Thursday 29 June 2017

मादक पदार्थों के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरूद्ध अंतराष्ट्रीय दिवस

 28-जून-2017 18:52 IST
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का जनजागरण कार्यक्रम
The Union Minister for Social Justice and Empowerment, Shri Thaawar Chand Gehlot addressing at a programme on the occasion of the “International Day against Drug Abuse & Illicit Trafficking”, organised by the Ministry of Social Justice & Empowerment, in New Delhi on June 28, 2017.
नई दिल्ली:28 जून 2017: (पीआईबी//FIB मीडिया)::
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने मादक पदार्थों के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरूद्ध अंतराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आज यहां एक समारोह आयोजित किया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और श्री विजय सांपला के अलावा भारत में यूएनओडीसी के प्रतिनिधि श्री सरगी कैपीनोस, मंत्रालय में सचिव श्रीमती जी.लता कृष्ण राव और अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इस अवसर पर थावर चन्द गहलोत ने युवाओं और जनता का आह्वान किया कि वे देश को मादक पदार्थों और अवैध तस्करी से मुक्त करायें। उन्होंने कहा कि केवल सरकार के प्रयासों से इस उद्देश्य को पूरा नहीं किया जा सकता। इस बुराई को समाप्त करने के लिए लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए अनेक व्यक्तियों और इस क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ के प्रयासों की सराहना की और जानकारी दी की उनका मंत्रालय नशा करने वालों की पहचान करने, उनके इलाज और पुनर्वास के लिए स्वयं सेवी संगठनों के जरिए समुदाय आधारित सेवायें प्रदान करता है।
अपने संबोधन में श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए सरकार ने अनेक पहल की हैं और परिवार के सदस्य तथा समाज बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। श्री विजय सांपला ने कहा कि लोगों को मादक पदार्थों की बुराइयों के प्रति जागरूक करना चाहिए और अनेक संगठन इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।
प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी देखी। भारत में यूएनओडीसी के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव का संदेश पढ़ा। इस अवसर पर एक नृत्य नाटिका दिखाई गयी।
मंत्रालय मादक पदार्थों के दुरूपयोग की निगरानी करता है जिसमें नशा करने वालों की समस्या का आकलन, एहतियाती उपाय, इलाज और पुनर्वास, सूचना का प्रसार और जनजागरण शामिल है। मंत्रालय नशा मुक्ति केन्द्र चलाने के लिए देश भर के करीब 400 एनजीओ को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मंत्रालय ने नशा मुक्ति के लिए 24 घंटे की एक टोल फ्री सेवा भी स्थापित की है।
इससे पहले आज सुबह नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर ‘मादक पदार्थ के दुरूपयोग के विरूद्ध दौड़’ आयोजित की गयी जिसमें 4000 लोगों ने भाग लिया। श्री थावर चंद गहलोत ने इस दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर श्री गुर्जर, श्री सांपला, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्रालय की सचिव जी. लता के अलावा अनेक अन्य लोग उपस्थित थे। (PIB)
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Tuesday 27 June 2017

सरकार के नादरशाही रवैये से फेल छात्रों का उग्र रोष

Sohan kr.Sahni / Arun kumar :⇒ FIB.Media
कलम पकड़ने वाले हाथों में आये पत्थर 
            मजबूर छात्रों ने तोड़ फ़ोड़ कर जहाँ  पुलिस 
वाहन को आग में झोंका, आधा  किलोमीटर तक रेल लाइन को नुकसान पहुंचा  कर बिहार शरीफ   रेलवे स्टेशन में भी तोड़फोड़ कर रेल पटरी पर लोहा गार्डर भारी लकड़ियां रख कर ट्रैन के आवा जाही  में रुकावट डाली। छात्रों के आगे प्रशासन बेबस नजर आया, हमारे मीडिया रिपोर्टरों ने जो जानकारी दी वह  सरकारी भ्रष्टाचार , गैर जिम्मेदाराना और बेशर्मी की हद और सरकार  की नाकामी जैसे कई कमियां और षड्यंत्र की मिली जुली सड़ीगली व्यवस्था को जिम्मेदार
    मैट्रिक ,हाई स्कूल  की परिक्षा   की एग्जाम पेपर की कांपियों पेपर की जाँच में सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार ? इंग्लिश के पेपर की जाँच साइंस के टीचर,  मैथमैटिक के पेपर की जाँच आर्ट के टीचर से , इसी तरह अन्य सब्जेक्ट के पेपर अन्य टीचरों से करवाया गया।  जब 99 प्रतिशत छात्र फेल हो गए और सारी  की सारी  सच्चाई सामने आई तो छात्रों का गुस्सा बाहर  आगया और उनके क्रोध में जो भी सामने आया इनके क्रोध का शिकार होता गया , यहाँ तक की मीडिया के लोगो का भी मारपीट कर सर तक फोड़ दिए। आखिर इन छात्रों का जीवन बर्बाद करने के पीछे किसकी साजिश काम कर रही है? कौन सी देशी विदेशी शक्तियों के हाथ सरकारी नुमाइंदे बिक रहे हैं , जिसके आड़ में नौजवानो को आगे करके देश तोड़ने का षड्यंत्र  किया जा रहा है? 
   जब की एक शिक्षित नागरिक ही दुनियां में अपने परिवार , अपने देश और अपनी ज़िंदगी सँवारने की क्षमता  रखता है। रह गयी नालंदा विश्व विद्यालय की तो यह पूरी दुनियां में  विख्यात शिक्षण स्थान जो बिहार राज्य को पुरे विश्व में मशहूर करने में अपना एक अलग स्थान रखता है। 

Monday 26 June 2017

कश्मीर में GST और धारा 370 ?

करोड़ों अरबों रूपये खर्च अबतक सैकड़ों हजारों फौजियों  की मौत का कौन जिम्मेदार है या राजनिति का ड्रामा ही  रहेगा  

       
Courtesy Photo
Dr, Bharat  F I B, Media Intelligence  
 ⇨ :  370की धारा को ख़त्म करने की मांग भाजपा व कुछ अन्य ने सन 1950-55  के बाद से करती रही है,विपक्ष के तौर पर तत्कालीन सरकार के नाकों में दम तक कर दिए   और आज क्यों 370 की धारा   पर अब  चर्चा नहीं? क्यों इस मुद्दे से देश वासियों  को उल्लू बनाया जा रहा है,और उल्टे GST की छूट दी जा रही है।  
      काश्मीर में भारत सरकार द्वारा GST क्यों लागु नहीं किया जा रहा है।
कहा गए भाजपा और विहिप  जैसों के जिम्मेदार लोग  जो देश की आज़ादी के बाद से ही चिल्लाते रहते थे कि काश्मीर से 370 की धारा हटाई जाये, ख़त्म किया जाये। और आज जब खुद पूरी शक्ति और बहुमत से सत्ता पर काबिज हैं  पूरे देश की ताकत हाथ में लेकर बैठे हैं तो अब किस बात का डर ?
     यह बड़े  ही दुःख की बात है 1950 से ही  जम्मू कश्मीर के नाम पर हमेसा राजनीत की जाती रही है ,और इसी राजनीति के बीच में  स्थानीय नागरिकों के साथ साथ फ़ौज के जवान भी अपनी जिंदगी  से हाथ धो रहे हैं। आखिर कब तक यह सब राजनितिक ड्रामा चलता रहेगा और कश्मीर के अंदर स्थानीय और भारत के लोगों के खून से  जमीं लाल होती रहेगी। 
        वक्त का तकाजा है  की सियासत के क़द्र दानों ,ठीकेदारों अब भी वक्त को नहीं समझ सके तो विदेशी  शक्तियां हिंदुस्तान  को छिन्न भिन्न कर  आपके  वजूद को भी ख़त्म कर  तबाही  ही तबाही  मचा  देंगी   ?अगर ऐसे मसलों पर देश के जिम्मेदार राजनीतिज्ञ  नहीं जगे तो  अक्षम्य अपराध ही होगा और तब बहुत देर हो चुकी होगी। 

