Tuesday 30 January 2018

प्रेम का खेल गुल्ली डंडा का आयोजन सरायमीर में।

गुल्ली डंडा ( प्राचीन क्रिकेट )के प्रतियोगिता तीन (3) फरवरी को सरायमीर में कराइ जाएगी। 
Wasim Pegar :- F,I,B. Media Service ( Azamgarh Unit, )
   
आजकल कुछ मुल्कों को छोड़कर क्रिकेट के खेल को दुनियां के लगभग सभी देशों में खेला जाता है। पर यह बहुत काम लोग जानते हैं की यह खेल गुल्ली डंडा का विलायती सुधरा हुआ खेल ही है। इसका प्रमाण यही है की तीन डंडों के बीच में 2 गुलिया होती है। 
            सरायमीर : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो :- खेल एक ऐसा पहलु है जिससे आपसी भाई चारा को मजबूत कर प्यार के बहार को आगे बढ़ा सके। इसी सब बातों के मद्देनज़र सरायमीर में यह खेल का आयोजन शुरू किया गया है। 
      वसीम अहमद ने जानकारी देते हुए बताया की इस खेल का आयोजन रहमत नगर पठानटोला पस्छिमी सरायमीर क्षेत्र में संपन्न होगा। तीन दिवसीय इस खेल इस खेल का नाम गुल्लीडंडा पेजर कप रखा गया है। इस खेलके मुख्य अतिथि तफ्लुर्रहमान और उद्घाटन इसरार अहमद ब्लाक प्रमुख रानीकी सराय करेंगे।  विशेष मेहमान मिर्जा रिजवान बेग होंगे। 

Sunday 28 January 2018

F.I.B. ने गणतन्त्र दिवस को चेतना दिवस के तौर पर मनाया।

फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) की तरफ से राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को चेतना दिवस के तौर पर मनाया गया।  

 Rakesh Jaiswal: F.I.B.  Media Information Service   
  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) एंव CFIB.
 ( क्राइम फ़्री इंडिया ब्यूरो ) की तरफ से  राष्ट्रिय पर्व    गणतन्त्र दिवस   को चेतना दिवस के तौर पर मुख्य कार्यालय न्यू कुंदन पूरी सिविल लाइन्स में ब्यूरो के अध्यक्ष डॉ. भारत की अध्यक्षता में बड़ी धूम धाम से मनाया गया। 
      लुधियान : DTN & F.I.B. Media service :-राष्ट्रीय पर्व स्वाधीनता दिवस को फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो एंव क्राइम फ़्री इंडिया ब्यूरो की तरफ से संयुक्त रूप में चेतना दिवस के तौर पर  बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। इस समाहरोह में जहां राजनीतिक पार्टियों  बीजेपी , कोंग्रेश ,आप ,अकाली , बसप के पदाधिकारियों ने भाग लिया वहीँ संगठन के कार्यकर्ता  एंव स्थानीय गढ़मान्य लोगों ने भाग लिया।
            इस अवसर पर विशेष रूप से शामिल बाबा नारायन सिंह ( सुरिंदरपाल सिंह) ने भाग लिया।  इस औसर पर संगठन के विशेष अधिकारी रतन चंद , विशेष सलाहकार नरिंदर सोनी , बीजेपी नेता राजिंदर हंस , युवा नेता नरेश कल्यान ,  संगठन प्रेजिडेंट ओंकार सिंह पूरी इत्यादि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। इसके अलावा समाज सेवा सोसाइटी के प्रधान  रमेश श्रीवास्तव , प. संदीप शर्मा , स.स्वर्ण सिंह ,कमलजीतसिंह ,सोनूशर्मा , हरप्रीत सिंह राजू ,सुभाष कुमार भरद्वाज , प्रीतमदास , मलकीत सिंह ,रोहित , बलबीर मल्होत्रा , सोहन कुमार साहनी , मीडिया एडवाइजर रेक्टर कथूरिया , सलाहकार प्रदीप शर्मा , इन्दर जैस्वाल , रोहित ,सुभाष भारद्वाज इत्यादि ने भाग लिया। 
       इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष निदेशक डॉ. भारत ने अपने सम्बोधन में कहा की आज हम 69 वा संविधान दिवस मना रहे है , सर्व प्रथम संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को नमन करते हुए भारत माता और यहाँ आये हुए सभी को नमन करते  हैं। आगे   हमें क्षेत्रवाद ,जातिवाद सम्प्रदायवाद से ऊपर उठकर देश समाज हित के लिए कार्य करना समय की मांग है।  हमें खुद यह विचार करना चाहिए की क्या हम वास्तव में संविधान का पालन कर रहे है, क्या हम डॉ. साहेब के बताये मार्ग पर चल रहे है , अगर हम ऐसा कर सकें समाज और राष्ट्र हित के कार्य करते हुए आगे बढे तभी गणतंत्र दिवस मानाने की सार्थक माने जायेंगे तभी हम अपने आपको सार्थक कह सकेंगे।इसके बाद समाज में अच्छे कार्य करने वाले नागरिकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 

