Tuesday 30 May 2017

आतंकवाद के खिलाफ भारत देश को अब हमेशा चौकस रहना जरुरी

  Dr. Bharat   F.I.B. Media

     लुधियाना ::  पिछले डेढ़ दो सालो में आतंकवाद के नाम पर विश्व के कई मुल्कों में I.S.I.S. व कुछ अन्य गोपनीय आतंकवादियों द्वारा अपना खूनी  खेल खेल कर   तबाही मचाई है , इनके ऐसे जघन्य कार्यों से ऐसे निर्दोष लोगों की जाने गयी हैं जिनमे  मरने वालों का  ना तो किसी जाति धर्म से मतलब और न ही किसी राजनितिक पार्टी से कोई ताल्लुक वे सिर्फ सीधे साधे  नागरिक ,बड़े ,बूढ़े ,बच्चे और अबोध रहे हैं । परन्तु शांति और   मानवता के दुश्मन कायरता पूर्ण काम करने वाले क्यों नहीं  सुरक्षाबालों सेना से टक्कर लेते  या ऐसे  तथाकतिथ  राजनितिक नेताओं और शक्तियों  से टक्कर लेते जो अपनी गन्दी राजनीति  से पूरी  दुनियां को तबाह करने पर तुले हैं  ? क्यों  निरअपराध  बेकसूर  जैसे लोगों के खून से धरती लाल कर शैतानी परिचय दे रहे है ? 

           पिछले साल डेढ़ साल में विश्व के खरनाक आतंकवादी संगठन I,S.I.S. व कुछ अन्य ने 14  जनवरी 2016  फ़्रांस , 8  अगस्त पाकिस्तान क्वेटा , 19  दिसम्बर जर्मनी , 8  व 11  फरवरी 2017  अफगानिस्तान , 19  फरवरी मौसूल इराक , 8  मार्च इराक और अफगानिस्तान , 22  मार्च लंदन ,23  मार्च चेचेन्या रूस , 7 अप्रेल स्वीडेन -स्कॉटहोम , 9  अप्रैल मिश्र  गिरजाघर ,28   अपैल फिलीपींस ,21  मई इदलिब सीरिया , 22  मई कंधार अफगानिस्तान , 23  मई मैनचेस्टर इंग्लॅण्ड ,24  मई  फिलीपींस  इत्यादि  स्थानों पर   मानवता  की तबाही का ताण्डव  मचाया  है ,
      फर्स्ट  इंवेस्टगेशन ब्यूरो   F.I.B. भारत सरकार  एंव  स्टेट सरकार  व सभी सुरक्षा एजेन्सिओ  से पुरजोर अपील करते हुए चेतावनी देती है की आंतरिक सुरक्षा के विषय में लापरवाही घातक हो सकती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए की अंदर ही अंदर  पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI. इंटर सर्विस इंटेलिजेंस समर्थित देशी व विदेशी आतंकवादी संगठन एंव दुनियां का खतरनाक आतंकवादी संगठन   ईसिस ISIS. हमारे देश में षड्यंत्र  में लगी हैं।  पिछले एक साल में ही देश की  N I A  नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेन्सी ने हैदराबाद  मुंबई  व अन्य क्षेत्रो से ISIS  से सम्बंधित कई आतंकवादिओं को गिरफ्तार करने के साथ 37 वर्षीय महिला आतंकवादी अफशां जबीन के बयान को गंभीरता के साथ देखना हितकर होगा।  इस लिए जरुरी है और समय का तकाजा है की देश की आंतरिक  सुरक्षा में ढिलाई न किया जाये, ख़ुफ़िया  और सुरक्षा एजेंसियों  की सक्रियता ही आंतरिक सुरक्षा को मजबूत कर सकती है।       
     


Saturday 27 May 2017

KPS गिल वास्तव में बब्बर शेर ( सिँह) थे


                                                        Dr. Bharat  :: F.I.B.Media
के  पी   एस  गिल की अकस्मात् मृत्यु  पर       फ़्रस्ट  इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ( F.I.B.)  श्रद्धा सुमन अर्पित करती है।
के.पी एस गिल  भारतीय पुलिस सेवा  के एक  दिलेर , जांबाज़ , कर्तब्य परायण  बहादुर अधिकारी सिपाही थे।  आनेवाले  और मौजूदा  समय में  देश को ऐसे ही जाबाज पुलिस अधिकारी की जरुरत है , जो देश को आतंकवाद मुक्त कर सके। 
              लुधियाना  : राष्ट्र सेवा में 
समर्पित  दिग्गज   गौरवपूर्ण  पुलिस अधिकारी   गिल  के निधन से  उन तमाम भारतियों को दुःख में और सकते में दाल दिया जिनके लिए वे एक प्रेरणास्रोत सिपाही थे। के.पी,एस गिल  को हमेसा  देश और पंजाब  में शांति बहाली  और आतंकवाद को ख़त्म करने वाला  एक बहादुर हीरो  के रूप में याद किया जायेगा।  
        मृत्यू तो एक शास्वत  और सत्य है ,इस पृथ्वी पर जिसने भी जन्म लिया है उसको तो एक दिन मृत्यु को गले लगाना ही है।  यह एक सत्य है की मानव जीवन कर्म प्रधान है ,गिल  कार्य को चुनौती के रूप में लेकर  अपने कर्तब्य का पालन किया ,अपने इन्ही कर्तब्य  परायण  के रूप में हमेसा याद किये जाते रहेंगे।  

Monday 22 May 2017

पूर्व प्रधानमंत्री राजीवगाँधी की पुण्यतिथि पर उठे कुछ अनकहे प्रश्न?

