अगर हम पडोसी मुल्क की चाल से सावधान नहीं रहे तो युद्ध के बिना हमें बहुत नुकसान उठाते हुए तबाही का मंजर देखना पड़ सक्ता है।
FIB : ⇒ Information Service
देश की सीमा पर दोनों देश चीन और पाकिस्तान की तरफ से तनाव की स्थिति बानी हुई है, लेकिन मौजूदा समय में चीन की तरफ से प्राकृतिक आपदा के नामपर खतरा सर पर मंडरा रहा है। यह खतरा है ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का , विश्व भाई चारे के मुताबिक किसी भी देश की नदी का पानी दूसरे देश से गुजरता है तो नदी के पानी की स्थिति की जानकारी पडोसी देश जहाँ से पानी गुजरता है उस मुल्क को देने का प्रावधान है। लेकिन चीन ने तनाव की स्थिति में हमारे देश को कोई जानकारी नहीं दी है जबकि ब्रह्मपुत्र नदी बरसात के दिनों में हमारे देश के आसाम के साथ कई इलाकों के इलावा बांग्लादेश में तबाही मचाती है लेकिन ? ? चीन के क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर लगभग तीन बांध ( डैम ) बने हुए हैं, अगर वह बगैर सुचना दिए अपने बांध का पानी खोल दिया तो तबाही का मंजर असम ,बंगाल तथा अन्य इलाकों में कहर बरपाते देखा जा सकता है, जान माल का कितना नुकसान होगा उसका आंकड़ा बाद में पता चलेगा। भौगोलिक इस्थिति से चीन भारत से ऊँचे स्थान पर पड़ता है ,वैसे भी चीन से कई नदियां निकलती हैं। ब्रह्मपुत्र के इलावा सतलुज और सिंधु भी निकलते हुए पंजाब से होते हुए अरब सागर तक जाती हैं। वैसे भी इन दिनों बरसात का मौसम है भारत सरकार को दुश्मन के हर चाल के काट के साथ बचाव का पूरा प्रबंध हमेसा रखना ही हितकर है।
यह एक सच्चाई है की इतनी वक्त भारत देश पुरे विश्व में तेजी से प्रगति करते हुए हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, इस प्रगति से पास पड़ोस और अमेरिका तक जलभुन कर चिढ़े हुए हैं ,और ऐसे देश भारत देश की प्रगति रोकने के लिए साम ,दाम,दण्ड ,भेद , राजनीति कूटनीति ,धर्मनीति और रणनीति के नामपर देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इस लिए देश के जिम्मेदार कर्णधार ,लोगों की जिम्मेदारी हदसे ज्यादा बढ़ गयी है , देश की सीमा की सुरक्षा हो या देश की आंतरिक सुरक्षा हो , अन्य क्षेत्र की बात हमारी चौकसी हमारी तैयारी ही हमारे देश को सुरक्षित खुश हाल रख सकती है।
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