Sunday 25 June 2017

कदम कदम पर शक्ति देते हैं पंच मुखी बाला जी

भक्ति शक्ति के प्रत्यक्ष देवता हैं महाबीर हनुमान 
FIB मीडिया के डा. भारत की विशेष पोस्ट 


शिव शक्ति, शिव  अंशावतार अष्ट सिद्धि नवनिधि से भरपूर   महाबली, प्रकांड विद्वान, परम भक्त वीर हनुमान जी के सन्दर्भ में जितना भी कहा सुना और लिखा  जाये वह कम ही है।   सबसे बड़ी  जो बात है की हनुमान जी सतयुग तक अमर और सात्विक देवता हैं,और माता वैष्णो  देवी के द्वार पर चौबीसों घंटे इन्ही हनुमान जी का पहरा है।  
       दुनियाँ  के किसी भी हिस्से में  मनुष्य अपने श्रद्धा भक्ति द्वारा कभी  भी कहीं भी  इनकी कृपा  आशीर्वाद प्राप्त  कर सकता है। मनुष्य अपने और  मानव कल्याण के लिए पवित्र जगह देखकर  इनकी प्रतिक मंदिर बनाकर आराधना विविधि प्रकार से  पूजा पाठ कर भक्ति शक्ति  प्राप्त करता है। 
        लुधियाना  महानगर के दुर्गापुरी हैबोवाल क्षेत्र में स्थापित  पांच मुखी बालाजी मंदिर  की सेवा देख रेख भक्त संजय गुप्ता  की अगुआई  अध्यक्ष्ता  में  भगवान बालाजी  मंदिर दिनों पर दिन श्रद्धा का केंद्र  बनता जा रहा है। हर हफ्ते  चौकी  भंडारा  में सैकड़ों की संख्या में  भक्तगण  शामिल  होकर  जहाँ आनंद विभोर होते हैं वहीँ भगवन बाला जी  ( हनुमान जी ) की कृपा और  आशीर्वाद  भी प्राप्त होता है।      
             

अब भारत अफगान दोस्ती के प्रतीक सलमा बांध पर आतंकी हमला

10 अफगान पुलिस वालों की हत्या 
Courtesy Photo: Dabang Duniya 
FIB मीडिया इंटरनेशनल डेस्क की ख़ास रिपोर्ट 
     आतंक के निशाने पर पूरी दुनिया है। आतंकी संगठनों की सही सही संख्या का पता लगाना भी मुश्किल है। अब नया हमला हुआ है सलमा बांध पर। अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों ने सलमा बांध पर हमला करके 10 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। गौरतलब है कि सलमा बांध को भारत सरकार की मदद से बनाया गया था, जिसे 'अफगानिस्तान-इंडिया फ्रेंडशिप डैम' भी कहा जाता है। इसी बांध के चेकपोस्ट पर तालीबानी आतंकियों ने हमला किया और 10 अफगानी पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
     तालिबानी आतंकियों ने शनिवार की देर रात ये हमला बोला था। इस हमले में कम से कम 4 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। 'अफगानिस्तान-इंडिया फ्रेंडशिप डैम' हेरात प्रांत में है, जिसे भारत की मदद से बनाया गया है और अफगानिस्तान की सरकार ने इसे अफगानिस्तानियों को दिया भारतीय तोहफा माना है। इस सौगात को निशाना बनाना साफ़ ज़ाहिर करता है कि  आतंकी संगठन इस दोस्ती से परेशान हैं और इसके खिलाफ हैं। 
        इस मामले में सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारी हथियारों से लैस तालिबानी आतंकियों ने चाश्त जिले में बने सलमा बांध के साथ के चेकपोस्ट पर हमला किया। हमला बहुत ही अचानक था।  सम्भलने का मौका भी नहीं था। तालिबानी आतंकी पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद फरार होने में भी सफल रहे। इस दौरान दोनों ही तरफ से जोरदार गोलीबारी हुई, पर तालिबानी आतंकी अफगानी सुरक्षाबलों पर भारी पड़े। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत मनप्रीत वोहरा ने भी इसे तालिबानी हमला बताया है। इस हमले के बाद सारी रणनीति पर दोबारा विचार आवश्यक लग रहा है। 
इसके साथ ही तालिबान ने कराची एयरपोर्ट हमले की जिम्मेदारी भी स्वीकार की है। 
उल्लेखनीय है कि सलमा बांध यानि 'अफगानिस्तान-इंडिया फ्रेंडशिप डैम'  का जून 2016 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उद्घाटन किया था। ये प्रोजेक्ट 1700 करोड़ रुपयों में बना है, जो हेरात प्रांत में रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण जगह पर है। इस बांध को चिस्ती शरीफ नदी पर बनाया गया है, जिससे 42 मेगावॉट बिजली का उत्पादन तो होता ही है, साथ ही 75 हजार हेक्टेयर खेती की जमीन पर सिंचाई भी होनी है। इस से वहां के विकास की गति को पंख लग गए थे। 
      यह भी बता दें कि अफगानिस्तान में साल 2014 से अमेरिकी फौजों के वापस लौटने और अपनी भूमिका को अफगानी सुरक्षाबलों के सहयोग और आतंकवाद विरोधी अभियानों तक सीमित करने के बाद तालिबान तेजी से अपने पैर पसार रहा है। अब देखना यह है कि इस मामले पर सभी देश एकजुट हो कर कोई कदम उठाते है या नहीं?

Saturday 24 June 2017

श्रीनगर के पंथा चौक में CRPF पर आतंकी हमला

एक जवान शहीद: दो घायल: इलाके में सर्च आपरेशन
जम्मू: 24 जून 2017: (FIB मीडिया ब्यूरो)::
हम कई बार चेता चुके हैं। खतरा दिन प्रति दिन बढ़ रहा है। आसमान पर तबाही के बादल मण्डरा रहे हैं।
वतन की फिक्र कर नादान, 
मुसीबत आने वाली है 
तेरी बर्बादियों के मशविरे हैं आसमानों में। 

न समझोगे तो मिट जाओगे ए हिन्दुस्तान वालों 

तुम्हारी दास्तान तक न होगी दस्तानों में। 
FIB मीडिया की बातें कई बार सच निकल चुकी हैं। आतंकी खतरे लगातार गहरा रहे हैं। दुःख है कि  कई बार चेताने के बावजूद इन खतरों को उतनी गंभीरता से नहीं लिया गया जितना लिया जाना चाहिए था। अब नई  खबर आ रही है जम्मू कश्मीर से। जम्मू कश्मीर में शनिवार को एक बार फिर सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया है। जानकारी के अनुसार श्रीनगर के पंथाचौक में सीआरपीएफ जवानों के एक काफिले पर आतंकियों द्वारा फायरिंग की गई है। आतंकी हमलों में लगातार वृद्धि बहुत ही गंभीर खतरों का संकेत है लेकिन हमारे देश के राजनीतिज्ञ भांग पीकर कुम्भकर्णी नीद में हैं ।   

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित पंथा चौक में आतंकियों द्वारा शाम करीब 6 बजे के आसपास सीआरपीएफ जवानों के एक काफिले पर फायरिंग की है। इस हमले में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हुआ है जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। इलाके में सनसनी का माहौल है। 

