Thursday, 28 December 2017

पाकिस्तान तो कभी नहीं सुधर सकता , पर हम कितने होशियार कर्तव्य परायण हैं ?

सांप के बच्चे को दूध पिलाओ प्यार मत करो , पाकिस्तान लाख कसम खाये एतबार मत करो। 
Dr. Bharat : ⇒ F.I.B. Media Service 
जो पैदा ही नफरत के नीव बुनियाद पर हुआ हो, जिसका काम नफरत की दलदल और शैतानी कार्य ही हो तो उससे मानवता इन्शानियत की उम्मीद करना  वैसे ही है जैसे एक खुनी भेड़ियों को घास खिलाने और  
शाकाहारी होने की उम्मीद करना। पाकिस्तान के साथ क्या हम सही रास्ते पर हैं?।  
      लुधियाना : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो :> पिछले कई दिनों से पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय जल सेना के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव के विषय में राजनीतिकों के साथ मीडिया ने भी बढ़चढ कर अपने राग अलापकर जय श्री कर ली अगले कुछ दिनों तक यही सब चलेगा फिर सारी  बातें टांय टांय फिस्स। पाकिस्तान ने कुलभूषण जी के पत्नी और मां के साथ जैसा गैर जिम्मेदाराना कार्य किया उसकी जितनी भी निंदा की जाये वह कम है, हम भले ही मानवाधिकार का हो हल्ला मचा ले इससे पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। क्यों ? क्योंकि पाकिस्तान जानता है की भारतीय राजनीतिकों में वह बात नहीं रह गयी है जो पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरागांधी और अटलविहारी वाजपेयी जैसे कद्दावरों में थी जो राष्ट्रहित को सर्वोप्पर मानते हुए पक्ष विपक्ष को भूलकर सब एक होकर राष्ट्र की आन बान शान के एक मुट्ठ हो जाया करते थे।यह नहीं की हम सिर्फ बड़ी बड़ी बातें करके देशवासियों का मनोरंजन करें और समय ख़राब करें जाहे पक्ष हो चाहे विपक्ष सबके सब अपने स्वार्थ में डूबने की कोशिश में लगे हों। 
         रह गयी बातें खुफ़िया विभाग इंटेलिजेंस ,जासूस जासूसी की    एम.आई   हो या रा  इनकी कुछ बातें कुछ कार्य  गोपनीय गोपनीयता हो सकती है और होनी भी चाहिए लेकिन सरकार क्यों ऐसे वीर जिन्दा शहीदों के साथ बे इन्साफ़ी कर रही है  क्यों देश के लिए कुर्बान होने वाले  अपने परिवार  अपनी हर ख़ुशी को राष्ट्र के प्रति न्योंछावर करने वाले जाबांजों के साथ उनके परिवार और ऐसे कर्मवीरों को सड़ने मरने भुखमरी के लिए छोड़  दिया जाता है। क्या सरकार के संबन्धित विभाग , देश के राजनीतिज्ञो, पक्ष  विपक्ष, देश के प्रधानमंत्री जैसे महान लोगों को यह सब करुणा ग्रस्त परिवार नहीं दिखाई देता। 2013 में चंडीगढ़ में  उन जासूसों का एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुयी थी जिसमे 15  से बीस बीस साल पाकिस्तान के जेलों में नरक की जिंदगी काटकर वापस अपने वतन भारत आये थे इनमें कुछ लोगों का तो सब कुछ ख़तम हो गया था कुछ लोगों के कहीं कोई या कुछ बचा था तो उसी से इस उम्मीद इस आशा के साथ भारत सरकार से फरियाद करते रहे लेकिन भूख ,गरीबी , बर्बादी के अलावा ऐसे कर्मवीरों को कुछ भी नहीं मिला।  इस विषय में हमने ( C.F.I.B.) क्राईम फ्री इंडिया ब्यूरो, के राष्ट्रीय समाचार  पत्र    क्राईम फ्री इंडिया में एक मैनेजिंग एडीटर  एक डायरेक्टर की हैशियत से दिसम्बर 2015 के अंक में * वाह रे भारत के राजनेता यही हाल है तो कौन देश के लिए कुछ करना ,मरना ,मिटना चाहेगा ,*  खबर लेख को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसकी कुछ प्रतिक्रिया भी हुयी थी लेकिन वाह रे   देश की शियाशत में राजनीतिकों के गड़बड़झाले की आवाज में सब ब्यर्थ।      
          अबतक समाज की भलाई देश की भलाई के नामपर हमारे संविधान हमारे कानून का सौं 100  बार से ज्यादा संसोधन हो चूका है तो ऐसे कर्मवीरों जिन्दा शहीदों के विषय में सरकार पक्ष विपक्ष क्यों नहीं संविधान का संसोधन करती ? जिससे देश के लिए हर कोई आगे आने को तत्पर हो,और ख़ुशी से देश की रक्षा हेतु आगे आ सकें। अगर सरकार इस तरफ अविलम्ब ध्यान नहीं देती है या कोई कारगर कदम नहीं उठाती है तो आने वाले दिनों में भयँकर पाणिराम भुगतने पड़ सकते हैं।  वैसे भी पकिस्तान सहित कई आतंकवादी संगठन हिन्दुस्तान के कई शहरों में तबाही मचाने की धमकी दे चुके हैं।इस लिए समय का तकाजा है की सरकार जल्द से जल्द देश के लिए अपना सब कुछ नेवछावर करने वाले ऐसे कर्मवीरों के प्रति नए और प्रभावशाली कानून पारित कर लागु कर अपनी जिम्मेदारी निभाए।           
                                                                                       


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