राजीव गाँधी को भुलाने की साज़िश के पीछे कौन?
लुधियाना: 21 मई 2017: (डाक्टर भारत//FIB मीडिया):: 
देश के लिए कुर्बान होने वाले लोगों की गरिमा उनकी जिस्मानी मौत के बाद कभी कम नहीं होती। दुःख की बात है कि देश ने जिस तरह से शहीद राजीव गाँधी की पुण्यतिथि को नज़रअंदाज़ किया है वह राजनीति में आ रही गिरावट को ही दर्शा रहा है। आज अगर हम नेट और कम्प्यूटर की सुविधाओं का फायदा उठाते हुए 21वीं  सदी में सर उठा कर चल रहे हैं वो सब राजीव गाँधी की ही बदौलत है। आज हमें याद आ रहा है जब उनके शहीद होने की खबर आई तो कलम के एक सिपाही पत्रकार ने दो शब्द कहे थे: 
हज़ारों तोहमतें उस पर लगीं मगर, 
उसका कसूर यह था कि  वो बेक़सूर था। 
जून 1984 के बाद जबदुनिया में अपना पहला सुपर कंप्यूटर बना लिया था तो इस सरे प्रयास में राजीव गांधी की चाहत जनून की तरह काम कर रही थी। सभी विकसित देशों ने  जब इसका प्रदर्शन देखा तो मुंह में उंगलियां दबा ली थी। पहले सुपर कंप्यूटर को “8000 परम”का नाम दिया गया था। इन सभी बातों को कांग्रेस पार्टी उनकी पुण्यतिथि पर उठाने में भी नाकाम रही। 
पायलट के हवाई आकाश को छोड़ कर राजनीति में आए राजीव गांधी के प्रशंसकों ने कभी सपने में नहीं सोचा होगा कि आतंकवादी हमले में हुई हत्या के बाद उनकी पार्टी कांग्रेस धीरे धीरे भुला देगी। बेशक देश में कांग्रेस की सत्ता नहीं है लेकिन पंजाब में तो है। इसके बावजूद राजीव गाँधी की स्मृति में लुधियाना में कोई बड़ा कार्यक्रम होने की जानकारी नहीं मिली।  
इंटक के दिनेश सुंदरियाल इस संबंध में एक आयोजन अवश्य किया लेकिन इसकी जानकारी भी कार्यक्रम होने के बाद दी गयी। इसमें भी इंटक के बहुत से कार्यकर्ता और नेता नज़र नहीं आए। कुछ अन्य संगठनों ने भी इसी तरह अलग अलग आयोजन किये। 
इस आयोजन के ज़रिये कांग्रेस समर्थक मज़दूर संगठन इंटक ने आज समराला चौक स्थित डॉ प्रदीप अग्रवाल के कार्यालय में श्री राजीव गांधी जी को श्रदांजलि दी। डॉ अग्रवाल ने कहा कि रजीव गांधी विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र भारत के एकमात्र ऐसे युवा प्रधानमन्त्री थे, जिनकी उदार सोच, स्वप्नदर्शी व्यापक दृष्टि ने भारतवर्ष को एक नयी ऊर्जा और एक नयी शक्ति दी  कि देश को विश्व के अन्य उन्नत राष्ट्रों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देने वाले सबसे कम उम्र के वे ऐसे प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने इक्कीसवीं सदी का स्वप्न देते हुए भारत को वैज्ञानिक दिशा दी।  इंटक के महिला विंग की अध्यक्षा अनीता शर्मा ने कहा कि आज भी श्री राजीव गांधी हम में हैं। इस मौके पर इंटक टीम के अन्य लोगों ने भी अपने महबूब नेता को श्रद्धांजलि दी। इंटक के राज्य उप प्रधान जोगिन्दर सिंह टाइगर, स्टेट जनरल सेक्टरी फिरोज मास्टर,शिव चरण थापर कोर  मेंबर, विकास गुप्ता, राजीव शर्मा, अशोक बंसल ,रविंदर कौर थापर, विशाल पराशर, संजीव जोल्ली, अशवनी शर्मा और अन्य सदस्य भी शामिल थे। अब देखना यह है कि सत्ता के बावजूद नया नेता पैदा किये बिना पुराने नेताओं को भूलने की यह सोच कांग्रेस को किस अंजाम की तरफ ले जाएगी? अगर यही सब होता रहा तो गुटबंदियों और व्यक्तिगत रंजिशों में उलझी कांग्रेस शायद सत्ता का लाभ उठा कर भी खुद को मज़बूत न कर सके। 
सत्ता के बावजूद 21 मई को कांग्रेस नहीं कर सकी कोई बड़ा आयोजन 

Friday 19 May 2017

बेहद विस्फोटक हो सकता है नाड़ का जलाना

नाड़ की आड़ में हो सकता आतंकी हमला !
तरनतारन//खेमकरण:(ओंकार सिंह पुरी/FIB मीडिया):: 
पत्रकार ओंकार सिंह पुरी 
सरकार और समाजिक संगठनों के अनगिनत अभियानों के बावजूद नाड़ जलाने का खतरनाक सिलसिला अभी भीं जारी है। इससे जहाँ ज़मीन और आसमान के साथ साथ हवा को नुकसान पहुंचता है वहां कुछ देर के लिए कन्फूज़न की स्थिति भी पैदा हो जाती है। लोग घबरा जाते हैं। इस स्थिति का फायदा लेने की फिराक में रहने वाले आतंकी संगठनों ने अगर कभी इस आग और धुएं में कोई ज़हरीली गैस मिला दी तो अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं होना चाहिए। 
हाल ही में एफ आई बी मीडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी और विशेष पत्रकार ओंकार सिंह पुरी ने सीमावर्ती क्षेत्रों का ख़ास दौरा किया। हवा में मौजूद घुटन के संबंध में लोगों से जानकारी ली। देश पर छाये जंग के बादलों के इस संवेदनशील माहौल का भी विश्लेषण किया। अगर किसी आतंकी संगठन ने कोई खतरनाक ज़हरीली चीज़ इस धुंए के ज़रिये फैला दी तो खतरा बहुत बड़ा हो सकता है। 
सरकार द्वारा स्कूलों, कॉलेजों और कई अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सेमिनार लगाकर लोगों को वातावरण संभाल संबंधी जागरूक करने की अनेकों कोशिशें की जातीं हैं, परन्तु किसानों तक यह जानकारियां नहीं पहुंच रही है। अगर पहुंच भी जाती हैं तो उन पर अम्ल नहीं हो पाटा। किसान अभी भी नाड को जला रहे है। हरेक साल फसलें काटने के बाद फसल जलाने पर पाबंदी लगाई है। बावजूद टोल टैक्स के नजदीक रात 6 बजे के करीब ज़मीन में नाड को आग लगी हुई थी। टोल अधिकारीयों पर इसकी ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। श्री मुक्तसर साहब रोड पर पड़ते गांव मोहकम वाली और एफ एफ रोड पर बने नये सरकारी अस्पताल के नजदीक किसानों द्वारा सरेआम गेहूं के नाड़ को जलाया जा रहा था। इसके साथ सिर्फ बडी़ मात्रा में धुआं हवा में मिल कर वातावरण को दूषित करता है, बल्कि सड़कों पर यह धुआं फैलने से हादसे का कारण भी बनता है। FIB मीडिया का निवेदन है की इस संबंध में सरकार और समाज सख्त कदम उठाए।  किसानों को भी गंभीर होना चाहिए। 


