Friday 17 May 2019

सेना की शिकायत पर सरकार तुरंत ध्यान दे वार्ना भयंकर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

 सेना को घटिया अमुनीशन के लिए कौन जिम्मेदार , प्रधानमंत्री , गृहमंत्री , रक्षामंत्री , या तीनो ?या और कोई ?
Dr. Bharat :> F.I.B. Intelligence Media Service 
किसी भी देश की प्रभुसत्ता , नागरिक और सम्पूर्ण देश तभी तक सुरक्षित रह सकता है जबतक देश की सेना अपने साजोसमान हथियार , अमुनीशन  गोलाबारूद से सुसज्जित हो।  लेकिन  सेना में पिछले पांच सालों में घटिया गोला बारूदों की सप्लाई और इन घटिया गोला बारूदों की सप्लाई से कितनी ही दुर्घटना हुई और कितने ही सैनकों को जान से हाथ धोना पड़ा जिसकी शिकायत सेना ने लिखित रूप में सरकार को किया लेकिन सरकार की उदाशीनता ? क्या कहती है।  गहराई में विचार करने से यही शंका जाहिर होती है कि कहीं यह एक भयानक खड्यंत्र तो नहीं ? > ?  
    लुधियाना (डॉ.भारत : दिल्ली टाइम्स न्यूज़ सर्विस DTN.)  अभी  15 मई को ही समाचार पत्रों  पंजाब केसरी के मुख्य पहले पृष्ट पर खबर प्रकाशित को पढ़ने देखने में मिला की  हमें मिल रहा घटिया गोला बारूद , जवानों को खतरा , सेना की सरकार को चिट्ठी "} पत्र में सेना ने पिछले पांच सालो में हुयी सेना में दुर्घटनाओं और इसमें घायल या मारे गए सेना के जवानों और जाँच में घटिया गोला बारूद को जिम्मेदार बताया है। 
     जब की कई परीक्षणों के बाद ही एमुनिशन हथियार गोला बारूदों को सेना के लिए सप्लाई की जाती है।  जब कि यह गोला बारूद किसी दूसरे देश से  या किसी प्राइवेट फक्ट्री या कम्पनी से नहीं  बल्कि भारत सरकार द्वारा संचालित सरकारी आर्डिनेंस फक्ट्री बोर्ड की तरफ से मुहैया कराए गए। सरकार को इसकी अविलम्ब जाँच करवाना ही हकीकत को सामने लाना और दोषियों को सख्त सजा दे। अगर  सेना की शिकायत पर सरकार तुरंत ध्यान नहीं  देती है तो  भविष्य में  भयंकर  परिणाम   भुगतना पड़ सकता है। 
 नीचे  समाचार पत्र में प्रकाशित हुई खबर की कटिंग। 

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Thursday 9 May 2019

अब वक्त आगया है की करदाता अपना संगठन बनायें।

टैक्स जरुरी है पर धक्के शाही हिटलर शाही नहीं । 
Onkar Singh puri : FIB = First Investigation Bureau Media Service
सरकार को टैक्स  कर देना जरुरी है क्यों की पुरे देश द्वारा दिए गए टैक्स कर से देश की जरुरी कार्य करने में आसानी होती है और कर दाताओं का यह सहयोग राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  पर अगर सरकार हद से ज्यादा अपना दबाव छोटे कारोबारियों पर डालती हो या हिटलरशाही करती हो तो उसका विरोध करने और जायज बात मनवाने के लिए जरुरी है की छोटे ब्यापारियों को पुरे देश में अपना संगठन बना लेना चाइये।  
अब वक्त आगया है की करदाता अपना संगठन बनायें। *वक़्त आ गया है जब, करदाताओं का संगठन बनाया जाये*

*जो विश्व का सबसे बड़ा संगठन होगा*

देश में अब एक Tax Payers Union का गठन होना चाहिए। चाहे कोई भी सरकार हो बिना उस यूनियन की स्वीकृति के न तो मुफ्त बॉटने, की या कर्ज़ माफ़ी की कोई कुछ घोषणा कर सकती है, न ही ऐसा कुछ लागू कर सकती है। 
पैसा हमारे टैक्स का है तो हमें अधिकार भी होना चाहिए कि उसका इस्तेमाल कैसे हो ।

पार्टियां तो वोट के लिए कुछ भी लालच देती रहेंगी
कौनसा उनकी जेब का जा रहा है। 
चाहे कोई भी स्कीम बने उसका ब्लूप्रिंट दो, हमसे सहमति लो,और यह उनके वेतन एवं अन्य सुविधाओं पर भी लागू होना चाहिए। 


लोकतंत्र क्या बस वोट देने तक सीमित है
उसके बाद क्या अधिकार है हमें?? 

*Right to Recall Any Such Freebies " भी शीघ्र लागू होना चाहिए।*