Saturday 24 March 2018

क्या आज के नौजवान शहीदों के बताये रास्ते पर चल रहा है ?


जबतक हम शहीदों के बताये मार्ग पर नहीचलते  
बतक शहीदों को फूलमाला चढ़ाना सार्थक नहीं। 
Shivam Mangal  F.I.B. Intelligence Media Service
 
    23 मार्च को देश भर में राजनितिक , सामाजिक संगठनों ने शहीद भगत सिंह , राजगुरु ,सुखदेव जी जक प्रतिमाओं अपने अपने हिसाब अपनी अपनी  श्रद्धा से शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। यह देश समाज के लिए बहुत अच्छी बात है। 
      लुधियाना : जगराओंपुल पर शहीद भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव जी की प्रतिमाओं  पर सुबह से ही  शहीदों की प्रतिमाओं पर  फूलमाला चढाने के लिए लोगों की सामाजिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं कार्यकर्ताओं की  भीड़  जुटनी शुरू हो गयी। कोई नहलाने की कोई फूलमाला पहनाने का प्रयाश कर रहे थे।  देखकर अच्छा लगा और आनंद भी आरहा था , फोटो खिंचवाने की होड़ सी थी हर कोई चाह रहा था की उसकी फोटो शानदार दिखे। वापस जाते वक्त कुछ लोगों के मुख से सुना गया की एक साल के लिए फुर्सत खाओ पियो ऐश करो। 
       क्या हमारी शहीदों के प्रति यही श्रद्धा है , क्या हम वास्तव में शहीदों को वह मानसम्मान दे रहे हैं जिसका वे हकदार हैं ?  या हम केवल दिखावा कर फोटो खिंचवाकर टी वी मीडिया में जाहिर कर रहे हैं की हम भी देश भक्तों की कदर करने वाले  हैं।
     जिसतरह से मौजूदा हालात  देश समाज के 80 प्रतिशत लोग कठिनाई में भुगत रहे हैं और बेबस नजर आरहे हैं।  अगर स्वर्ग कहीं है तो  वहां से देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की आत्मा कराह  और रो रही होगी की क्या हमने इन  20  प्रतिशत दगाबाज़ , भ्रष्टाचारी , नशीली ? सड़ीगली राजनीतिकों  जैसों के लिए देश को आज़ाद करने में अपने प्राण दिए थे। 
       याद रखे यह हर सच्चे भारतीय नागरिक का फर्ज है की वे शहीदों के बताये मार्ग पर चले  और   वह इसपर गंभीरता के साथ अमल करे किस लिए शहीदों ने अपने प्राण नेवछावर किये। अगर हम ऐसा कर सके तभी हमारी शहीदों को श्रद्धासुमन देना सफल होगा।    

Wednesday 21 March 2018

मानव पृथ्वी की रक्षा हेत विध्वंशक परमाणु जैसे हथियार ख़त्म करना अब जरुरी होगया है ।