   

Tuesday 16 January 2018

मकर संक्रांति पर भी बिका लुधियाना में बीड़ी मिला गच्चक

पैसे के लालच में कहीं साम्प्रदायिक आग न भड़का दें ये लोग 
चाहे बेचने वाला हो या बनाने   वाला जिम्मेदारी सबकी है , यह भी एक सत्य है कि बहुत से सरफिरे लोग होते हैं जिनका काम ही खुराफात करना होता है,ऐसे लोगों को दण्डित करना ही समय की मांग है    

FIB Investigation Service  ::⇒  
लुधियाना 15  जनवरी   फर्स्ट  इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो  टीम) : आए दिन सुनने को मिलता है की अमुक होटल के खाने में कॉकरोच , कीड़े ,छिपकलियां  वगैरह वगैरह पाए जाने या खाने से हालत बिगड़ी।  लेकिन किसी धार्मिक उत्सव के मौके पर उस धर्म के खिलाफ कोई वास्तु बरामद हो तो यह घातक और साम्प्र्दायिक तनाव होना लाजमी है।  
इस के बावजूद लुधियाना में बीडीयां मिले गच्चक रेवड़ी के डिब्बे बिके। ऐसा ही एक डिब्बा हमारे हाथ भी लगा। जिसे एक परिवार माघी के अवसर पर गुरुद्धारे के संगत के लिए लाया था। जब इसे बाज़ार से लाये सामान से अलग किया जाने लगा तो इसके परदर्शी कवर में से एक बीड़ी भी स्पष्ट नज़र आयी जो इसी में पैक हो गयी थी।
जिन लोगों ने इसे जाने अनजाने पैक किया उन्होंने आम जनता के स्वास्थ्य और धार्मिक आस्था के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। इस डिब्बे को लुधियाना में दमोरिया पुल के नियक्त स्थित एक पुरानी दुकान से खरीदा गया था। जब इस दुकानदार को इसकी जानकारी दी गयी तो उसने स्पष्ट किया कि हम इस तरह के डिब्बे खुद पैक नहीं करते। होलसेल में मंगवाते हैं और रिटेल में बेच देते हैं। हमें हर डिब्बे पर कुछ थोड़ी बहुत कमाई हो जाती है। इस दुकानदार ने यह भी बताया कि जिस डिब्बे में से बीड़ी मिली है वो डिब्बा मीणा बाजार की एक जानीमानी फर्म से मंगवाया गया है।
सामाजिक और धार्मिक संगठनों में इसे लेकर भारी रोष है। अब देखना है प्रशासन इसे लेकर क्या कदम उठता है।  पंजाब और देश बहुत ही संवेदनशील हालात से गुज़र रहे हैं। दुश्मन इसी ताक में है कि कैसे इस देश की एकता को तहस नहस किया जाये। यह हमारे गुरुओं अवतारों और देश भक्तों की महान कुर्बानियों का ही फल है कि मिटाने की अनगिनत नापाक कोशिशें हर बार नाकाम हो जाती हैं। भारत हिमालय की तरह अपनी शान से खड़ा है और इसी तरह कायम रहेगा। ऐसी स्थिति में जहाँ दुश्मन हर रोज़ नयी से नयी चाल रहा है वहीँ हमारे कुछ अपने लालची लोग थोड़े से धन की खात्री देश और देश की जनता को नुक्सान पहुँचाने में लगे हैं। अब नया मामला सामने आया है मकर संक्रांति के अवसर पर।  पंजाब में इसे सिख समुदाय माघी के नाम से मनाता है। सिख धर्म में बीड़ी सिगरेट की सख्त मनाही है। बहुत से गैर सिख लोग भी बीड़ी सिगरेट को अच्छा नहीं समझते। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसे बेहद बुरा मानता है।  बहुत से देशों में तम्बाकूनोशी पर पाबंदी है।

