F.I.B. Media Intelligence Social Serviceसच्चाई को दिखाता यह लेख किसी द्वेश भावना से नहीं लिखा गया है , यह संकलन इस देश के जाबाज देश भक्तों को के लिए है , इससे इस देश को शक्तिशाली , वैभवशाली समृद्धशाली करने में , एकजुटता कर भाई चारे को मजबूत करने में सहयोग करने वाला है। हो सकता है की यह लेख या संकलन उनलोगो को अच्छा न लगे जो देश समाज के दुश्मन हों, जो देश के साथ गद्दारी कर इस देश को शक्तिशाली नहीं देखना चाहते। इसको पूरा करने में उन महान देश भक्तों को सामने रखकर जिन्होंने अपने प्राणो को देश की ऐकता अखंडता के लिए न्योछावर कर दिया जैसे सिख गुरुवों गुरुतेगबहादुर गुरु गोबिंद सिंह जी , छत्रपति शिवा जी , महाराणा प्रताप, शहीद भगतसिंह , राजगुरु ,सुखदेव , विस्मिल , चंद्रशेखर आज़ाद , सुभाषचंद बोष , डॉ जैसे देश भक्तों को नमन, इस देश में समय समय पर ईश्वरी प्रकृति शक्तियों ने एक से एक महान पुरुष समाज सुधारक पैदा किये हैं जिन्हों ने मानव मानव एक सामान , मानवता ही वह धर्म रास्ता है जो एक दूसरे को प्रेम ,भाईचारा ,त्याग बलिदान , का रास्ता दिखाया जैसे गुरु नानक देव जी संत तुका राम ,संत मलूका दस तुलसी दास , संत रविदास , संत कबीर दस सिरडी के साईं बाबा , जैसे कितने संत महात्मा हुए जो समय समय पर मानव धर्म का प्रचार प्रसार कर ईश्वर प्रकृति के हिसाब से जीने का रास्ता दिखाया , और आज हम महान पुरषों के बताए हुए रस्ते से भटक गए हैं यह एक सच्चाई है।
भारतीय सनातन धर्म को हर पंथ ( मजहब ) जब तक जानेगा नहीं तब तक इंसानियत मानवता एक नहीं हो सकते।
हिन्दू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई , बौद्ध ,जैन इत्यादि पंथ हैं धर्म नहीं ? अगर कोई धर्म है तो वह है सनातन धर्म है जो प्रकृति विधान के मुताबिक है।
प्राचीन ग्रन्थ जो प्रकृति विधान , अध्यात्म विज्ञानं , और मौजूदा पश्चात विज्ञानं की कसौटी पर खरा है उसे वेद ( रहस्यात्मक विज्ञानं ) पुराण ( सच्चे इतिहास ) के द्वारा समझा सकता है।
इस देश के कुछ स्वार्थी ,मतलबी , समाज और धर्म के तथाकथित ठेकेदारों ने , देश के गद्दारों जो पोंगा पंडित जैसों की मिली भगत से भारतीय संस्कृति वेद ,पुराण रामायण गीता और खुद सनातन धर्म जैसे प्रत्यक्ष विज्ञानं के आधार को अपनी स्वार्थता हेतु गलत ढंग से लोगों में प्रचार कर, प्रस्तुत कर इस देश को खंडित कर दिया , लोगों को सच्चाई से दूर रखकर अपने स्वार्थ अपनी लालच ,अपने भोग विलाश हेतु समाज देश का बेड़ागर्क कर दिया। यहां के लोगों को शिक्षा से दूर रखा गया । इसी वजह से अखंड भारत खंड खंड हो गया ऐसे ही स्वार्थी लोगो की वजह से भारत देश को कई बार गुलामी का दुःख झेलना पड़ा।
इन्ही पाखंडी लोगों की वजह से इस देश के सच्चे और मूल निवासियों के ऊपर इतना अत्याचार किया की भारतीय सनातन धर्म को छोड़कर मजबूरन इस्लाम , ईसाई , जैन , पंथ को चुनना पड़ा , देश के जितने भी मुस्लिम ईसाई ,जैन बौद्ध इत्यादि पंथ लोग है सबके सब इस देश के मूल निवासी यहीं के रहने सनातनी ( आदि जब से मानव का जन्म हुआ ) हैं ,इनमे कोई भी विदेशी नहीं हैं। विदेशी तथाकथित ऐसे लोग हो सकते हैं जो मानव मनुष्य इंसान इंसान में फर्क करता है , जो मानव मानव में द्वेष नफ़रत पैदा करता है ऐसे लोग ही धरा = पृथ्वी पर राक्षस का काम करते हैं ।