Saturday, 21 October 2017

स्वच्छ भारत अभियान में राम की नगरी अयोध्या में गंदगी का साम्राज्य।

 क्या यही राम की वह अयोध्या है जहाँ पर राम ने जन्म लिया था।         
Dr, bharat Sr.journlist & Chairman | ⇒  F.I.B. ( First Investigation Bureau) 
आयोध्या जो एक धार्मिक और ऐतिहासिक  नगरी स्थल  है ,आज़ादी के बाद राजनीतिकों और धर्म के ठीकेदारों ने पुरे देश में राम के नाम पर अपनी अपनी ढपली अपने अपने राग पर खूब हो हल्ला मचाया है परन्तु अयोध्या का क्या हाल रहता है इससे देश के लोग बहुत कम  परचित हैं । यहाँ के रहने वाले लोग अधिकतर मुलभुत सुविधाओं से वंचित दुखी और परेशान नजर आते हैं। और साफ़ सफाई का वह आलम है की ? रेलवे स्टेशन पर उतरे ही या रेलवे से आते जाते यात्री नाक भौ सिकोड़ लेते हैं। ?
       आयोध्या = आयुद्ध= जहाँ पर कोई युद्ध न हो , प्रन्त अयोध्या के नामपर नजाने कितने छोटे बड़े  युद्ध होते आये हैं और कितने ही लोगों की जानें गयी हैं और भविष्य में न जाने कितने युद्ध  होंगे।                                अयोध्या  पौराणिक और ऐतिहासिक धार्मिक नगरी  जो अनेक महान राजाओ के नाम बखान करती है।  पर  सबसे मत्वपूर्ण तीन तीन  महान  तीन राजाओं के नाम से जानी जाती है प्रथम नाम जो लोगों के जुबान पर अग्रणीय रहता है वह है  प्रथम  नाम जो आता है वह हैं राजा भगीरथ जिनके प्रयास से गंगा नदी जो हिमालय की जटा  रूपी धाराओं  और मानसरोवर झील  ( जिसे ब्रह्मा जी का कमंडल कहा जाता है ) झील के गर्भ से होती हुयी गौ मुख से बहार निकल कर ऋषिकेश ,हरिद्वार ,कशी = बनारस , पाटलिपुत्र =पटना से आगे गंगा सागर बंगाल की खाड़ी सागर में मिल जाती हैं।  
         दूसरा  नाम जो लोगों के जुबान पर अग्रणीय रहता है वह है परुषोत्तम राम जिनके नामपर सात सात रामायण  काब्य और ग्रन्थ के रूप में मौजूद है। ( इनके त्याग बलिदान के कारण हिन्दू समाज भगवान के नाम से जनता और पूजता  है रामचन्द्र जी को भगवान तुल्य  पूजनीय मनता  है  जो भगवान विष्णु के अंशावतार माने जाते हैं )
     तीसरा नाम राजा हरिशचन्द जो एक सत्यवादी राजा के नाम से विख्यात हुए हैं। इसी तरह  अनेको राजाओं का नाम अयोध्या से ज़ुडा  हुआ है।  जब जब राजनीतिक सरगर्मियां होती है तब तब राम के नामपर अयोध्या में मंदिर के नामपर पुर देश में माहौल गर्माने लगता है। इतने ऐतिहासिक धार्मिक प्राचीन नगर की न तो कोई साफ़ सफाई ,ना तो आगन्तुओं के लिए कोई सार्थक उचित  व्यवस्था। जब यहाँ के कुछ लोगों से बात चीत के दौरान  पूछताछ  की गयी तो एक ही बात सामने आई की सब राजनीतिक ड्रामा है , यहाँ के लोग रोज़ी रोजगार ,शांति ,सौहार्द के साथ रहना चाहते है। अयोध्या में आने जाने वाले खुद हर बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि राजनीतकों की कथनी करनी में कितना फर्क है  । 
    यहाँ पर यह भी लिखना जरुरी समझते हैं की जब कोई राजनीतिक कार्यक्रम होना होता है , या कोई धार्मिक प्रोपेगंडा करना होता है तब उस जगहों  की उन रास्तों की  अलग साफ़ सफाई जरूर होती है , बाद में वही ढाक  के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती हैआखिर कबतक रामके नाम पर देश को गुमराह किया जाता रहेगा।  
                          व्यापत गंदगी और कुव्यवस्था के सन्दर्भ में फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (F.I.B.) की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय जोगी आदित्यनाथ को विशेष पत्र भेजते हुए साफसफाई और अन्य व्यवस्थ अविलम्ब ठीक करने की मांग की गयी है। वैसे F.I.B. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार -तथा हिन्दू समाज के अग्गरणीय नेताओं एंव धार्मिक गुरुवों  से अपील करती  है की अगर राम की अयोध्या के प्रति वास्तव में कुछ करने के लिए गंभीर हैं या चाहते हैं की आनेवाली जनरेशन राम और अयोध्या के प्रति श्रद्धा रखे व सेवा की भावना हो तो पंजाब  के दो धार्मिक स्थान श्री आनंदपुर साहिब और श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर से  शिक्षा पवित्रता लेकर कार्य करें, सेवा भावना सिख धर्म के गुरूद्वारे में होने वाली सेवा भावना की शिक्षा देख कर करें और राम की वह मर्यादा कायम रहे जिस के लिए रामचंद्र जी के जन्म से दस हजार साल पहले महऋषि वाल्मीकि महराज ने अपने काब्य ग्रन्थ रामयण में कर दी थी।  ताकि पुरे विश्व में रामके अयोध्या की स्वच्छता पवित्रता का बखान हो। किसी भी राजनितिक पार्टी की धर्म के नामपर  हमेसा राजनीत ठीक नहीं होती।       

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