Monday 15 January 2018

देश के न्यायधीश और न्यायलय को क्या हो गया है।


  क्या  देश का  लोकतंत्र , न्यायतंत्र विधायिका जैसे वास्तव में बाज़ारू हो गए हैं ?. 
Dr. Bharat :⇒ F.I.B. Media Service 


 मौजूदा समय में भारत देश के लिए समय बहुत ही भयानक होने वाला है ,पहले कार्यपालिका , विधायिका सभी पालिका पालकों पर भ्रष्टाचार क्या बाजार में बिकने वाली गिरी से गिरी वस्तुवों जैसे  का इल्जाम लग चुके हैं पर न्याय के लिए खुद न्यायाल शरेआम  बाजार चीख कर दुहाई देने लगे तो सिवा  जंगल राज के इलावा कुछ नहीं बचा है, ऐसी प्रस्थिति लाने  वाला है कौन ,कौन है इन सबका जिम्मेदार  
न्याय प्रणाली पर पिछले दसनो साल से न्याधीशों और न्यायालों पर तरह के इलज़ाम लगते रहे हैं , अपने ही देश के अलावा  जब कई अन्य विदेशी मुल्कों में भी टिप्पड़ी सुनने के बाद  इन सबकी  गंभीरता  पर विचार करने के बाद  हमने 8  आठ वर्ष पूर्व एक जिम्मेदार नागरिक और  क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो  CFIB, के एक प्रांतीय डायरेक्टर  एक मैनेजिंग एडीटर की हाशियत से देश के सर्वोच्च पदपर आसीन  महामहिम राष्ट्रपति  जी एंव  न्यायमंत्रलय को विशेष पत्र भेजते हुए  न्यायलय की गिरती शाख  और  भ्रस्ट जजों  न्यायधीशों पर अविलम्ब उचित एंव आवश्यक कदम उठाने की मांग की।  जिसके जवाब में माननीय राष्ट्रपति एंव न्याय मंत्रालय  भारत सरकार की तरफ से हमें पत्र  भेजते हुए सुचना दी गयी  की आपके भेजे गए पत्र के विषय पर त्वरित एंव उचित करवाई के लिए जल्द कारगर कदम उठाये जाने के लिए अग्रेषित कर दिया गया है।  बाद में जो सुचना जानकारी मिली की देश के  305  जजों के खिलाफ जाँच की करवाई चल रही है। 75  जजों को विभागीय जाँच के बाद सेवनृविति दे दी गयी। 38 जजों पर पेनाल्टी बड़ा दंड दिया गया। और 17  जजों को दण्डात्मक कार्रवाई कर उन्हें पद से हटा दिया गया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के अंदर भी बहुत कुछ सुनने को मिला।   
      इस सन्दर्भ में मौजूदा हालत को देखते हुए एक जागरूक नागरिक यही सवाल कर सकता है कि   मेरा देश , मेरा भारत, मेरा हिंदुस्तान कहाँ है, कहाँ ढूंढा जाये इसे   कोई तो बतादे। राष्ट्रवाद  का गला घोंटकर कहीं स्वार्थवाद , कहीं  जातिवाद ,कहीं अलगाववाद , कहीं क्षेत्रवाद ,कहीं सम्प्रदायवाद , इन सबसे खतरनाक वाद वाद में  राजनीतिवाद और षडयंत्रवाद ने पुरे देश में पैर  पसार कर अपनी जड़ें जमा चूका है । धर्महित ,समाजहित , देशहित की बात और काम करने वालों को जहाँ सरकारी तंत्र का क़ानूनी शिकंजा की  डर की वजह से दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़  रहा है। वहीँ न्याय पाने के लिए आम जनता की कौन कहे खुद न्यायधीश ही न्याय के लिए सार्वजानिक गुहार करे ?धिक्कार है ऐसी सरकारों पर धिक्कार है है उन लोगों को जिन जिन लोगों की वजह से आज खुद न्याय  ही न्याय की लिए फ़रियाद करे। यहाँ पर मशहूर कवि लेखक प्रदीप जी की वह पंक्ति याद आती है की  डस लिया सारे  देश को जहरी नागों ने , घर को लगादी आग घर के चिरागों ने।
     कभी ग्राम पंचायत में भी पंचायत शत प्रतिशत सही पंचायती फैशला होता था , उसके बाद रजवाड़ों का फैशला फिर विलायती अंग्रेजी अदालतों का फैसला , फिर आजाद भारत के शरुआती फैशला ठीक थे।  लेकिन धीरे धीरे अदालतों पर गलत फैसला और भ्रष्टाचार जैसे अनेकों अनियमितावों जैसे  संगीन आरोप लगने से जैसी किरकिरी हो रही है वह आनेवाले समय में देश के लिए घातक है।  
   