Sunday 14 May 2017

अब भी न सम्भले तो बिगड़ सकती है स्थिति

FIB के डा. भारत ने दी गंभीर परिणामों की चेतावनी 
जब तक आतंकवाद  नक्सलवाद   को बढ़ाने वाले राजनितिक नेताओ पर करवाई नहीं होगी तबतक न तो देश आतंकवाद से मुक्त और  न ही देशवाशी  सुरक्षित  होंगे ।  
    यह भारत देश का और देशवाशिओ का दुर्भाग्य  ही है की  कश्मीर  से लेकर  कन्याकुमारी  और असाम  से लेकर  गुजरात कच्छ  तक  कही  साम्प्रदायिक , कही  जातिवाद , कही नक्सलवाद , पापाचार , अत्याचार , कही खतरनाक  रूप में  और अंदर ही अंदर  भयानक  रूप  में  पनप  रहे  आतंकवादी  और   विदेशी  आतंकवाद को कौन  बढ़ा रहा है  ?  जाहिर है की इन सब को बढ़ाने में देश के तथाकथित  राजनितिक  नेता  जिम्मेदार  है  और  दंड  देश की पुलिस  सेना और  गरीब  और  अपना हक़  मांगने वालों को भुगतना  पड  रहा है।    
       विगत दिनों देश के गृह मंत्री  राजनाथ सिंह ने देश के काफी मुख्यमंत्रियों और सुरक्षा व अधिकारिओ के साथ विशेष बैठक करके देश की आन्तरिक सुरक्षा के खतरों के गंभीरता  के साथ  आतंकवाद  नक्सलवाद को रोकने के लिए अनेक प्रस्ताव रखे। 
           
        अक्सर  आये  दिन मीडिया में ऐसी खबरे बराबर सोचने को मजबूर कर देती हैं की इन सब का दोषी कौन ?,  कभी सुचना आती है की सुरक्षा  बलो ने छोटी उम्र की लडकियो के साथ बलात्कार किए , कभी महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया  अगर परिवार  का कोई पुरुष रोकने  और आवाज़ उठाने की कोशिश  की तो उसे नक्सली बताकर गोली मार कर उसकी हत्या कर दी  ?   स्थानीय  लोगों   की जमीन जंगल घर  सब कुछ  हड़पने का काला धन्धा  चल रहा है? माफिया पुजीपतिओं  के आगे सब शांत  भू माफिया और राजनीतिको की मिलीभगत  और सड़ीगली राजनीत  के दबाव में सुरक्षा  बल  एक तरफ मजबूर  दूसरी तरफ अपनी मनमर्जी  तानासाही  वगैरह वगैरह। 
                  मीडिया   और सामाजिक   कार्यकरता  परदे के पीछे की हकीकत  सामने लाने  की कोशिश हिमाकत करते है तो उन्हें भी नक्सली आतंकवादी बताकर गोली मरकर हत्या कर दी जाती  है की बहुत बडा  आतंवादी मारा गया ?    लाजमी है की जिस राज्य में इस तरह की हरकते होंगी तो उस राज्य की जनता बगावत पर उतारू होकर अपने हक़ के लिए अपने बचाव  के लिए जैसी भी शक्ति होगी अपनी सुरक्षा  के लिए उस शक्ति के मुताबिक प्रतिकार मुकाबला तो करेगी ही। जब स्थानीय लोग ऐसा करते है तो  राजनीतिक   नेता आतंकवाद नक्सलवाद  का आरोप लगाकर फोंर्स सुरक्षा  बलो को तथाकथित आदेश देते है की यह   सब देश द्रोही है सबको गोली मर दो। और सुरछा बल मजबूर होकर उन बेकसूरों को गोली चला कर मौत के घाट उतार  देते है            
 सबसे बडा  सवाल यह है की स्टेट सरकारे से लेकर केंद्रीय सरकारे क्यों नक्सलवाद आतंकवाद को बढ़ने बढ़ाने दिया।  लाज़मी है की राजनीत के तथाकथित नेता गण अपना स्वार्थ हित के लिए  एक तरफ पुलिस सुरक्षा  बलों को दूसरी तरफ देश देशवाशिओं को धोखे में रख कर की देश खतरे में है का नारा देकर बेकसूरों के खून से  देश की धरती लाल कर रहे है। ऐसे में जेल अधिकारी वर्षा डोंगरे  और माननीय जज प्रभाकर ग्वाल  की हकीकत पूर्ण बयान  और कार्य को देखा जा सकता है। 
     अब वक़्त आ गया है की देश के जिम्मेदार और प्रधानमंत्री जी को नक्सलवाद  आतंकवाद पर गंभीरता से दूरगामी परिणाम को देखते हुए स्थानीय लोगो की मुलभुत समस्याओ  को हल कर राजनीत  तिकड़म से ऊपर उठकर कार्य करे तभी  आंतरिक सुरक्षा  मजबूत होगी वरना  देश को ईरान ,इराक ,सीरिया ,अफगानिस्तान पाकिस्तान  जैसे हालत भुगतते हुए गुजरना पड़ेगा तब बहुत देर हो चुकी होगी ?   

