Thursday, 14 December 2017

रेल विभाग द्वारा शरेआम यात्रियों से लुटामलूट।

सरकार की जानकारी में रेल यात्रियों को बेवकूफ बनाकर धोखे से लुटा जा रहा है। 
F.I.B. :( फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो )→⇒ Media Intelligence Service 


यह हमारे देश का दुर्भाग्य है की देशवाशियों को  स्वक्ष शासन प्रशासन देने  भ्रष्टाचार ख़त्म करने की  बजाये सरकार की जानकारी में  ही  सरकारी विभागों द्वारा ही रोज लुटा जा रहा है।
यह बड़े ही दुःख की बात है की रेल यात्रियों की सुविधा के नामपर रेजर्वेशन के तहत लूटखसोट जारी है।देश में मध्यम , लम्बी दुरी की चलने वाली सभी एक्सप्रेस गाड़ियों में यात्रियों की सुविधा के लिए पांच से सात डिब्बे ( कोच ) टू  टीयर थ्री टीयर के लिए रिजर्वेशन -आरक्षित का प्रावधान है।हर डिब्बे में कमसे कम 72 - 75 सीटें बर्थ सोने बैठने के लिए होती हैं।   जिसके  लिए यात्री अपने गंतव्य स्थान  सफर के लिए महीनों पहले टिकट रेजेवेशन करवाता है। इन्ही सब गड़बड़झाला के तहत यात्रियों को मुर्ख बनाकर लुटा जातां है।  
      रेजेर्वेशन यानि कि आरक्षित सीट -बर्थ सोने बैठने के लिए , तिकड़म के तहत रिजर्वेशन के नामपर वेटिंग टिकट आपको देने का धंधा शुरू हो जाता है।  5 से 7 कोच यानि डब्बे में दस पांच कौन कहे कई  सौ तक यात्रियों को वेटिंग  लिस्ट का टिकट पकड़ा दिया जाता है , और ऐसा पुरे देश में चलने वाली सैकड़ों गाड़ियों में वेटिंग टिकट काटकर यात्रियों को दिया जाता है। अब जबकि यात्री निर्धारित दिन अपने यात्रा के लिए निकलता है तो एजेंट और तत्काल टिकट की वजह से सीटें पहले ही फुल होचुकी होती हैं ? यात्री यतो जनरल बोगी में सफर करे या रेजर्वेशन वाले डब्बे में खचा खच भीड़ भरे डब्बे कोच में कहीं बैठने को कौन कहे खड़ा होने की भी जगह नहीं होती  यात्री मुशीबत का मारा जाये तो जाये कहाँ। 
       यात्रियों का वेटिंग लिस्ट का पैसा जो आम जनरल टिकट से तीन चार गुना ज्यादा होता है  रेलवे विभाग ने लिया है वह पैसा वापस नहीं करता।  इस हिसाब से प्रति दिन कई लाखों रूपए यात्रियों से लूट कर अपनी अवैध कमाई कर अपने विभागीय अधिकारीयों को भ्रष्टाचार बढ़ाने का मौका देकर अगले दिन की अवैध कमाई में लग जाता है.?
       फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ⇒ F,I.B.  देश के जिम्मेदार और देश के प्रधानमंत्री महोदय  से पुरज़ोर मांग करती है की देश की  आम जनता और रेल यात्रियों के साथ हो रही बेइंसाफी से निजात दिलाई जाये और इस तरह हो रही लूटखसोट को अविलम्ब बंद किया जाये।  अगर सरकार ऐसा कर कुछ सही कदम उठाती है तभी देश के लिए बुल्लेट ट्रैन और अन्य स्पीड वाली ट्रेनों का सपना साकार और सार्थक होगा   वर्ना   लोग यही कहने पर मजबूर होंगे की  दुनियां सुधर गयी  हम नहीं सुधरेंगे  ? क्यों की हम और हमारी गाड़ी भारतीय हैं।        

No comments:

Post a Comment