F.I.B. फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो की रिपोर्ट के बाद  भारत सरकार सहित दुनियां के कई मुल्क सतर्क। 
Dr. Bharat : Director - ⇒ First Investigation Bureau F.I.B. Intelligence Media Service, आजकल इंटरनेट इलेक्ट्रॉनिक युग के कार्य ने जहाँ कई कठिन काम आसान कर दुनियां की देरी दुरी  ही बदल  दिए हैं , वहीँ इसमें घुसपैठ कर साईबर क्राईम कर तबाही मचाने वाले खुरापातियों से दुनिया सकते में भी आगयी है,कई देश अब इस गंभीरता को सझते हुए कड़े कदम उठा रहे हैं  । 
       इलेक्ट्रॉनिक इंटरनेट युग में जहाँ कई देशों  को सामरिक शक्ति में शिखर पर पहुंचा दिया है , वहीँ मानव जीवन की कठिन से कठिन काम  बारीकियों को आसान बना दिया है।  लेकिन  जहाँ यह  हर छण  मानव के सुविधा कार्य के लिए जरुरी हो चूका है वहीँ यह हद स ज्यादा घातक  भी हो गया है एक छोटी सी गलती इस पृथ्वी से मानव क्या  सम्पूर्ण जिव ही ख़त्म कर सकती है । 
       यह सब इसलिए घातक हो गया की इंटर नेट कंप्यूटर को हैक करने वाले भी हर मुल्क में थोड़ा बहुत हो चुके हैं आये दिन सुनने को खबर  मिल जाती है की इस देश के सैनिक जानकारी या अति गोपनीय सामरिक डाटा हैक या इसमें घुसपैठ कर छेड़छाड़ किया गया इत्यादि। अब सवाल यह उठता है की परमाणु मिसाइल तबाही करने वाले परमाणु हाइड्रोजन बम्ब जैसे घातक मिसाईल कई मुल्कों ने एक दूसरे देश को निशाना बनाकर तैनात कर रखी हैं।  अमेरिका , रूस ,चीन , दक्षिण कोरिआ , फ्रांस ,ब्रिटेन , जापान , इंडिया , पाकिस्तान जैसे  कई अन्य मुल्क विध्वंशक मिसाईलों से लैंस हैं। यह भी सत्य है की  अगर किसी सरफिरे शासक ने जनून या मूर्खता में आकर  या जिसका डर इतनी वक्त पूरी दुनियां को है की कोई सनकी आतंकवादी मानवता का दुश्मन किसी मुल्क के कंप्यूटर हैक कर ( साईबर क्राइम) सुरक्षा से सम्बंधित सामरिक अति गोपनीय से छेड़छाड़ कर मिसाइल एक दूसरे देश के प्रति गड़बड़ कर दी तो उतनी वक्त इस पृथ्वी का क्या मंजर होगा इतना ही लिखना काफी है की पूरी दुनियां तबाह होकर मरुस्थल या बर्फ से ढक जाएगी या  जीवन विहीन  शुक्र ग्रह जैसी हो जाएगी  यह खतरा दुनियां के सभी देश जान रहे हैं ऐसी मूर्खता कोई भी कर बैठे लेकिन इसका जिम्मेदार खुद अमेरिका होगा ।  
    फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ने अमेरिकी वैज्ञानिको द्वारा इ वी एम्  EVM. द्वारा भारत में प्रजातंत्र की जड़े खोखला  ( 7  मार्च 2018 को लिखी गयी रिपोर्ट   देश  समाजहित में जाँच होना दोषियों को सजा जरुरी।  अगर यह बात सत्य है तो देश का गद्दार कौन है ? क्या ऐसे में देश की सुरक्षा खतरे में नहीं ?) तबाही वाले लिखी गई रिपोर्ट  के बाद भारत के गृहमंत्री ने साइबर क्राइम करने वालों को शख्ती  साथ निपटने और कड़ी सजा का प्रावधान एलान  पास किया।  वही दुनियां के कई अन्य मुल्कों ने भी साइबर क्राइम को शख्ती के साथ निपटने का एलान किया। FIB. का मानना है की इस पृथ्वी पर मानव सभ्यता , मानव जीवन के साथ ईश्वर द्वारा - प्रकृति द्वारा दिया गया अन्य जिव के साथ पेड़ पौधों हर वास्तु की रक्षा के लिए पूरी दुनियां के मुल्कों के पास  जितने भी तबाही वाले परमाणु, हाइड्रोजन बम्ब मिसाइले व् हथियार  हैं उन  सभी को   नष्ट कर देना ही हितकर होगा , वरना अंजाम की भयानकता के लिए तैयार रहना ?>?
   

Saturday 17 March 2018

फर्जी संत बाबाओं को बनाने वाले कौन ? कितने बाबा फर्जी फरेबी घोषित।

सामाजिक ,धार्मिक ,प्राकृतिक नियम पर चलने वाला ब्यक्ति किसी संत महात्मा से कम नहीं। 