Saturday 13 May 2017

केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज चंडीगढ़ में

12-मई-2017 18:56 IST
उत्‍तरी क्षेत्र परिषद बैठक की अध्‍यक्षता की 
चंडीगढ़: 12 मई 2017: (FBI मीडिया//PIB):: 
हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू एवं कश्‍मीर, पंजाब व राजस्‍थान राज्‍यों, राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली और संघ शासित राज्‍य चंडीगढ़ की उत्‍तरी क्षेत्र परिषद की 28वीं बैठक केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में दिनांक 12 मई, 2017 को चंडीगढ़ में आयोजित की गई।

     परिषद की बैठक में उप मदों सहित सदस्‍य राज्‍यों के समान हितों के 18 मुद्दों पर चर्चा तथा विचार-विमर्श किया गया। जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें उत्‍तरी राज्‍यों में वित्‍तीय  और अवसंरचनात्‍मक सद्भाव की आवश्‍यकता; राज्‍यों से फल, पुष्‍प एवं सब्जियों के निर्यात के संयुक्‍त प्रयासों; इस क्षेत्र की विभिन्‍न नदियों के जल तथा पनबिजली का राज्‍यों के बीच बंटवारा; नुकसानदायक अपशिष्‍ट के निपटान के लिए सामान्‍य उत्‍प्रवाही उपचार संयत्रों और उपचार भंडारण एवं आपदा सुविधा (टीएसडीएफ), हरिके बैरेज से निकलने वाली राजस्‍थान की नहरों में प्रदूषण और पंजाब में भाखड़ा मुख्‍य लाइन नहर पर 27 स्‍थानों पर कुल 63.75 मेगावाट विद्युत वाली लघु पनबिजली परियोजनाओं की स्‍थापना आदि विषय शामिल थे। बैठक में आज जिन 18 विषयों पर चर्चा की गई, उनमें से 7 विषयों का निपटान कर लिया गया है।

     औद्योगिक क्षेत्रों के उत्‍प्रवाहियों तथा कस्‍बों के सीवेज का यमुना नदी और घग्‍गर नदी तथा राजस्‍थान की नहरों में बहाया जाना एक अंत:राज्‍यीय समस्‍या है। एक बड़े कदम के रूप में सभी सदस्‍य राज्‍यों ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मार्गदर्शन में जल प्रदूषण की समस्‍या को संयक्‍त रूप से निपटारा करने के बारे में आम सहमति व्‍यक्‍त की। फलों, फूलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपीडा ने जम्‍मू एवं कश्‍मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्‍थान के लिए परियोजनाओं को स्‍वीकृति प्रदान की है। राज्‍यों से यह अनुरोध किया गया कि वे जल और पनबिजली के बंटवारे के विवादित मामलों को सम्‍बन्धित केन्‍द्रीय मंत्रालयों की मध्‍यस्‍थता  से सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाएं।

     राज्‍यों के बीच अत:राज्‍य सहयोग और समन्‍वय को बढ़ावा देने के लिए राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अंतर्गत पांच क्षेत्रीय परिषदों का गठन किया गया था। इनको आर्थिक रूप से, राजनीतिक रूप से एवं सांस्‍कृतिक रूप से एक दूसरे से जुड़े राज्‍यों के लिए एक संयुक्‍त प्रयास के रूप में किसी मामले पर चर्चा और सिफारिश करने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई। उच्‍च स्‍तरीय सुसम्‍बद्ध निकाय होने के कारण ये राष्‍ट्रीय दृष्‍टिकोण के साथ-साथ क्षेत्रीय कारकों को ध्‍यान में रखते हुए विशिष्‍ट मुद्दों पर ध्‍यान केन्द्रित करने में समर्थ हैं।

     वर्तमान केन्‍द्र सरकार ने इन क्षेत्रीय परिषदों को सशक्‍त बनाया है। वर्ष 2015 से विभिन्‍न क्षेत्रीय परिषदों की 09 बैठकें तथा इनकी स्‍थायी समितियों की 11 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। इन बैठकों में कुल 699 मुद्दों पर चर्चा की गई और 345 का निपटान किया गया है।

     बैठक के अंत में केन्‍द्रीय गृह मंत्री ने बैठक में मौजूद सभी मुख्‍यमंत्रियों, मंत्रियो एवं मुख्‍य सचिवों को सलाह दी कि कश्‍मीरी विद्यार्थियों एवं नौजवानों को, चाहे वो देश में कहीं भी हों, के साथ सही बर्ताव किया जाना चाहिए और उन्‍हें आसान माहौल प्रदान किया जाए। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी तक पूरे भारत के सब नौजवान और युवतियां अपने बच्‍चे हैं और उनके साथ उसी प्रकार का व्‍यवहार किया जाना चाहिए। 

     आज की बैठक में हरियाणा और पंजाब के मुख्‍यमंत्रियों, संघ-राज्‍य क्षेत्र चंडीगढ़ के प्रशासक, राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली के उप-राज्‍यपाल, जम्‍मू एवं कश्‍मीर तथा राष्‍ट्रीय राष्‍ट्रीय क्षेत्र दिल्‍ली के उप मुख्‍यमंत्रियों, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू एवं कश्‍मीर, पंजाब, राजस्‍थान के मंत्रियों और केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में विभिन्‍न विषयों पर सहकारी संघ-वार की भावना के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से विचार-विमर्श किया गया और अगली बैठक राजस्‍थान में आयोजित करने के निर्णय के साथ बैठक समाप्‍त हुई।
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Friday 12 May 2017

कैंसर के इलाज में गौमूत्र ने दिखाई नई राह... मिला अमेरिकी पेटेंट...