हमारे सूत्रों के मुताबिक आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के बाद इलाके को सुरक्षाबलों द्वारा घेर लिया गया है। आतंकी हमले के बाद से ही इस पूरे इलाके को सीज करके आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसमें सुरक्षा बलों को क्या सफलता मिलती है इसका खुलासा होते ही हम अपने पाठकों को इसका विवरण देंगें। 


अन्तरिक्ष में भी लहराई भारतीय तिरंगे की शान

FIB मीडिया इंटेलिजेंस के डाक्टर भारत की तरफ से सभी भारतवासियों को बधाई:
अंतरिक्ष के मामले में भी भारत के विज्ञानी रच रहे हैं नया इतिहास
भारतीय राकेट ( पी.एस.एल .वी . ) कार्टोसैट - 2  ने अमेरिका ,ऑस्ट्रिया ,बैल्जिअम ,चिली, चैक रिपब्लिक,न फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातालिया, लिथुयानिआ, स्लोवाकिया, ब्रिटेन के 29 नैनों उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारतीय शक्ति। 
नई दिल्ली: सियासतदानों का अंदाज़ कुछ भी रहे लेकिन देश के विज्ञानी लगातार देश के विकास के लिए दिन रात लगे रहते है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने एक बार फिर से लहराया अपने काबिलियत का पताका। तिरंगे जब आकाश में पहुंचा तो सारा आसमान ही हिन्दोस्तानी रंग में रंग गया।   इसरो ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 30 सह-उपग्रहों के साथ कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह को लॉन्च किया है। इसकी लांचिंग से बना है एक नया इतिहास। 
यह बहुत ही महत्वपूर्ण रहा। इसरो ने कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह पीएसएलवी-सी 38 के साथ करीब 243 किलोग्राम वजन वाले 30 अन्य सह उपग्रहों को भी एक साथ प्रक्षेपित किया है. यह उपग्रह 505 किलोमीटर ध्रुवीय सूर्य स्थैतिक कक्षा (एसएसओ) में पहुंचने के लिए रवाना हो गया।  इसकी लांचिंग से सारी दुनिया दंग रह गयी। 

इसका विवरण देते हुए इसरो ने बताया कि इन सेटेलाइट्स को कृषि फसल की निगरानी और आपदा प्रबंधन के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल तस्वीरें प्रदान कराने के लिए बनाया गया है. इतना ही नही पीएसएलवी-सी 38 के साथ अंतरिक्ष में भेजे गए इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका समेत करीब 14 देशों के 29 नैनो उपग्रह भी शामिल हैं। जानकारी के लिए बता दें कि PSLV-C 38 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के फर्स्ट लांच पैड से लॉन्च किया गया. इसरो के अनुसार पीएसएलवी का यह 40वां ( PSLV-C 38) सफर है। 
उल्लेखनीय है कि इस श्रृंखला का ये छठा सेटेलाइट होगा. पिछले सेटेसाइट्स की तरह कार्टोसैट-2 में पेनक्रोमेटिक इमेजर लगा हुआ है. साथ ही इसमें मल्टीस्पेक्ट्रल इमेजिंग सिस्टम भी मौजूद है. 712 किलोग्राम वाले इन सेटेसाइट्स की अंतरिक्ष में अनुमानित आयु पांच साल है।  उम्मीद है इन पांच वर्षों में यह बहुत कुछ नया करके देगा। 
आपको मालूम है इसका विवरण। ये अंतरिक्ष यान रिएक्शन व्हील्स, मैग्नेटॉर्क और हाइड्रजीन ईंधन युक्त होगा. 30 उपग्रहों का कुल भार 243 किलोग्राम और कार्टोसैट को मिलाकर सभी 31 उपग्रहों का कुल भार 955 किलोग्राम है. अंतरिक्ष यान में ऊर्जा सोलर ऊर्जा के साथ दो लिथियम आयन बैटरी चार्ज से प्राप्त किया जाएगा। विकास के इस नए अध्याय की खुशखबरी पर आप सभी बधाई। 

Monday 19 June 2017

शराबबंदी की सियासत पर भारी रही कैप्टेन साहिब की रणनीति

ठेके भी बंद रहेंगे--दारू भी मिल सकेगी
लुधियाना//चंडीगढ़: 19 जून 2017: (FIB मीडिया ब्यूरो)::
शराब के नाम पर सियासत करने वालों को ज़मीनी हकीकत समझ लेनी चाहिए कि जब तक शराब सरकारों की आमदनी का स्रोत बनी रहेगी तब तक इसे पूरी तरह से हटाना नामुमकिन जैसा ही होगा।  जहाँ जहाँ पर भी ड्राई एरिया बनाये गए वहां वहां शराब की बिक्री खुलेआम तो बंद  हो गयी की लेकिन उन एजेंटों की संख्या बढ़ गई जो कहते हैं बताया किस ब्रांड की दारु चाहिए आपको अपने कमरे में मिलेगी। इस संबंध में पंजाब सरकार का फैसला शराबबंदी की मांग करने वालों एक बार फिर सोचने का इशारा भी कर रहा है। इनको सोचना चाहिए कि सरकार की आमदन बंद करके ये किसको फायदा पहुंचा रहे हैं..शराब की अवैध बिक्री करने वाले शारब माफिया को?

बता दें कि पंजाब सरकार ने होटल इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है। अब नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में स्थित होटल, क्लब और बार शराब परोस सकेंगे। सोमवार को कैबिनेट ने इसके लिए पंजाब एक्साइज एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी।  निश्चय ही अब हाई वे पर भी दारू मिल सकेगी। बस एक आर्डर पर जाम टेबल पर होगा वह भी जिस ब्रांड का चाहो।बढ़िया से बढ़िया और महंगी से महंगी। फरक पड़ेगा तो केवल उन लोगों को जो ज़्यादा अमीर नहीं हैं। गाज गिरेगी उन लोगों पर को जो महंगी दारू एफोर्ड नहीं कर सकते। 

इसके साथ ही स्पष्ट करना आवश्यक है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में हुई कैबिनेट की मीटिंग में पंजाब एक्साइज एक्ट की धारा 26-ए में संशोधन को हरी झंडी दे दी गई। जिसके तहत नेशनल और स्टेट हाईवे से 500 मीटर के दायरे में स्थित होटल, बार व क्लबों को पाबंदी से मुक्त कर दिया गया, इसके बाद सभी होटल आदि शराब परोस सकेंगे। लेकिन यह भी तय है कि हाईवे के 500 मीटर के दायरे में कोई शराब का ठेका नहीं होगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस संबंध में कानून बनाने के लिए बिल विधानसभा के बजट सत्र में ही लाया जाएगा। ऐसी हालत में वे लोग मुश्किल में होंगें जो क्लबों में नहीं जा सकते। हो सकता है वे मजबूरी उन्हें किसी दुसरे नशे की तरफ ले जाये। दुसरे नशे शराब से ज़्यादा खतरनाक भी हो सकते हैं। 
शराब की बिक्री से सरकारों की आमदनी पर हमला करके शराब पर सियासत करने वालों को चाहिए कि  वे उन कारणों का पता लगाएं जिनकी वजह से व्यक्ति शराब की तरफ जाना चाहता है। घरों के कलह क्लेश को समाप्त करें। कामकाज के क्षेत्र में कई की घंटों की लम्बी डयूटी को समाप्त करवाएं जिनमें इंसान से जानवर की तरह काम लिया जाता है। अगर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक काम करने का सिलसिला है तो क्यों लिया जाता है उनसे सुबह 7 बजे से शाम या देर राततक काम? इतने काम के बाद वे जब तहक कर दो पैग पीना चाहते हैं तो हंगामा बरपा हो जाता है। शराब को हटाना है समाज को स्वस्थ करो शराब या कोई भी और नशा तो अपने आप छूट जायेगा। समाज को जगाना ज़रूरी है।  लोगों को जगाना ज़रूरी है। केवल और केवल सरकार को निशाना बनाना शराब के मुद्दे पर ओछी सियासत ही होगी और कुछ नहीं। लोगों को भड़का कर शराब के ठेकों पर धरने तो लगवाए जा सकते हैं, शराब की बोतलें भी तुड़वाई जा सकती हैं लेकिन शराब की ललक को समाप्त नहीं किया जा सकता। सरकार ने इस सारे झमेले के बावजूद बीच का रास्ता निकाल लिया है जिससे साफ़ ज़ाहिर है कि सरकार को भी शराब की राजनीति करने वाले सियासतदानों के साथ कुशलता से निपटना आता है। 

