्या आपको तनखाह मिलती है?  स्पष्ट जवाब भी देते है कि कि अगर तनखाह नहीं मिलती तो हम आपको पत्रकार नहीं मानते। सब कुछ पता होने के बावजूद वे इन लोगों को कभी "चाईना" कहते हैं और कभी कुछ और। कोई नहीं कहता कि अगर आपको काम के बावजूद आपको कूछ नहीं मिलता तो हम देखते हैं कौन नहीं देता आपको आपके काम की मेहनत। कोई नहीं कहता कि देखते हैं  कौन मारता है आपकी तनख्वाह।  इन "चाईना" कहे जाने वाले पत्रकार लोगों का दर्द पहचाना है "द पीपुल्स मीडिया लिंक" नेजन मीडिया मंच की ओर से आयोजित इस  सेमिनार में इस  विषय पर बारीकी से चर्चा हुई।  आने वाले दिनों में शायद और भी बहुत कुछ ऐसा होगा जो मीडिया की मौजूदा हालात की तस्वीर में नए रंग भरेगा।  क्या आप तैयार हैं?