गौमूत्र आैर गौमूत्र अर्क का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है 
                                                                                                           चित्र गोराष्ट्र से साभार 
💥#भारतीय ही भूल गए है अपनी गौ माता की महिमा दूसरी ओर #विदेशी #गौ_उत्पादक का रिसर्च करके बड़ी भारी मात्रा में उपयोग में लाकर लाभविन्त हो रहे है ।
वाटसअप ग्रुप से साभार 
💥#गौमूत्र आैर गौमूत्र अर्क का प्रयोग सदियों से जीर्ण #व्याधियों को ठीक करने में किया जा रहा है।  #खतरनाक रोग #कैंसर के उपचार के लिए दुनिया भर में शोध चल रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नही मिली है पर अब सदियों से इस्तेमाल हो रहे #गौमूत्र ने एक नई राह दिखाई है ।
💥#आयुर्वेद में प्राचीन काल से #गौमूत्र आैर पंचगव्य का विभिन्न रोगों को ठीक करने में उपयोग होता रहा है। गौमूत्र को आयुर्वेद में त्रिदोष(वात-पित-कफ) शामक माना गया है। सभी को खत्म करने की शक्ति गौमूत्र में है। गौमूत्र को प्राचीन ग्रंथ आैर आयुर्वेद के जानकार कैंसर ( जिसे पुराने आयुर्वेद के ग्रंथो में अबुर्द के नाम से जाना जाता था )के उपचार में कारगर मानते थे। अब धीरे धीरे #आयुर्वेद का यह मत #वैज्ञानिक कसौटी पर भी खरा उतरता नजर आ रहा है ।
💥गौ विज्ञान अनुसंधान #केंद्र द्वारा गाय के मूत्र से बनाई एक दवा को अमेरिकी पेटेंट हासिल हुआ है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कैंसर की इस दवा को अपने #एंटीजीनोटॉक्सिटी गुणों के कारण तीसरी बार यह #पेटेंट मिला है। गौमूत्र से बने अर्क को कामधेनु अर्क नाम दिया गया है। #नेशनलइन्वाइरनमेंटलइंजीनियर रिसर्चइंस्टिट्यूटनीरी और गौ_विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने इसे मिलकर तैयार किया है। नीरी के एक्टिंग डायरेक्टर तपन #चक्रवर्ती ने कामधेनु अर्क को पेटेंट मिलने की पुष्टि की है ।
💥#चक्रवर्ती ने बताया कि री #डिस्टिल्ड काउ यूरिन डिस्टिलेट का उपयोग जैविक तौर पर #नुकसानग्रस्त डीएनए को दुरस्त करने में किया जा सकता है। इस नुकसान से #कैंसर समेत कई बीमारियाँ भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि गौमूत्र से तैयार ये अर्क #जीनोटॉक्सिटी के खिलाफ काम करता है जो कोशिका के #आनुवांशिक पदार्थ को होने वाली नुकसानदायक क्रिया है। मानसिंघका ने बताया कि इसके लिए तीन #मरीजों पर शोध किया गया जिनमें से दो को गले और एक को #गर्भाशय का #कैंसर था। वो सही हो गया है ।
💥गौ मूत्र की महत्ता
💥1. कैसर रोधक #टेक्सोल पेव #टीटेक्सेल को #अमेरिका से पेटेन्ट भी कराया है जोकि #कैंसर रोधक है। 

💥2. रोम में #गौमूत्र की महत्ता इतनी अधिक बढ़ रही थी कि वहां गौमूत्र पर कर भी लगाने का वर्णन है। 

💥3. यूरोप के देशों में 18वीं शताब्दी में #गौमूत्र से पीलिया, गठिया, साइटिका, अस्थमा, धात , इन्फ्लूएजा आदि रोगों के निदान का विस्तृत वर्णन है। 

💥4. चीन में हर्बल औषधियों में गौमूत्र के सहपान का वर्णन है। 

💥5. #अमेरिका के #डाॅक्टर #क्राफोड हैमिल्टन के अनुसार गौमूत्र के प्रयोग से ह्रदय के रोग दूर होता है। कुछ दिन गौमूत्र सेवन से #रक्तचाप ठीक होता है, #भूख बढ़ती है तथा किडनी सम्बन्धी रोगों में लाभ होता है। 

💥6. गौमूत्र रक्त में बहने वाले #कीटाणुओं का नाश करता है ।

💥8. गौमूत्र घावों की विशाक्तता को दूर करता है तथा #स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है गौमूत्र 100 से अधिक रोगों के पूर्ण निदान में प्रभावी है। 

💥9. गौमूत्र अर्क के #कैंसर रोधी गुण पर पेटेन्ट संख्या यू0एस0-6410056 प्राप्त हुआ है। 

💥10. गौमूत्र रक्त व विष की विकृति को हटाता है, बडी आंत में गति को शक्ति देता है, शरीर में वात पित व कफ #दोष को स्थिर रखने में सहयोग करता है। 

💥11. यह अनिच्छित व #अनावश्यक वसा को निर्मित होने से रोकता है, लाल रक्त कोशिकाओं एवं #होमेयोग्लोबिन के उत्पादन में सन्तुलन रखता है। 

💥12. यह जीवाणुनाशी व #मूत्रवर्धक होने से विष (टोक्सिन) को नष्ट करता है, मूत्र मार्ग से पथरी को हटाने में सहायक है, #रक्तशुद्धि करता है। 

💥13. यह तेजाब विहीन, वंशानुगत गठिया रोग से मुक्त करता है। आलस्य व मांसपोशियों की कमजोरी को हटाता है, कीटाणुनाशक, कीटाणु की #वृद्धि को रोकता है। (गेन्गरीन) मांस सड़ाव से रक्षा करता है। 

💥14. यह #रक्तशुद्धिकर्ता अस्थि में शक्ति प्रदाता (कीटाणुनाशक) रक्त में #तेजाबी अव्यवों को कम करता है । 