Friday 16 June 2017

JAPO ने कहा: न्याय ब्यवस्था हुई लचर और भ्रष्ट 68

लुधियाना सेमिनार में हुई न्याय प्रणाली की जमकर आलोचना 
लुधियाना 15  जून 2017: 
गुरदेव सिंह :F I B, Media Intelligence 
     अदलतों में इस वक़्त मुटठी भर क्या इतने केस पेंडिंग हैं कि  दादा के ऊपर मुकदमा हुआ तो पोता पड़पोता ही तारीख भुगत कर फैसला सुनेगा। एक आंकड़ा के अनुसार पिछले साल तक सुप्रीम कोर्ट में उनसठ लाख नौ सौ  अठतीस लाख अठसठ  हजार केस हाईकोर्टों में और निचली अदालतों में तीन करोड़ से अधिक केस पेंडिंग हैं।
इस गहन गंभीर मुद्दे पर आज एक विचार गोष्ठी स्थानीय पंजाबी भवन में हुई। मुख्य मेहमान थे शहीद भगत सिंह के भान्जे प्रोफेसर जगमोहन सिंह छत्तीसगढ़  से आये  हुए प्रवीण पटेल और बेलन ब्रिगेड की अनीता शर्मा। इसका आयोजन किया था जज एडवोकेट पीड़ित संगठन (JAPO) ने। इस मौके पर न्याय व्यवस्था की कमियों की चर्चा करते हुए इस सिस्टम के बखिये उधेड़ दिए गए। सबसे बड़ी  बिडम्बना यह है की मौजूदा समय में न्याय ब्यवस्था इतनी लचर और भ्रष्ट  हो चुकी है  की पहली तारीख की बात ही भूल जाइये  तारीख पर तारीख भुगतते जिंदगी गुजर जाएगी और न्याय की उम्मीद रखना और सही  फैसला  मिलना या सुनना  एक स्वप्न हो गया  है ] और बाकी आजकल की जनता खुद समझदार है। 

Thursday 15 June 2017

पाकिस्तानी जेलों में भारत के 54 युद्धबंदियों सहित कुल 74 रक्षा कर्मचारी बंद


सूचना अधिकार के तहत विदेश मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट 
अमृतसर: Sanjeev Mahajan  F . I . B. Media 
पाकिस्तानी जेलों में 1965 तथा 1971 के 54 युद्धबंदियों सहित कुल 74 रक्षा कर्मचारी बंद हैं।आरटीआई एक्टिविस्ट डालचंद पंवार ने जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत केंद्रीय विदेश मंत्रालय से पाक जेलों में बंद युद्धबंदियों व अन्य रक्षा कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी थी। विदेश मंत्रालय की ओर से संजय कुमार द्वारा डाल चंद पंवार को भेजे गए जवाब में कहा गया है कि भारत सरकार ने कई बार राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान सरकार को भारतीय युद्धबंदियों को रिहा करने के लिए कहा है लेकिन पाकिस्तान सरकार ने कभी भी यह स्वीकार नहीं किया कि भारतीय युद्धबंदी उनकी जेलों में बंद हैं।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री के जनवरी 2007 में पाकिस्तान दौरे के दौरान यह मामला उठाया गया था। भारत के आग्रह पर 2008 में एक कमेटी का गठन किया गया था जोकि लापता रक्षा कर्मचारियों का पता लगा सके। 24-25 मई 2012 को इस्लामाबाद में गृह सचिव स्तर की वार्ता में भी यह मामला उठा था। उसके बाद 4-5 जुलाई 2012 को नई दिल्ली में हुई विदेश सचिव स्तर की वार्ता में भी यह मामला उठाया गया था परन्तु इसके बावजूद पाकिस्तान ने अपने स्टैंड में कोई परिवर्तन नहीं किया। अब प्रश्र यह खड़ा होता है कि आखिर यह लापता रक्षा कर्मचारी कहां चले गए। डाल चंद पंवार ने कहा कि सीमा से गायब हुए 74 फौजी जवानों के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार को अब यह मामला यू.एन. या अंतर्राष्ट्रीय अदालत में उठाना चाहिए।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2000 से ज्यादा N,G.O, पर शिकंजा कसा

 विदेशों से चंदा बटोर रहे एन.जी.ओ.पर कड़ी करवाई
   Sanjeev Mahajan F. I.B.media: Unit  Amritsar :
 अमृतसर :  हिंदुस्तान में ज्यादातर एन जी ओ को विदेशों से चंदे के रूप में आरहे वैध अवैध फंडिंग के मद्देनजर सरकार ने सभी एन जी ओ से अपने बैंक एकाउन्ट का मूल्यांकन व इन सबकी सुचना देने का फरमान जारी किया है। वहीँ सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि अगर कोई  एनजीओ  जानकारी देने से मना करता है तो उसके खिलाफ बनती उचित करवाई की जाएगी। 
     इसके लिए   गृहमंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी है, नोटिफिकेशन के अनुसार विदेश फंडिंग के एक्ट के तहत आने वाले सभी एनजीओ एक निर्धारित बैंक एकाउंट में ही विदेशी चंदा लेना होगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने गैर सरकारी संगठनों पर सख्त करवाई करते हुए 20 हजार विदेशी चंदा नियनम कानून लाइसेंस रद्द कर दिए थे। गृहमंत्रालय इस साल 50 प्रतिशत से ज्यादा एनजीओ  पर  उनका FCRA लाइसेंस रद्द किए थे। पिछले एक साल में ही 33 हजार में से 20000  ऍफ़सीआरए लाइसेंस रद्द किये गए ,इसी के मद्देनजर लगभग 3000  संस्थाओं की लाइसेंस रिन्यू करने की तजा अर्जी मिली है।   