 Dr.Bharat :- Director . F.I.B. Media Intelligence
  कभी किसी ज्ञानी ने एक बात कही थी की हिदुस्तान में पढ़े लिखे गधे( गदहे ) ज्यादा मिलेंगे और अनपढ़ गधे(गदहे ) कम मिलेंगे।  और इस मुल्क में एक ईंट पत्थर भी हटाओगे तो उसके नीचे से कोई न कोई तथाकथित बाबा जरूर निकल आएगा।   यह बात सत्य है की ऐसे फर्जी संत बाबाओं को बनाने चमकाने  में पढ़े लिखे संभ्रांत लोग और तथाकथित राजनितिक नेता जिम्मेदार हैं। जबकि हर धर्म ,डेरे ,पंथ के अपने कुछ नियम  संस्कार , उद्देश्य होते हैं पर स्वयंभू  बाबा संत का सिर्फ स्वार्थ और विकृत मानशिकता होती है। 
          देश में समाज को अपने स्वार्थ के लिए लोगों का धर्म,भक्ति को भ्रष्ट कर अपने स्वार्थ स्वयंभू भगवान् ,बाबाओं को अवैध फर्जी घोषित किया गया।  देश हित समाज धर्मः हित में प्राचीन समय से अपने धर्म के काम में लगे अखिल भारतीय  अखाडा परिषद् ने तीन और संत बाबाओं को फर्जी करार देते हुए धार्मिक समाज से बाहर घोषित  किया।
          उत्तर प्रदेश के त्रिवेणी संगम  इलाहाबाद में  हुई एक वशेष बैठक में अखिल भारतीय अखाडा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने जनता से अपील करते हुए कहा की ऐसे बाबाओं से सतर्क होशियार रहें।  जो किसी परम्परा या सम्प्रदाय से नहीं हैं। साधु संत सन्यासी परम्परा ,नाथ परम्परा ,उदासीन परम्परा ,वैष्णव सम्प्रदाय,शिव संप्रदाय आदि से आते हैं। वहीँ फर्जी स्वार्थी बाबाओं का कोई सम्प्रदाय परम्परा नहीं है। 
       इससे पहले अखाडा परिषद् ने 10 सितम्बर 2017  को फर्जी बाबाओं की पहली सूची जारी की थी जिसमें 14 नाम शामिल थे।   इनमें आशाराम बापू , गुरमीत राम रहीम , सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे मां ,सच्चिदानंद गिरी , ओमबाबा उर्फ़ विवेकानद झा ,निर्मल बाबा , इच्छाधारी भीमानंद उर्फ़ शिवमूर्ति द्वेदी , स्वामी असीमानंद , ओम नमः शिवाय बाबा , नारायण साईं ,रामपाल , कुश मुनि , मलखान गिरी,और बृहस्पति गिरी शामिल थे। 
      29 दिसम्बर 2017  तीन फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी , जिसमें दिल्ली के वीरेंद्र दीक्षित कालनेमि , बस्ती के सचिदानंद सरस्वती , और इलाहाबाद के त्रिकाल भवन्तो के नाम थे। और इस तीसरी लिस्ट में  दिल्ली के चक्रपाणि  और संभल के प्रमोद कृष्ण हैं। 
         फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो F.I.B. का मानना और दवा है की  गांव से लेकर शहर तक लोगों को अगर सेवा , धर्म कर्म करने का शौक हो तो किसी गरीब दुखिया , किसी बिमारी  रोग से ग्रस्त मानव की सेवा करें एेसे लोगों की जरुरत पूरी करें जिसकी उन्हें वास्तव में  आवश्यकता हो भूखे को खाना ,प्यासे को पानी बीमार को दवा सेवा।  याद रखे ईश्वर ,खुदा ,रब, भगवान सब इन्ही में मिलेगा। किसी कवि  ने अपनी कलम से लिखा भी था की    वह खेत में मिलेगा ,खलिहान में मिलेगा , भगवान् तो ऐ बन्दे इंसान में मिलेगा। मानव जीव की सेवाव से नातो  कोई सेवा है और नहीं कोई धर्म।    