💥15. यह जीवन में शक्ति व उत्साह वृधन में #सक्रियता लाता है व मानसिक रूग्णता व प्यास से बचाता हैं अस्थि में पुनः शक्ति प्रदान कर जीवन में उमंग वृद्धि करते हुए पुनरोत्पादक शक्ति प्रदान करता है। 

💥16. यह रोग प्रतिरोधात्मक #शक्ति #वर्द्धक, हृदय को शक्ति व संतोष प्रदान करता है।

💥#भारतवासियों आप भी गौ उत्पादक की महत्ता समझकर उपयोग करके #स्वस्थ्य रहे और #गौ हत्या रोकने तथा देश को #समृद्ध बनाये रखने में सहभागी होइए ।

🚩आज से हम सभी संकल्प ले क़ि गाय माता को कत्लखाने जाने से बचाकर #गाय माता की रक्षा करेंगे ।

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Tuesday 9 May 2017

भाजपा ने खोला वार्ड नंबर 30 में कार्यालय

परवीन बांसल ने किया औपचारिक उद्धघाटन 
लुधियाना: 9 मई 2017: (FIB मीडिया):: For More Pics on FB Please Click Here
जनता से अपने सम्पर्क को और मज़बूत करते हुए भारतीय जनता पार्टी अपना अभियान लगातार तेज़ कर रही है। इसी अभियान के अंतर्गत आज लुधियाना के वार्ड नंबर 30 में बीजेपी का कार्यालय खोला गया। इसकी औपचारिक रस्म वरिष्ठ भाजपा नेता परवीन बांसल ने अदा की। इस अवसर पर भाजपा के साथसाथ कुछ अकाली नेता और वर्कर भी मौजूद रहे। इस मौके पर भीड़ थी लेकिन न्यू कुंदनपुरी की आबादी के हिसाब से बहुत ही कम। चुनावी अभियान के समय श्री बांसल के साथ रहने वाले वोटर लोग इस मौके से दूर रहे। शायद चुनावी परिणामों के बाद उनकी सियासत भी बदल गयी हो। भाजपा के इस दफ्तर के ओपनिंग कार्यक्रम में वक्ताओं ने दावा किया है कि किसी को कोई भी समस्या हो वो बस एक आवेदन दे और यह कार्यालय उसकी समस्या दूर करने कराने का पूरा प्रयास करेगा।  श्री बांसल ने इस मौके पर इलाके के नाराज़ लोगों के गीले शिकवे भी सुने। इस सब के बावजूद श्री बांसल कुछ परेशान और उदास से दिखे। यह उदासी केवल थकावट की थी या कार्यालय में जुटी कम भीड़ या कोई और कारण--इसका जवाब प्रबंधक ही दे सकते हैं। सुधा खन्ना और कुछ अन्य लोग विशेष तौर पर शामिल हुए। For More Pics on FB Please Click Here
इस मौके पर अजय सौंधी, तेजिंदर राजा, जोगा सिंह, गोल्डी सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरचरण सिंह, कुलजिंदर बाजवा और कई अन्य भी मौजूद थे।
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वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की समीक्षा बैठक

08-मई-2017 18:00 IST
केंद्रीय गृह मंत्री ने विकास के मुद्दों पर भी संबोधित किया 

केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। आज दोपहर के सत्र के दौरान विकास के मुद्दों पर दिए गए उनके भाषण का मूल पाठ इस प्रकार है:


भोजनावकाश के पश्चात के इस सत्र में मैं सर्वप्रथम इस बैठक में सम्मिलित हो रहे केंद्रीय मंत्रियों का स्वागत करना चाहता हूँ। इस महत्त्वपूर्ण बैठक के प्रथम सत्र में हमने इन areas में विभिन्न security issues के विषय में विस्तार से चर्चा की। हमने एक नई Doctrine, "समाधान" पर विस्तार से विचार विमर्श किया, जिसके निम्न आठ pillars हैं:


1.      S- Smart Leadership


2.      A- Aggressive Strategy


3.      M- Motivation and Training


4.      A- Actionable Intelligence


5.      D- Dashboard Based KPIs (Key Performance  Indicators)


6.      H- Harnessing Technology


7.      A- Action plan for each Theatre


8.      N- No access to Financing


2.       आप सभी सहमत होंगे कि सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं के अलावा affected areas में सामाजिक- आर्थिक विकास तथा नागरिकों का सशक्तीकरण भी आवश्यक है ताकि जन-समर्थन सरकार के साथ रहे। सुरक्षा और विकास की समन्वित रणनीति पर चलना सभी राज्यों के लिए आवश्यक है ताकि LWE affected areas की जनता का विश्वास प्रजातांत्रिक व्‍यवस्‍था के प्रति बना रहे।


3.       हमारी सरकार ने इस दृष्टिकोण से ऐसे अनेक प्रयास किए हैं, जिससे आदिवासी बहुल तथा LWE affected areas में सरकार के प्रति विश्वास जागा है और लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आ रहे हैं।


4.       केन्द्र सरकार ने वर्ष-2014 में LWE से प्रभावित 10 राज्यों में 3567.58 करोड़ रुपये की लागत से 2199 मोबाइल टावर स्थापित करने की योजना को स्वीकृति दी है। इसमें से 2187 मोबाइल टॉवर operation में आ गए हैं। यह अच्छी उपलब्धि है।


5.       केन्द्र सरकार के द्वारा 8 प्रदेशों के LWE प्रभावित 34 जिलों में सड़क व्यवस्था को सुधारने के लिए Road Requirement Plan (RRP) implement किया जा रहा है। इस योजना में स्वीकृत 5422 किमी में से 4290 किमी सड़कों का निर्माण हो चुका है।


6.       अभी हाल में केन्द्र सरकार द्वारा Road Connectivity Project for LWE Affected Areas Scheme को स्वीकृति दी गई है। इसमें LWE प्रभावित 9 राज्यों के 44 जिलों में 11725 करोड़ रुपये की लागत से 5412 किमी सड़क एवं 126 पुलों का निर्माण किया जाना है।