Wednesday 14 June 2017

C.B.I. का NDTV पर छापा खतरनाक

ऐसे काम सरकार द्धारा मीडिया का गला दबाकर हत्या करने का प्रयास 
जिस तरह से सरकारी तंत्र सरकार के कहने पर आम नागरिकों का उत्पीड़न मनमानी कर हत्या तक करवा देती है उसी तरह देश के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले कलम के सिपाही  मीडिया को भी तबाह करने पर उतारू,  सरकार  का यह कार्य निंदनीय कहा जाने वाला हिटलरशाही है।  
डॉ. भारत राम 
Dr.Bharat : First Investigation Bureau(F. I. B. Media Service)            आज अगर पुरे देश में  हर छण   आम नागरिकों से लेकर पुलिस प्रशासन ,सरकार  तक  सही रिपोर्ट  सुचना पहुँच रही है तो  यह सब सुचना तंत्र  मीडिया की देन है।  मीडिया की वजह से ही जहाँ बड़े से बड़े अपराधों ,स्कैंडलों की  वह हकीकत पर्दा पास हो रहा है जो पर्दाफांश  सरकारी तंत्र खुद नहीं कर सकता है ?अगर जिस वक्त कलम मीडिया के सिपाही सो गए या चुप हो गए तो भ्रष्ट अफसरशाही और भ्रष्ट नेता देश का बेड़ागर्क  करते हुए  वह हाल कर  देंगे जैसे  चार भूखे भेडिओं के बीच में एक नन्हा सा मेमना बकरी का बच्चा आ कर भेड़िओं का शिकार होगया  हो ? देश के सरकार के हर विधायक ,सांसद ,मंत्री  कितनो बड़ा  अपराध में लिप्त हो उसको हर सुख सुविधा ,ऐशो आराम  मिलता है ? और देश का चौथा  स्तम्भ  कहे जाने वाले मीडिया को सच्चाई सामने लाने  पर हकीकत दिखाने  पर तरह तरह का उत्पीड़न  सजा तक देकर उनकी आवाज़ दबाकर उसी भारतीय संविधान की धज्जियाँ उड़ाई  जाती है जिस संविधान की कसम खाकर जिस संविधान के अंदर रहने का दम्भ भरते हैं ऐ कैसा इंसाफ है ,क्या कानून की तरह सरकार के आँखों परकाली  पट्टी पड़ी है ?।           यह भी एक सच्चाई है की  सरकार  द्वारा अपने हक़ की आवाज़ उठाकर सरकारी दमन विरोध की आवाज़ दबाने के लिए सरकार राजद्रोह जैसे कानून का तथाकतिथ उपयोग करती रही है। ( यहाँ यह भी सत्य है कि जब देश समाज खतरे में हो तब कुछ क़ानून सख्त करना समय की मांग होती है ,लेकिन वही कानून हमेसा लागु नहीं हो सकता   ) 2005 में कानून बनाने के बाद से अबतक सुचना की आजादी, प्रेस की आजादी, और सही रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया  के 51  से ज्यादा  लोगों की हत्या कर दी गयी या करवा दी गयी।  वाह रे भारतीय सरकार  कहाँ ऐसे  कलम के सिपाहियों  को सुरक्षा  संरक्षण  सहयोग देना चाहिए कहाँ  तरह तरह का शारीरिक उत्पीरण  मानशिक उत्पीरण  ?, अब भी वक्त है की सरकार  और सरकारी तन्त्र  ऐसे अपनी हिटलरशाही बंद करे वार्ना देश को ईरान ,इराक ,सीरिया ,अफगानिस्तान जैसे हालात  से गुजरना पर सकता है क्योंकि विदेशी शक्तियां ,विदेशी दुश्मन घात लगाकर बैठे हैं की कब मौका मिले की वे देश में अपने घिनौने कार्य करें , वक्त की नजाकत यही कहती है की सरकार  सभी का साथ सभी का हाथ वाली कहावत पर चलते हुए भविष्य के कार्य को आगे बढ़ाना ही भारत देश की शक्ति को बढ़ा सकता है।  






































































































Sunday 11 June 2017

अजनाला के गॉव पंज गरिया से बीएसएफ ने 6 किलो हेरोइन बरामद


 from Hardev Prince


एफ.आई . बी . यूनिट अमृतसर   : अमृतसर की भारत पाक सरहद के अजनाला के  गॉव  पंज गरिया से बीएसएफ ने 6 किलो हेरोइन बरामद की  है ये हेरोइन  बीएसएफ के जवानों ने सर्च के दौरान बरामद की है इस हेरोइन की अंतर्राष्ट्रीय मार्किट में कीमत 30 करोड़ रूपये है  

  F . I . B . Media  Amritsar : पाकिस्तानी तस्कर हेरोइन को भारत में भेजने के अलग अलग तरीके अपनाते है लकिन बीएसएफ के जवानों की मुस्तैदी की वजह से पाकिस्तानी तस्कर अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं हो पाते  आज बीएसएफ ने अमृतसर के अजनाला सेक्टर के गॉव पांझ ग्रहिया से 6 पैकेट हेरोइन बरामद की है ये हेरोइन उस समय बरामद  की  गयी जब बीएसएफ के जवान सुबह सर्च कर रहे थे उस समय बीएसएफ के जवानो ने हेरोइन को पड़े हुए देखा डीआईजी गुरपाल सिंह के मुताबिक पाकिस्तानी तस्कर हमेशा भारत में हेरोइन भेजने की कोशिश करते है लकिन उनके जवानो की मुस्तैदी के कारन वह कभी कामयाब नहीं हो पाते 


Bite: गुरपाल सिंह (डीआईजी बीएसएफ

Friday 9 June 2017

हिंदुस्तान की जनरेशन को तबाह करने का षड्यंत्र या कुछ और ?

डॉ. भारत  F . I . B . Media Intelligence का खुलासा 
लुधियाना :  आज यह एक बहुत ही गंभीर समस्या  ने जन्म लिया है जिसपर अविलम्ब रक्षात्मक  कदम नहीं उठाया गया तो  भारत देश की आने वाली  जनरेशन पूरी तरह तबाह और  तरह तरह की बिमारियों से ग्रस्त  हो लाचारी का जीवन जीने को मजबूर हो जाएगी।  कुछ समय पहले तक देश   के हर जिले  राज्यों के नौजवान अपने कंधे पर  कुंतल का कुंतल  वजन उठा उठाकर फेंक देता था।  और जिस पंजाब  हरियाणा के नव जवान बहादुर , गबरू के रूप में पुरे विश्व में माने जाते थे  आज  जहर रूपी खुराक  जहरीला पानी ,कृतिम भोजन ,नकली खाद पदार्थ  खा खा कर और जहर रूपी हैरोइन ,ब्राउनशुगर, स्मैक  जैसी वस्तुओं के सेवन से  ऐसे हो गए हैं की फ़ोर्स ,सेना में नाकारा  साबित हो रहे है।     सबसे खतरनाक  ?
      पहले कुछ मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने को विवश , दूध घी नकली , केमिकल इंजेक्सन  से तैयार साग सब्जी , केमिकल से पकाये फल इत्यादि ,   लेकिन मौजूदा समय में खतरनाक केमिकल और प्लास्टिक जैसे घातक रसायन से बनाये जा रहे  नकली अंडे , नकली पत्तागोभी , नकली चावल, गर्म पानी में घुलनशील चीनी में प्लास्टिक नुमा तत्व देखने सुनाने में आरही हैं। 
      देश में कई विभाग बने हैं  इन सब की देखभाल करने , निगरानी और स्वास्थय विभाग जैसे कई विभाग काम कर रहे है। लेकिन बारे ही दुःख और चिंता बात है की देश के सभी विभाग या तो निकम्मा नालायक हो गए हैं, या अंधे बहरे गूंगे या भ्रस्टचार में डूबे  हुए सिर्फ अपनी तिजोरिया भर रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की देश का रहनुमाई करने वाले , देश भक्ती का दम्भ भरने वाले नेतागण कहाँ फरार और अपने आप को अंधी कोठरी में दुम दबाकर छुप गए हैं धिक्कार है ऐसे रजनीतिक नेताओं पर जो देश के नामपर देश के साथ बलात्कार कर रहे हैं।       दूसरी तरफ पंजाब के कुछ जिलों को छोड़कर ज्यादातर जिलों के पानी में हैवी मेटल और घातक जहर यूरेनियम निर्धारित  कुदरती मात्रा से गुना ज्यादा पाई जा रही है ?ऐसे घातक कैमिकल्स की वजह से कैंसर जैसे कई बीमारियों से स्थानीय लोग ग्रस्त पाए जा रहे हैं। इस संबंध में हमने ( डॉ. भारत एक सी एफ आई बी , डायरेक्टर की हैसियत से )  पंजाब सरकार ,केंद्रीय सरकार  एंव देश के सर्वोच्च पद पर आसीन महामहिम राष्ट्रपति महोदय को जर्मन साइंस दरों की रिपोर्ट एंव भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर की पूर्ण रिपोर्ट के साथ अपनी रिपोर्ट भेजी थी। जिसके जवाब में कुछ न कुछ करने का ढिढोरा  पीटा गया परन्तु ? इनसब का निदान करने की बजाय  नशीली  वस्तुओं का आतंकवाद सर चढ़ कर बोलने लगा है ? इन सब उपरोक्त विषय पर क्या कोई देश भक्त अधिकारी आगे आकर इन सब बुराइयों का  दमन करेगा जब की F  I  B  , के चेयरमैन डॉ. भारत ने सी.एफ.आई.बी  के तहत भारत सरकार तथा सर्वोच्च पद पर बैठे अधिकारीयों को सूचित करते मीडिया द्वारा भी आवाज उठायी गयी।  
       

