Sunday, 17 September 2017

चौथे स्तम्भ मीडिया का भटकना देश के लिए घातक है।

तथाकथित बाबाओं,फरेबी तांत्रिको डेरों और तथाकथित फरेबी  भगवान नकली गुरुओं को बनाने और बढ़ाने में राजनितिक नेता और  मीडिया जिम्मेदार है।            
 FIB :⇒ Media >  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो :   यह मौजूदा  समय की कड़वी सच्चाई है की   देश का प्रहरी, कलम के सिपाही , इतिहास बदलने की ताकत, बड़े से बड़े स्कैंडलों का पर्दा फास करने वाली ताकत देश का चौथा स्तम्भ आज रास्ते से भटक गया है। मीडिया को अपनी ताकत को पहचानना होगा।  

लुधियाना : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो  की स्पेशल रिपोर्ट : काश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक आसाम से लेकर पोरबंदर गुजरात तक कुछ इने गुने को छोड़कर प्रिंट मीडिया का ऐसा कोई भी समाचार पत्र पत्रिकाएं नहीं होंगी जिसमे ऐसे फरेबी तांत्रिकों तथाकथित ज्योतिषियों कुछ तथाकथित डेरों ,बाबाओं, फरेबी गुरुओं , ढोंगी भगवान जैसे लोगों के प्रचार प्रसार और विज्ञापनों से न भरी पड़ी हों। यही हॉल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का है जो ऐसे लोगों को सरपर उच्च आसन पर बैठाकर मान सम्मान देते हुए दुनियां को भ्रमित करते नज़र आते हैं। आज ऐसे ही धार्मिक आडंबरों ,तथाकथित पोँगा पंडितों ,देशभर में कुछ फैलाती मज़ारों के नामपर जहाँ देश की प्राचीन संस्कृति विश्वाश का सत्यानाश हो रहा है वहीँ ऐसे ही गरीब अनपढ़ को कौन कहे पढ़े लिखे अपने आपको संभ्रांत कहने वाले डॉक्टर ,वकील ,इंजीनियर जैसे लोग फर्जी कर्मकांड करने वालों के सामने नतमस्तक दंडवत होते हुए देखा जा सकता है। ऐसे में धूर्त लोगों की वह बात याद आती है > की दुनियाँ में ज्यादा तर लोग मुर्ख हैं ,मुर्ख बनाने वाला चाहिए :>--- दुनियां तो झुकती है, बस झुकाने वाला चाहिए ??? 
      और राजनितिक नेताओं,मंत्रियों  की बात तो ऐसे लोग सब्जी में आलू की तरह हर क्षेत्र में अपनी ढपली अपने राग के मुताबिक मज़ारों , डेरों ,मठों ,तांत्रिकों , तथाकथित बाबावों के आगे नतमस्तक होकर फैलने फूलने का मौका देकर देश की जानता को मुर्ख बनाकर सफ़ेद लिबास में काळा कारनामों का अंजाम देते हुए देश की कुर्सियों के लिए देश तक बेचने को तैयार रहते हैं। 
        लेकिन देश का चौथा स्तम्भ की ताकत का दम्भ भरने वाले प्रेस  मीडिया पत्रकारिता, बड़े से बड़े टीवी चैनलों  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्या वास्तव में अपनी ड्यूटी अपना फ़र्ज़ निभा रहा है ?   सायद नहीं आज का मीडिया गाँधी जी के तीन बदरों वाली भूमिका निभा रहा है कि  मैं बुरा देखूंगा सुनूंगा परन्तु बोलूंगा नहीं लिखूंगा नहीं क्योंकि हम बिकाऊ मीडिया हैं, हमें मीडिया की सच्चाई नहीं हमने नेताओं की फरेबी बाबाओं की कोई बुराई नज़र नहीं आती क्योंकि  पैसा ही भगवन है ।      क्या मीडिया अपनी ताकत भूल गयी , कहाँ गया  मीडिया का तीसरा नेत्र ,कहाँ गयी  पैनी धार कलम की ताकत। पिछले बीस पच्चीस साल पहले अगर किसी बड़े  से बड़े संतरी  मंत्री का , अगले रोज  प्रेस कन्फ्रंस होनी होती थी तो रात भर संतरी मंत्री को नीद नहीं आती थी प्रेस के नामपर पसीने तक छूट जाते थे प्रेस वालों का मीडिया का एक अलग ही रुतबा शान हुआ करती थी।  और आज ? एक अदना सा अार्दली ,अदना सा चपरासी ,अदना सा होमगॉर्डिअा मीडिया के साथ ऐसे पेश अाता  है की जैसे मीडिया वाले गुनहगार हों ,जैसे कोई अजीब सा बम्ब नुमा खिलौना हो ? आखिर क्यों कौन है इन सबका जिम्मेदार। अब भी वक्त है की मीडिया होशियारी से अपने रास्ते पर आकर देश की रक्षा , देश की गिरती शाख को पहचानते हुए मीडिया का झंडा तिरंगे के साथ गगन पर लहराए।      याद रखे  मीडिया अपनी ताकत पहचाने , अपने अपने मतभेद दर किनार करते हुए अपने फ़र्ज़ अपनी कलम के सिपाही देश के रक्षक की भूमिका अदा करे वार्ना ? अन्तंतह : यही देखना सुनना पड़ेगा कि लग गयी आग घरको घर के चिराग से।    आगे की पंक्तियों की  लेखक के शब्दों के फेर बदल के लिखना समय की मांग है ⇉→ अमन  बेंच देंगे चमन  बेच देंगे, वस्त्र क्या है मुर्दे का कफ़न तक बेच देंगे , चौथे स्तम्भ कलम के सिपाही अगर सो गए तो बेंचनेवाले अपना यह अहले  वतन बेंच देंगे। ⇧ तो मीडिया के जिम्मेदार और पुराने वे मीडिया के लोग जिन्हे मीडिया के आन ,बान ,शान की फ़िक्र चिंता है ऐसे जबाँज  लोगों को आगे आकर मीडिया की शक्ति, भक्ति,कर्म ,धर्म  को संभालना होगा वार्ना याद रखें वक़्त किसी को माफ़ नहीं करता।    
                  सारी  बातो की गंभीरता को देखते हुए  राष्ट्र हित , मीडिया        हित के सन्दर्भ में  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो First Investigation Bureau ( F.I.B.) ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय ,माननीय प्रधानमंत्री , माननीय सुप्रीम कोर्ट , सुचना प्रसारण मंत्री को विशेष पत्र भेजते हुए आवश्यक कदम उठाने की मांग की, साथ ही पत्र की प्रति रिकॉर्ड व् सूचनार्थ लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर को भी प्रेषित की है।           

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