7.       Financial Inclusion की दिशा में विशेष प्रयास कर पिछले दो वित्तीय वर्षों में 35 LWE most affected districts में 358 बैंक शाखाएं तथा 752 ATM खोले गए हैं। इन्हीं जिलों में 1789 नए डाकघर खोलने की अनुमति दी गई है।


8.       LWE Districts के युवाओं को स्वरोजगार हेतु PMKVY के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाना है। वर्तमान में इस योजना में 35 Most LWE affected Districts में से 32 districts covered हैं।


9.       9 राज्यों के LWE प्रभावित जिलों के युवाओं में Skill development हेतु कौशल विकास केन्द्रो की स्थापना के उद्देश्य से Skill Development Scheme का कार्यान्वयन किया जा रहा है। अब इस योजना को 34 से बढाकर 47 LWE प्रभावित जिलों में Implement किया जा रहा है। अब इस योजना में कुल 47 ITIs तथा 64 Skill Development Centre बनाए जाने हैं। इनमें से 12 ITIs एवं 34 Skill Development Centres का निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है।


10.     दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) के अन्तर्गत Un-electrified गॉवों का Electrification किया जाना है। LWE Districts में स्थित गॉवों के समुचित विकास हेतु इनके Electrification पर Special focus रखते हुए 31 मार्च 2015 से अब तक कुल 5778 गॉवों का Electrification किया जा चुका है तथा बाकी 1461 गॉवों के Electrification के लिए दिसम्बर-2017 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


11.     LWE affected districts में शिक्षा हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत 5 Districts जिनमें अब तक कोई जवाहर नवोदय विद्यालय नहीं है, में नए जवाहर नवोदय विद्यालय खोले जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 11 LWE most affected districts में जहाँ अभी कोई केन्द्रीय विद्यालय नहीं है, में केन्द्रीय विद्यालय खोलने की योजना है जिसमें से 08 जिलों के प्रस्ताव स्वीकृत कर दिए गए हैं तथा विद्यालय खोलने का कार्य प्रारंभ हो चुका है।


12.     राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 35 LWE most affected जिलों के 354 Educationally Backward Blocks में 348 छात्रावासों को बनाने की मंजूरी दी गई है, जिसमें से 100 छात्रावास बन चुके हैं तथा 82 छात्रावासों का कार्य प्रगति पर है। अब तक 94 छात्रावास चालू भी कर दिए गए हैं।


13.     LWE affected areas में Rail connectivity को बढ़ाने के लिए केन्द्र ने कई परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, उनमें से कई परियोजनाओं की प्रगति सराहनीय है। किन्तु land acquisition न होने के कारण कई परियोजनाए रूकी हुई हैं। मैं चाहूंगा कि इनकी land acquisition संबंधित समस्याओं का शीघ्र निवारण किया जाए ताकि project शीघ्र पूर्ण हो सके।


14.     मैं राज्‍य सरकारों को यह भी सुझाव देना चाहूँगा कि केन्‍द्र की योजनाओं के साथ-साथ राज्‍य सरकारें अपनी योजनाओं के माध्‍यम से इन्‍हें  complement करें, Top-up करें। इससे LWE प्रभावित क्षेत्रों का समेकित विकास हो सकेगा और माननीय प्रधानमंत्री जी का ''सबका साथ, सबका विकास'' का सपना साकार हो सकेगा।
           जय हिन्‍द!
***

Monday 8 May 2017

जेल सुधार:राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गृह मंत्रालय की सलाह

08-मई-2017 17:59 IST
2016 में हुआ था जेल प्रमुखों का पांचवां राष्ट्रीय सम्मेलन
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम 30 सितंबर,2016 को नई दिल्ली में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के कारागार प्रमुखों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन में समापन संबोधन करती हुईं। (एजे/पीआईबी,हिंदी इकाई)
जेल सुधारों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनाए गए प्रस्तावों पर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों/ गृह सचिवों (कारावास प्रभारी) को एक पत्र लिखा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम
30 सितंबर,2016 को नई दिल्ली में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के कारागार
प्रमुखों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में। (एजे/पीआईबी,हिंदी इकाई)
जेल सुधारों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों का पांचवां राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में 29- 30 सितंबर, 2016 को हुआ था। सम्मेलन का उद्घाटन गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने किया था, जिसमें राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों, सीपीओ, एनजीओ इत्यादि के 150 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। कारावास प्रशासन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई थी। सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकार किया था।
राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह  दी गई है कि वे निम्नलिखित सुधारों पर गौर करें और उन्हें कार्यान्वित करें। इनका उद्देश्य कारावास प्रशासनिक प्रणाली को कारगर बनाना है :
  i.     कारावास विभाग का नाम बदल कर ‘कारावास एवं सुधारात्मक प्रशासन’ किया जाएगा, जिसके तहत एकीकृत कारावास, सुधारात्मक और परिवीक्षा सेवाएं शामिल हैं।
  ii.     हर राज्य को कारावास विभाग के तहत एक कल्याण शाखा स्थापित करनी होगी, जिसमें कल्याण अधिकारियों, विधि अधिकारियों, काउंसलर और परिवीक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
 iii.     कारावास नियमों और कानूनों में बुनियादी एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने मौजूदा जेल मैनुअल की समीक्षा करें और गृह मंत्रालय द्वारा तैयार तथा मई, 2016 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए आदर्श जेल मैनुअल, 2016 के प्रावधानों को लागू करें।
 iv.     शीघ्र सुनवाई और अदालतों तक विचाराधीन बंदियों को लाने-ले-जाने के खर्च में कमी लाने के लिए सभी जेलों को वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालतों से जोड़ा जाए।
  v.     कारावास विभागों में सभी पदों की मौजूदा रिक्तियों को जल्द भरा जाए।
 vi.     प्राथमिकता के आधार पर जेल ई-प्रणाली को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं प्रणालियों (सीसीटीएनएस) तथा ई-न्यायालयों के साथ एकीकृत किया जाए।
vii.     समय-समय पर विचाराधीन बंदी प्रबंधन के संबंध में जेल, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और न्याय पालिका का संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित किया जाए। कैदियों की आपराधिक प्रवृत्ति और कट्टरता में कमी लाने के लिए अलग से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएं।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे उपरोक्त सुधारों को समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए समेकित प्रयास करें। बंदियों की दशा सुधारने के लिए यह नितांत आवश्यक है। इसके लिए कारावास प्रशासन में भी सुधार लाया जाए।
राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रशासनों से आग्रह किया जाता है कि वे उपरोक्त सलाह के क्रियान्वयन के संबंध में प्रगति की सूचना प्रदान करें।
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Saturday 6 May 2017