अमृतसर के राजासांसी गांव में चली गोली 4 लोग गंभीर रूप में हुए घायल

अमृतसर के राजासांसी गांव में चली गोली 4 लोग गंभीर रूप में  हुए घायल




जमीन के कब्जे को लेकर  किया गया है यह हमला 


पुलिस ने घटनास्थल से चार खोल किए बरामद


Hardev Prince Amritsar   : F.I.B.Media Intelligence 

अमृतसर के हलका राजा सांसी मैं देर रात उस समय  सनसनी फैल गई  जब दो गुट आपस में भिड़ गए वही एक गुट की ओर से जमीन के कब्जे को लेकर दूसरे गुट पर गोलियां चलाई गई इस घटना में करीब 4 लोग बुरी तरह से घायल हुए वहीं घायलों को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल करवाया गया जहां पर उनका इलाज जारी है वही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों के बयान भी दर्ज कर रही है और जो बनती कार्यवाही है उसका भरोसा दे रही है

अमृतसर में वारदातों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा ताजा मामला है अमृतसर के हलका राजा सांसी का यहां पर दो गुटों में जमीनी विवाद को लेकर गोली चल गई जिसमें करीब 4 लोगों इसमें घायल हुए वहीं घायलों को अमृतसर के सरकारी हस्पताल श्री गुरु नानक देव में दाखिल करवाया गया है वही जानकारी देते हुए बलदेव सिंह ने बताया कि उनकी जमीन को हड़पने के लिए कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं और आज भी कुछ अज्ञात व्यक्तियों की ओर से उन पर गोलियां चलाई गई जिसमें उनके परिवार के 4 सदस्य बुरी तरह से घायल हुए वही पूर्व पंचायत मेंबर हरजीत सिंह ने भी बताया कि कुछ व्यक्तियों की ओर से इन गरीब परिवार के ऊपर गोलियां चलाई गई है जिसमें 4 लोग घायल हुए हैं यही नहीं उन्होंने इन को मारने की धमकी भी दी है और उनको जातिसूचक शब्द भी बोले हैं वही आज हम इनको अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए हैं और हम प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते हैं वही मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी गुलजार सिंह ने बताया कि अमृतसर के हलका राजा सांसी में गोली चली है जिसमें चार लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं और उनका इलाज अमृतसर में चल रहा है हम इनके घायलों के बयान नोट कर रहे हैं और जो भी बनती कार्रवाई होगी वह की जाएगी यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति की ओर से जातिसूचक शब्द इनके लिए बोला गया होगा तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी अभी हम उनके बयान नोट कर रहे हैं उसके बाद कार्रवाई की जाएगी

Monday 5 June 2017

देश के मौजूदा हालात पर F I B. की विशेष मीटिंग

 देश की सुरक्षा पर न की जाये कोई भी सियासत,देश सेवा परम धर्म।        भगवंत सिंह ग्रेवाल (F I B . मीडिया ब्यूरो)
  लुधियाना:5  जून;; देश  की आंतरिक सुरक्षा एंव सामाज की मौजूदा समस्याओं के गंभीरता के मददेनजर एंव संगठन के राष्ट्र हित के कार्य उद्देश        को आगे बढ़ाने  हेतु         राष्ट्रीय अपराध  व नशा  विरोधी गुप्तचर मीडिया सर्विस ‘‘ फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन  ब्यूरो ’’ (एफ.आई.बी.) की एक विशेष  बैठक घंटाघर के नजदीक विशेष  स्थान पर हुई। बैठक में नेशनल  चेयरमैन डॉ. भारत, अध्यक्ष ओंकार सिंह पुरी, डिप्टी चेयरमैन भगवंत सिंह ग्रेवाल, सचिव रेक्टर कथूरिया, सलाहकार प्रदीप  शर्मा  व कुछ अन्य सदस्यों नें भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि आंतरिक सामाजिक सुरक्षा में और शांति व्यवस्था बनाए रखनें में पुलिस प्रशासन  का खुल कर सहयोग किया जाएगा। साथ ही सभी सदस्यों से अपील की गई कि वे जहां पर भी हों वें अपराधों की रोक थाम में स्थानीय पुलिस का सहयोग करें। अगर कोई अड़चन या रुकावट आ रही हो तो वे पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी सूचना व असामाजिक तत्वों की खुरापात करनें वाली कोई भी सूचना हो उसे  दे। ताकि समय रहते दी गई सूचनाओं पर तुरंत कारवाई हो सके, साथ ही सभी सदस्यों रिपोर्टरों को हिदायत दी गई कि कोई भी ऐसा कार्य न करें जो कानून के खिलाफ हो।
        बैठक में  डॉ. भारत नें जोर देकर कहा कि आंतरिक सुरक्षा के संदर्भ में प्राप्त जानकारी व गोपनीय सूचनाओं को बिना देरी किए सुरक्षा से सम्बंधित विभाग, केन्द्रीय गृहमंत्रालय व महामहिम राष्ट्रपति  महोदय को आवश्यक  जरूरी कारवाई हेतु एंव मीडिया को दी जाएगी, ताकि सम्बंधित विभाग सावधान होकर रक्षात्मक कारवाई समय से कर सके। क्यों कि पिछलें 18 साल से सी.एफ.आई.बी. के तहत राष्ट  हित की प्राप्त सूचनाओं को हम गृहमंत्रालय,सुरक्षा विभाग व महामहिम राष्ट्रपति महोदय तक भेजते रहे हैं, अब हालात के मुताबिक F.I.B. के तहत इस कार्य में तेजी लाई जाएगी  

Saturday 3 June 2017

घातक हो सकते है काश्मीर के हालात ?