Wednesday 10 January 2018

ट्रिब्यून और इसके जाबांज पत्रकार रचना खेरा पर F.I.R. सम्पूर्ण मीडिया पर हमला।

कबतक देश के चौथे स्तम्भ पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए ज्यादतियां,  दबाव, हमले होते रहेंगे।
Dr, Bharat :- ⇒F.I.B. ⇒Social Media Service,

 क्या अब अपने भारत देश में सच्च उजागर करना सत्य लिखना जुर्म है ? FIR तो उन लोगों के ऊपर होना चाहिए जिन लोगों ने आधार की आड़ में  सरकारी गोपनीयता में सेंध  लगायी है। इस सेंध ने यह जाहिर कर दिया की देश की गोपनीयता सुरक्षित नहीं है।  
     लुधियाना : रचना खेरा की रिपोर्ट ने एक बात जाहिर कर दिया है की देश के अंदर सरकार के अस्तीन में छिपे कुछ शक्तियां मौजूद हैं। भारत सरकार को चाहिए था की इसकी आड़ में देश की सुरक्षा से संबसंधित सभी विभागों की गुप् चुप स्कैनिंग करती। और   कहाँ सरकार अपनी गलतियां सुधारने क बजाय गलत सलाहकारों के इशारे पर  हिटलरशाही पर उतर आई ? क्या सरकार के  ऐसे कदम से देश केअंदर छुपे काले भेड़िये सावधान नहीं हो गए होंगे ? देशी विदेशी घुसपैठियों  से देश महफूज है ? यह देश के लिए बहुत जघन्य कांड साबित हो सकता है। सरकार  के नाक के नीचे इतना गोपनीयता स्कैंडल से देश की सेना और  देश की सुरक्षा, देश की आंतरिक सुरक्षा की गोपनीयता सलामत रह जाएगी।  ऐसे ही न जाने किस किस विभाग के अंदर कौन बैठा है और क्या कर रहा है। अब वक्त आगया है की राष्ट्र हित को ध्यान  में रखते हुए भारत सरकार गृह मंत्रालय से लेकर हर जरुरी विभागों की स्केनिंग कर ऐसे लोगों को बेनकाब करे जो देश के लिए वास्तव में खतरा हैं। इस  बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की ऐसे कार्यों में वगैर राजनितिक नेता की मिलीभगत से ऐसे काम नहीं  हो सकता इस लिए यह जरुरी है की ऐसे स्कैंडलों में कितना बड़ा राजनीतिज्ञ क्यों न हो उसको और ऐसे कार्यों में शामिल सबको सार्वजानिक करना समय की मांग है  राष्ट्र हित में यह जरुरी है।    

Sunday 7 January 2018

देश विरोधी ताकतों से क्या भारत सरकार वास्तव में सावधान है ?