DO NOT BURN WHEAT STUBBLE

PAU VC APPEALS TO FARMERS
LUDHIANA, MAY 6:(FIBMedia)
After wheat harvesting, a serious note of stubble burning is being taken by the Higher Courts and the environmental organizations.  While interacting with the media today, the Vice-Chancellor of Punjab Agricultural University (PAU), Dr Baldev Singh Dhillon appealed to the farmers of Punjab to avoid burning wheat stubble as it spoils the carbon cycle of the nature, pollutes the environment and deteriorates the soil health. In addition, it destroys the nutritional traits and the friendly insects, resulting in attack of more insect-pests on crops and increasing the farm expenses for their management. Hailing from an agricultural family, Dr Dhillon said he was well aware of the hard work and expenditure required for straw management. A few decades back, wheat was harvested in the sunshine and its grains were extracted after drying for several days. Dr Dhillon said the industrious farmers of Punjab can plough the wheat residue in the soil instead of burning it. By irrigating it, it will be beneficial for the next crop, he added. Regarding expenses, he said the yields of paddy and wheat have been better this year and also paved way for financial benefits. The farmers could spend some amount out of it for managing the wheat stubble, he suggested.
            Dr Dhillon expressed his confidence that the farmers of Punjab have always adopted the recommendations of Punjab Agricultural University and would further listen to his advice of not indulging in stubble burning.  He stressed that conserving natural resources was the prime need for the benefit of health, environment and future generations.
            Present on the occasion were Dr R.S. Sidhu, Director of Extension Education; Dr J.S. Mahal, Dean, College of Agricultural Engineering and Technology;  and Dr Jagdish Kaur, Additional Director Communication, PAU.

Friday 5 May 2017

पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया,: शाही इमाम पंजाब

-नवाज शरीफ का पुतला जला कर किया विरोध प्रदर्शन
लुधियाना 5 मई 2017: (FIB  मीडिया ब्यूरो): 
आज यहां शहर की इतिहासिक जामा मस्जिद लुधियाना के बाहर हजारों मुसलमानों ने नायब शाही इमाम पंजाब मौलाना उस्मान रहमानी के नेतृत्व में पाकिस्तानी गुंडागर्दी के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करते हुए पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का पुतला जलाया और पाकिस्तान व पाकिस्तानी फौज के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। इस मौके पर संबोधन करते हुए नायब शाही इमाम पंजाब मौलाना उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि बीते दिनों कश्मीर में धोखे से भारतीय फौजियों के साथ पाकिस्तानियों की ओर से की गई दरिंदगी ने एक बार फिर पाकिस्तानी सरकार को बेनकाब कर दिया है। उस्मान रहमानी ने कहा कि पूरा देश अपने शहीद जवानों को सलाम करता है लेकिन इसके साथ ही पाकिस्तान को भी हम बता देना चाहते हैं कि वह किसी खामख्याली में ना रहे, ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। नायब शाही इमाम ने भारत सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान से बातचीत बंद करके ताकत का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार किसी खामख्याली में ना रहे अगर जरूरत पड़ी तो उसकी अकल ठिकाने लगाने के लिए भारत के 26 करोड़ मुसलमान ही काफी हैं। नायब शाही इमाम ने कहा कि भारत में रहने वालों के सियासी मतभेद हो सकते है लेकिन देश की एकता और अखण्डता के लिए हिंदु, मुसलमान, सिख, ईसाई, दलित और सभी जातियों के लोग एक जुट हैं और हमारी इस एकता की ताकत को दुनिया वाले तोड़ नहीं सकते, एक प्रशन का उत्तर देते हुए पंजाब के नायब शाही इमाम मौलाना उस्मान रहमानी ने कहा कि मोदी जी को चाहिए कि अब देश मे तीन तलाक के मुद्दे को छोड़ कर पहले पाकिस्तान का जनाजा निकाले। इस मौके पर गुलाम हसन कैसर,कारि अल्ताफ उर रहमान ,शाहनवाज अहमद व  शाही इमाम पंजाब के सचिव मुहम्मद मुस्तकीम आदि मौजूद थे।
फोटो : लुधियाना में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का पुतला जलाते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग।

Thursday 4 May 2017

जम्मू कश्मीर का मसला हो रहा है गंभीर

 *डा. भारत का एक और खुलासा 
लुधियाना ; 2 मई 2017:
कहने को तो हम और हमारा देश आज़ाद हो गया है।  अगर गहराई में देखा जाये तो कुछ मामले को किनारे कर दिया जाये तो आज भी लोग गुलाम जैसी जिंदगी जीने को मजबूर कश्मीर के लोग खुद अपने वतन से बे वतन होकर दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। जो लोग कश्मीर में रह गए वे लोग आतंकवादिओं और सेना के गोलीबारी  के बीच जिंदगी और मौत  की  तबाही के बीच ज़िंदगी गुजारने को मजबूर हैं।   कौन है इन सब का जिम्मेदार ?? जाहिर है की कश्मीर के  मामले जितना भी है सब का सब मामले आतंवाद साम्प्रदाइकता के लिए देश की साडी  गली बदबूदार राजनीति और राजनीतिक नेता लोग जिम्मेदार हैं।
*डा. भारत  FIB (फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) के चेयरमैन हैं।