Sohan kr.Sahni / Arun kumar :⇒ FIB.Media
कलम पकड़ने वाले हाथों में आये पत्थर
कलम पकड़ने वाले हाथों में आये पत्थर
मजबूर छात्रों ने तोड़ फ़ोड़ कर जहाँ पुलिस
वाहन को आग में झोंका, आधा किलोमीटर तक रेल लाइन को नुकसान पहुंचा कर बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन में भी तोड़फोड़ कर रेल पटरी पर लोहा गार्डर भारी लकड़ियां रख कर ट्रैन के आवा जाही में रुकावट डाली। छात्रों के आगे प्रशासन बेबस नजर आया, हमारे मीडिया रिपोर्टरों ने जो जानकारी दी वह सरकारी भ्रष्टाचार , गैर जिम्मेदाराना और बेशर्मी की हद और सरकार की नाकामी जैसे कई कमियां और षड्यंत्र की मिली जुली सड़ीगली व्यवस्था को जिम्मेदार
मैट्रिक ,हाई स्कूल की परिक्षा की एग्जाम पेपर की कांपियों पेपर की जाँच में सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार ? इंग्लिश के पेपर की जाँच साइंस के टीचर, मैथमैटिक के पेपर की जाँच आर्ट के टीचर से , इसी तरह अन्य सब्जेक्ट के पेपर अन्य टीचरों से करवाया गया। जब 99 प्रतिशत छात्र फेल हो गए और सारी की सारी सच्चाई सामने आई तो छात्रों का गुस्सा बाहर आगया और उनके क्रोध में जो भी सामने आया इनके क्रोध का शिकार होता गया , यहाँ तक की मीडिया के लोगो का भी मारपीट कर सर तक फोड़ दिए। आखिर इन छात्रों का जीवन बर्बाद करने के पीछे किसकी साजिश काम कर रही है? कौन सी देशी विदेशी शक्तियों के हाथ सरकारी नुमाइंदे बिक रहे हैं , जिसके आड़ में नौजवानो को आगे करके देश तोड़ने का षड्यंत्र किया जा रहा है?
जब की एक शिक्षित नागरिक ही दुनियां में अपने परिवार , अपने देश और अपनी ज़िंदगी सँवारने की क्षमता रखता है। रह गयी नालंदा विश्व विद्यालय की तो यह पूरी दुनियां में विख्यात शिक्षण स्थान जो बिहार राज्य को पुरे विश्व में मशहूर करने में अपना एक अलग स्थान रखता है।
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