होशियार भारत सरकार के जिम्मेदार नेतागण राजनीत
 छोड़कर देश की आंतरिक सुरक्षा की तरफ देखो। 
Dr.Bharat : - F.I.B.  :↠⇒Intelligence Media Service
   
सत्य होती रिपोर्ट राष्ट्र हित में  दुबारा प्रसारित की  जा रही है 21.6.2018  
       आजकल जिस तरह से गुपचुप और अंदरखाते माहौल दिखाई दे रहा है क्या भारत सरकार वास्तव में  सावधान है ? जिस तरह से सुनगुन हो रही है उससे देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में नहीं दिखाई दे रही है। 
       लुधियाना : यह बात सौ प्रतिशत सत्य है की अगर देश सुरक्षित है , देश विरोधी ताकतें पस्त  हैं सुरक्षा विभाग हमेसा एलर्ट सावधान है तभी हम आप क्या पुरे देश के नागरिक सुरक्षित रहते हुए अमन चैन से जीवन ब्यतीत कर सकते हैं। इसके लिए यह जरुरी है की देश के   हर नागरिक का फ़र्ज़ है की राष्ट्र की सुरक्षा में पुलिस और सुरक्षा विभाग को सहयोग करें। 

      यह बात भी सत्य है की भारत देश की बढ़ती शक्ति , आत्मनिर्भरता , सामरिक और विज्ञानिकी क्षेत्र में तेजी से विश्व भर में अग्रसर , यानि की पूर्ण रूप से शक्ति संपन्न होने की राह में अग्रणी। यह सब देखते हुए भारत विरोधी देश, वह मुल्क जिनका काम खुरापात करना , मानवता का खून बहाना जैसे घृणित कार्य हैं ऐसे देशी विदेश शक्तियां देश को कमजोर करने में अंदर ही अंदर  सलग्न हैं। और हमारे राजनितिक पार्टियों के जिम्मेदार नेतागण चाहे पक्ष में हों चाहे विपक्ष में सिर्फ अपनी कुर्सी अपने राजनितिक कार्यों में मस्त हैं। 

       जिस तरह से आजकल ऐसे वीडिओ व्हाट्सएप्प ,फेसबुक वगैरह पर वाइरल हो रहे हैं वह कोई बच्चों का गेम नहीं है। देश को तोड़ने के षड्यंत्र में विदेशी शक्तियां  देशी सरफिरों को आगेकर देश में तबाही मचाने  के फ़िराक़ में तत्पर  हैं। फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) बहुत पहले भारत सरकार को पत्र भेजते हुए आगाह  कर चुकी है की आने वाले दिनों में देश विरोधी शक्तियां नकली भेष में जघन्य कांड कर साम्प्रदाईक दंगे बड़का सकती हैं,और अन्य तरीके से भयंकर कांड कर देश को नुकसान पहुंचा सकती हैं ।और अब दुबारा हालात के मद्देनजर  इन सभी बातों की गंभीरता को देखते हुए फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.)  भारत सरकार से पुरजोर अपील करती है की इतनी वक्त राजनितिक झमेले से बाहर निकलकर देश की आंतरिक सुरक्षा ( Internal Security ) की तरफ विशेष ध्यान देकर आनेवाले किसी भी खतरे के प्रति  सुरक्षात्मक कदम उठाये। क्योंकी समय से पहले  हमारा  रक्षात्मक कदम ही देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत कर सकता है। ऐसे कामों में देरी या लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है।