Sunday 11 March 2018

यौन उत्पीड़न बलात्कार के लिए कुछ पुरुष तो बाकि प्रस्थिति महिलाएं खुद जिम्मेदार।

चुस्त दरुस्त दिखने की होड़  , पश्चिमी सभ्यता का जोर, नेट मोबाईल पर अश्लीलता की भरमार टूटते पारिवारिक परवरिश, जैसे हालात ज्यादा जिम्मेदार।  
Dr. Bharat :-> Director - F.I.B. Media Intelligence 
आजकल महिलाओं बच्चियों पर हो रही ज्यादती मानसिक , शारीरिक उत्पीड़न , बलात्कार  जैसे मुद्देपर पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।  लेकिन पुरे देश में बढ़ रहे व्यभिचार  के लिए कौन से लोग , कौन सी प्रस्थिति , हाळात  जिम्मेदार है ?  इसपर हमें गहराई से मंथन  करना जरुरी है  खाली भाषण बाज़ी , चीखने चिल्लाने से न तो कुछ हुआ है और नाही  भविष्य में कुछ होनेवाला है। 
       यह भी एक सत्य है की चाहे प्रिवेट विभाग हों , सरकारी विभाग हो या देश के किसी साधारण मेहनत मजदूरी खेत खलिहान से लेकर हाई सोसाइटी नौकरी हर क्षेत्र  महिलाओं के साथ 90 प्रतिशत महिला कर्मियों के साथ भेद भाव , मानशिक शारीरिक उत्पीड़न होना आम बात हो गयी है। 
      हरेक क्षेत्र सिविलियन माने जाते हैं  लेकिन देश में कानून व्यवस्था को बनाये रखने ,व्यवस्था को सुधारने, अपराधियों पकड़कर अपराधी गतविधयों को रोकना  सुरक्षा वयवस्था देखना इत्यादि , लेकिन पुलिस विभाग में एक क्या अनेकानेक बुराइयां आगयी हैं , अधिकतर अनुशासन की धज्जियाँ उड़ाकर मखौल बना दिया गया है , सेक्सुअल हराशमेंट  नैतिकता के सारे बंधन तोड़ते हुए तमाम तरह के अनैतिक कार्य किये जा रहे है , यहाँ तक की पुलिस डिपार्टमेंट में पुरुषों के साथ काम करने वाली स्टाफ महिलाओं से दुर्बोहार और उनका यौन शोषण तक शामिल है। यह बात किसी आमपब्लिक या प्रेस रिपोर्टर की  रिपोर्ट नहीं है यह खुद एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी  इंस्पेक्टर जनरल  गुरप्रीत देओ  जैसे महिला पुलिस अफसर का है। महिला दिवस के मौकेपर लुधियाना में आई.जी. (प्रोविजनिंग ) तथा यौन शोषण के मामलों सम्बंधित आंतरिक शिकायत कमेटी की पमुख की हैशियत से  राज्य अस्त्रीय  पुलिस कॉन्फरन्स में जोर देकर कही।अगर सही मायने में  देखा जाये तो देखनेपर  यही हॉल पुरे देश का है।खुद महिला पुलिस का ऐसा भी बयां आते हैं की अधिकतर मामलों में शिकायत पर पुलिस के अधिकारी कुछ नहीं सुनते। डांट और दबाव धमकी ऊपर से मिलती है। ऐसी बात नहीं है कुछ मामलों में दृढ़ता के साथ सामना करने वाली महिला की शिकायत पर कभी करवाई भी होती है। फाजिल्का पंजाब के एक डी एस पी DSP. भटिंडा के ए इस आई ASI, जैसे कइयों पर छेड़ छड़  यौन उत्पीड़न की जाँच व्  विभागीय करवाई भी चल रही है।  
                                   इन सबके लिए कई कारण  है। >  राजनीतिकों के चोचले, राजनीतक हस्तक्षेप, गन्दी राजनीत , पुलिस उच्च अधिकारीयों की हिटलरशाही , शोषण दबाव , नौकरी की धमकी , प्रमोशन की लालच छोकरी नौकरी  , पारिवारिक मजबूरियां , जैसे , ब्लैकमेल , खुद की मज़बूरी जैसे कई कारन   लेकिन  आधे से ज्यादा  खुद महिला कर्मी जिमीदार है की आ बैल मुझे मार। 
      जबतक धार्मिक सामाजिक संगठन , और शासन  प्रशासन के जिम्मेदार लोग अपने कर्तब्य अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं निभाते तबतक समाज में फैले ब्यभिचार की गंदगी न तो कम होगी और नहीं कभी ख़तम ही होगी इन सब में उन सभी नौजवान लड़कियों  महिलाओं को भी भारतीय नारी , झाँसी की रानी , चंडिका का रूप रौद्र दिखाना और वैसे ही अमल करना अपने आपको साबित करना  समय की मांग है , अगर फैशन में मस्त होकर शारीरिक प्रदर्शन उत्तेजना पूर्वक कर्म व्योहार होगा तो कैसे रुक > सकता है          ?  ?+?????    