F.I.B. मीडिया  के डॉ. भारत की चेतावनी 
 यह रिपोर्ट सही है की काश्मीर के पढ़े लिखे नौजवान इंजीनियर ,प्रोफेसर डॉक्टर आतंकवाद जेहादी के रूप मैदाने जंग में उतर आये हैं  तो यह भारत देश के लिए घातक होने जा रही है
       भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह का राजनितिक बयान  कुछ हद तक ठीक है की कश्मीर में आतंकवादी और सीमापार से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है।  लेकिन जो ताजी सुचना मिली हैं की आतंकवादी घटनाओं में जिहाद के नाम पर इंजीनियर,प्रोफेसर  डॉक्टर जैसे नवजवान भी जिहाद हरकत में शामिल होने लगे है वह भविष्य के लिए काफी नुक्सान करने वाला साबित होगा।  
       अभी  पिछले दिनों ही ख़ुफ़िया  व मीडिया रिपोर्ट के  मुताबिक कुछ ऐसे आतंकवादी  नौजवान पकड़े गए  जो कोई इंजीनियर कोई डॉक्टर  जैसे  प्रतिष्ठित पद पर रहने वाले नौजवान कश्मीरी हैं।  यह पाकिस्तान की कामयाबी है की वह अलगाववादियों  आतंकवादियों  के ग्रुप में  इंजीनियर ,डॉक्टर,मास्टर ,मीडिया  के लोगों को बरगलाने में कामयाब हो गया ?
     आगे  फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो  FIB. भारत  सरकार  से पुरजोर अपील करती है की  वह इन नयी प्रस्तिथियो की तरफ विशेष ध्यान देकर नयी चुनौती का युद्ध स्तर  खत्म करे वार्ना आने वाले समय में पुरे देश के लिए घातक हो सकता है। 
    रह गयी बात सेना Military,Army,Forces की तो सरकार आतंकवाद  को ख़त्म  करने के लिए पूरी छूट दे और सेना के कार्यों में राजनितिक हस्तक्षेप  से दूर रहे।  क्योंकि भारतीय सेना विश्व में अपना एक अलग रुतबा सम्मान रखती हैऔर यह रुतबा सम्मान ही सेना की असली  ताकत है । 

Friday 2 June 2017

सैनिकों का कल्याण//विशेष लेख//*रंजीत कुमार


18-मई-2017 13:22 IST
सैनिकों की भलाई के लिए उठाये गए कदमों की विशेष चर्चा 
रंजीत कुमार  
मशीन के पीछे जो इंसान है वह भी पूरी तरह से तंदुरुस्त और सुविधा संपन्न होना चाहिए। पिछले तीन वर्षों के दौरान एनडीए सरकार का यह मिशन रहा है। जब लाखों डॉलर की लागत से हथियार प्रणालियों और विभिन्न उपकरणों को खरीदा जाता है, तो सेना के जवान और अधिकारी इनकी बेहतर तरीके से देखभाल करते हैं, ताकि युद्ध के समय इनका प्रभावशाली ढंग से इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे में इन जवानों और अधिकारियों का भी तंदुरुस्त एवं सुविधा संपन्न होना जरूरी है। एनडीए सरकार ने सत्ता संभालने के बाद, न केवल सैनिकों के भुगतान एवं भत्तों तथा पेंशन में बढ़ोतरी की घोषणा की है, बल्कि उनके जीवन को आसान बनाने के लिए कई कारगर कदम भी उठाए हैं। देश तब तक युद्ध नहीं जीत सकता, जब तक युद्ध लड़ने वाले सैनिकों को उनके कल्याण के लिए आश्वस्त न किया जाए। एक असंतुष्ट सैनिक से देश के लिए बलिदान देने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए एनडीए सरकार सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने और उनके कल्याण के बारे में बातें कर रही है और इस दिशा में कई कारगर कदम भी उठा रही है।

सैनिकों के कल्याण की दिशा में उठाए गए प्रभावशाली कदमों में से एक वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को स्वीकार किया जाना है। देश के सैनिक पिछले चार दशकों से वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे थे। सरकार ने 07 नवंबर 2015 को वन रैंक वन पेंशन को आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लागू करने की घोषणा कर दी। इसके लागू होने से सरकारी ख़जाने से प्रतिवर्ष करीब 8000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वन रैंक वन पेंशन ने रक्षा सेवा के सैनिकों के बीच पेंशन को लेकर व्याप्त असमानताओं और अस्थिरताओं में सुधार सुनिश्चित किया है। पिछले वर्ष 30 नवंबर तक, पहली किश्त और एकमुश्त भुगतान के तहत 19,64,350 सैनिकों को 3,985.65 करोड़ रुपयों का भुगतान किया जा चुका है। दूसरी किश्त में 15,46,857 सैनिकों को 2281.63 करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया।

इसके अलावा सरकार ने 3 मई, 2017 को 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर अधिसूचित कर दिया। इससे सेवा कर्मियों के वेतन और भत्तों में भारी वृद्धि होगी। आयोग ने पहली बार, सभी सैन्य कर्मियों के सैन्य सेवा वेतन (एमएसपी) में काफी अधिक वृद्ध की है और उच्च जोखिम वाली स्थिति में तैनात नौसेना और वायुसेना के जवानों को विशेष भत्ते दिए जाने की अनुशंसा की गई है।

सेवारत और सेवानिवृत्त लाखों सैनिकों के बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में अधिक पॉलिक्लिनिक और रेफरल अस्पतालों की शुरुआत कर कर्मचारी अंशदान स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) का दायरा बढ़ाया है। सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके आश्रितों को गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए कई प्रभावी कदम कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य सुरक्षा सुधारों के क्रम में सेवानिवृत्त अंशदान स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) को पूर्ण रूप से डिजिटल किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत कुल 50 लाख लाभार्थी शामिल हैं। फिलहाल इस योजना को 28 क्षेत्रीय केन्द्रों और 426 पॉलिक्लिनिकों के जरिए चलाया जा रहा है। ईसीएचएस लाभार्थियों को नकदरहित उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए कुल 1445 सिविल अस्पतालों को इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।

महिलाओं को सशक्त करने और उनके कल्याण के मद्देनज़र, सरकार ने लड़ाकू टुकड़ियों में महिलाओं को शामिल करने को मंज़ूरी दी है, ताकि उन्हें भारतीय वायुसेना की सभी शाखाओं और धाराओं में शामिल होने के लिए योग्य बनाया जाए। इस योजना के तहत महिलाओं को पुरुषों के समकक्ष समरूप समान मानदंडों के अनुसार चुना जा रहा है। इसके अलावा, समरूप समान मानदंडों को स्थायी कमिशन प्रदान करने के लिए महिलाएं एवं शॉर्ट सर्विस कमिशन दोनों तरह के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू किया गया है। 18 जून 2016 भारत की महिलाओं के लिए ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि इस दिन तीन महिला लड़ाकू पायलटों को डूंडीगल में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। इसके साथ ही, भारती उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया था, जिनके पास महिला लड़ाकु पायलट हैं।

प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल के तहत, सेना कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया और संचार नेटवर्क को पूरी तरह से डिजिटल किया जा चुका है। एक विशेष सॉफ्टवेयर प्रणाली – आर्मी रिकॉर्ड ऑफिसर प्रोसेस ऑटोमेशन (एआरपीएएन) 2.0 भी शुरू किया गया है। इस सॉफ्टवेयर ने 12 लाख से अधिक जूनियर कमिशन अधिकारियों और जवानों को अपने सर्विस रिकॉर्ड और नौकरी से संबंधित विभिन्न जानकारियां ऑनलाइन प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।

01 जुलाई 2015 से सेना की भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया जा चुका है। अधिकारियों, जेसीओ और अन्य अधिकारी एवं कर्मियों के चयन के लिए भर्ती महानिदेशालय की एक नई वेबसाइट की शुरुआत की गई है। अब देशभर के उम्मीदवार इस वेबसाइट पर जाकर, सेना में रोज़गार एवं करियर के विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उपयुक्त विकल्प का चयन कर उसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