Thursday 8 March 2018

देश समाज हित में जाँच होना और दोषियों को सजा जरुरी है।

अगर यह बातें सत्य हैं तो देश का गद्दार कौन है ? क्या ऐसे में  देश की सुरक्षा खतरे में नहीं है ?>?
 
     FIB : - Media Intelligence Service 
यह बाते पिछले साल से ही सुनगुन में रही यह सब सिर्फ गद्दी कब्जियाने का मसला नहीं है। यह तो सीधे सीधे देश के साथ गद्दारी है इसके पीछे जो भी हों ऐसे सभी लोगों के कारनामों का  पर्दाफाश कर सार्वजनिक और कानूनन सजा देना जरुरी है। सिर्फ EVM की बाते नहीं  देश की अन्य अति महत्वपूर्ण गोपनीय सामरिक सुरक्षा  का भी सवाल है आखिर कौन सी शक्तियां है इन सब के पीछे । 
       लुधियाना : - फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन मीडिया सर्विस : आजकल एकबार फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अमेरिकी वैज्ञानिकों की वह बाते वाइरल हो रही हैं जिसमें इस बात को सही सिद्ध करने की कोशिश की जा रही हैं जिससे भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को खोखला करके अंदर ही अंदर जर जर बना दिया है। अगर यह बातें सत्य हैं तो भारत देश के रक्षा करने वाली शक्तियां कहाँ है क्या वास्तव में हमारा देश कर्मवीरों से खली हो गया। क्या हम वास्तव में दुबारा गुलामी के चंगुल में घिर चुके हैं।जब ईवीएम ( EVM) के द्वारा यह सब ड्रामा हो सकता है तो देश के अन्य सुरक्षा से सम्बंधित गोपनीय से गोपनीय महत्वपूर्ण विभागों में भी घुसपैठ नहीं हो सकती।अमेरिकी वैज्ञानिकों खोजकर्ताओं ने जो जाहिरबाटें उजागर की हैं उसको संक्षेप में निचे  दिया जा रहा है, और इसपर भी सर्च कर सकते हैं tz.ucweb.com   ।            punjab kesari 9 Aug.2017 
       मिशिगन विश्व विद्यालय  के शोधकर्ताओं  द्वारा  इंटरनेट पर एक वीडिओ पोस्ट किया गया।  जिसमें भारत में  उपयोग किया जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन EVM. को  साधारण घरेलु  निर्मित  एक छोटी  चिप से  जोड़कर  दिखाया गया। इस योजना के  नेतृत्व करता  प्रोफेसर  जे एलेक्स  हलदमेंन ने बताया कि  डिवाइस चिप  की मदद से  मोबाईल फोन  से सन्देश  भेजकर मतदान मशीन  EVM. का परिणाम बदला जा सकता है  उन्होंने  परिणाम बदलकर भी दिखाया इनसब दिखाने का मतलब  सरकार अपने मनमुताबिक  परिणाम  ? ? ।  वीडिओ  रिपोर्ट के अनुसार  उन्होंने एक microproces खैर  सवाल हारजीत  का जो है वह तो है ही  लेकिन इस तरह के तकनीकी द्वारा क्या देश की सामरिक सुरक्षा , के महत्वपूर्ण  मामलों तक घुसपैठ करने वालों से देश की सुरक्षा महफूज सही सलामत है ? हमारे देश की गोपनीयता  की धज्जियाँ नहीं उड़ रही है। 
       सरकार के सभी सुरक्षा से जुड़े विभागों को राजनीत से ऊपर उठकर  गंभीरता पूर्वक विचार करना होगा और गंभीरता  के साथ राष्ट्र हित के इस ज्वलंत मुद्दे पर सार्थक कदम उठाकर ऐसे  सभी  लोगों का पर्दाफांश कर देश हित  में सार्वजनिक  कर  दण्डित  करना समय की मांग  है।  वार्ना  हमें यही कहकर  चीखना चिल्लाना  पड़ेगा की    डस  लिया  सारे  देश को जहरी  नागों  ने.    घर को लगा दी आग  घरके  चिरागों  ने।   इसका हमसब  जिम्मेदार होंगे  जिसे  वक्त  कभी  माफ़ नहीं  करेगा।