सेना के दिग्गजों को बेहतर और व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए सेना ने 14 जनवरी, 2016 को दिल्ली कैंट में डायरेक्टरेट ऑफ इंडियन आर्मी वेटरन्स की स्थापना की। यह निदेशालय सेना के दिग्गजों को वयोवृद्ध देखभाल और सहायता सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगा। इसके साथ ही यह निदेशालय सेना के दिग्गजों, उनकी विधवाओं और परिजनों की शिकायतों और समस्याओं का एक ही स्थान पर समाधान प्रदान करने वाली एक संस्था के तौर पर कार्य करेगा। इस नए निदेशालय का उद्घाटन काफी धूमधाम से उत्साह के साथ किया गया।

सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिजनों की सुविधा के लिए, रक्षा मंत्रालय ने 22 अगस्त 2016 को पायलट परियोजना के तौर पर एक आर्मी कौशल प्रशिक्षण केन्द्र (एएसटीसी) भी स्थापित किया। इस केन्द्र की स्थापना के साथ ही, सैनिकों के जीवनसाथी और उनके परिवारजनों को कौशल विकास की धारा में जोड़डकर भारतीय सेना ने एक नए मिशन की शुरुआत की है। एएसटीसी से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सैनिकों के जीवनसाथी और उनके परिवार के सदस्यों को एनएसडीसी की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे और ये सभी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत रोज़गार पाने अथवा ख़ुद का उद्योग स्थापित करने के लिए योग्य होंगे।

दूरदराज, ऊंचाई और कठिन परिस्थितियों में कार्य करने के दौरान अपने परिवार से लंबे समय तक दूर रहने और कठिनाइयों का सामना करने जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मंत्रालय ने सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए प्राथमिकता के आधार पर विवाहित आवास परियोजना (एमएपी) में तेजी लाने के लिए कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत अपनी तैनाती के स्थान पर कार्यरत विवाहित जवानों को करीब 2,00,000 आवासों की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। एमएपी के तीसरे और अंतिम चरण के अंतर्गत करीब 71,000 आवास इकाइयां उपलब्ध कराने की योजना कार्यान्वयन के अंतर्गत आगे बढ़ रही है। (PIB) 
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*लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।  
लेख में व्‍यक्‍त विचार लेखक के अपने हैं।

Thursday 1 June 2017

आओ दिल से दिल मिलाएं प्रेस क्लब खुद-ब-खुद बन जायेगा

Updated on June 2nd 2017 at 1:40 PM
FIB मीडिया इस मामले में पहल करने को तैयार-डा. भारत 
लुधियाना: 1 जून 2017: (FIB मीडिया ब्यूरो)::
फेसबुक पर महीपाल साथी ने आदित्य कमल जी की एक ग़ज़ल पोस्ट की है। इसका मतलााअ  है: 
आंकड़ों से खेलना, उनका शुगल मशहूर है,
ज़िंदगी अपनी, मगर उन आंकड़ों से दूर है।  

इन पंक्तियों से याद आई लुधियाना के सर्कट हाऊस में हुई पत्रकारों की विशेष बैठक। भीड़ बहुत थी। उत्साह भी बहुत था। जोश भी बहुत था। संकल्प भी ज़ोरदार था और इरादा भी मज़बूत। इस बैठक में मुख्य मांग थी प्रेस क्लब की। वास्तव में यह मांग नहीं पत्रकारों का अधिकार है। इतनी बड़ी संख्या में पत्रकार मांग कर रहे हैं और सरकार भी सैद्धांतिक तौर पैर प्रेस क्लब देने को तैयार है। इसके बावजूद देरी क्यों हो रही है? मामला हर बार खटाई में क्यों पड़ जाता है? ओशो कहते हैं इंसान जिस चीज़ के काबिल हो जाता है वह उसे तत्क्षण मिल जाती है। एक पल की भी देरी नहीं होती। यह प्रकृति का नियम है। हम हर बार प्रेस क्लब पाते पाते फिर खो बैठते हैं तो समझना होगा कि आखिर गड़बड़ कहां है? हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है? हर बार दिल्ली दूर क्यों हो जाती है? हर क्षेत्र में लुधियाना जैसा बड़ा स्टेशन एक प्रमुख मीडिया सेंटर बनने के बावजुद भी अभी तक प्रेस क्लब से वंचित क्यों?  आदित्य कमल अपनी ग़ज़ल के आखिरी शेयर में कहते  हैं:
वहाँ जनपथ पर खड़ा हिंदोस्ताँ है पूछता,
भाई साहब, यहाँ से दिल्ली औ' कितनी दूर है?

मैं क्षमा चाहता हूँ पर मुझे सर्कट हाऊस में हुई इस मीटिंग की स्थिति भी कुछ इसी तरह की लगी।  मीटिंग में मौजूद पत्रकारों की संख्या बहुत बड़ी होने के बावजूद बहुत से प्रमुख लोग गैर हाज़िर क्यों थे? बहुत से वरिष्ठ मीडिया कर्मी कुर्सी न होने के कारण खड़े होने को मजबूर थे। 
अगर हम सभी अपना अंतर्मन टटोलेंगे तो समस्या का सही रूप भी नज़र आएगा और समस्या का हल भी मिलेगा। अतीत के संघर्षों का एक बार फिर अवलोकन करना होगा। गैरहाज़िर लोगों के दिल और दिमाग में क्या है इसका सच्चे मन से पता लगाना होगा। अगर कुर्सी या पद इस मामले में रुकावट डालते हैं तो सभी को आगे आ कर स्पष्ट करना हो गए की हम को कोई भी पद नहीं चाहिए। जब सभी सदस्य पदों के लालच ऐ मुक्त हो कर सामने आ जायेंगे तो सबसे अधिक निःस्वार्थ लोगों की टीम का चुनाव आसानी से हो जायेगा। वो कहते हैं न.... दिल मिले या न मिले--हाथ मिलाते रहिये....बहुत अछहि इसमें लेकिन इस खूबसूरत अंदाज़ और मनमोहक औपचारिकता से कुछ समय के लिए बचते हुए दिल मिलाने की तरफ भी ध्यान देना ज़रूरी है।  
कभी किसी शायर ने कहा था- 
खुदा मुझको ऐसी खुदाई न दे !
कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे। 
कहीं इस मामले में भी ऐसा ही कुछ तो नहीं हो रहा? जिस दिन हम सभी का सम्मान करना सीख जायेंगे। सभी को साथ ले कर चलना सीख जायेंगे। सभी के मन एक दुसरे के सामने खुल जायेंगे उस दिन होगी सच्ची एकता। उस दिन प्रेस क्लब जैसी सभी सुविधाएँ आपके पीछे पीछे होंगीं। अगर आप सभी ने उचित समझा तो FIB मीडिया इस मामले में पहल करने को तैयार है। इस संबंध में हमारे पास एक ठोस योजना है। यह योजना समस्या का पूरा अध्यन करने के बाद बनाई गयी है। वक़्त आने पर इसे सभी के आमने रखा भी जायेगा। फिलहाल दिल से दिल मिलाना ज़रूरी है। अगर किसी के दिल में भी किसे के भी प्रति नफरत या साज़िश की कोई चिंगारी है तो उसे वहां से हटाना समय की सबसे पहली ज़रूरत है। मीडिया लड़ता रहे, गुटबंदियों में घिरा रहे इसका फायदा किसकोहो सकता है यह सोचना हम सभी को सहीं राह पर ले जायेगा।