ऐसा खजाना किस काम का जो भूखे गरीब देश वासियों के काम न आ सके।
Dr. Bharat : Director - First Investigation Bureau Intelligence Media Service & अध्यात्म जगत।
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इतिहास गवाह है जब जब शासकों राजाओं ने मनमर्जी, तानाशाही की और उनके मंत्रियों ने दबंगई गुंडागर्दी कर देश के नागरिकों को जुल्म ढाहने का काम किया है तब तब देश गुलाम हुआ है , और विदेशी आक्रांतों ने हमारे मंदिरों में एकत्रित सोने हीरे मोती जवाहरात से भरे ऐसे खजानों को लुटा है और नाम दिया गया की विदेशी आक्रमण करियों ने हमारे मंदिरों को तोडा और नुक्सान पहुँचाया जब की आक्रांत करियों का भगवान की मूर्ति तोड़ने का कोई मंसूबा नहीं उन्हें यह मालूम था की भगवान् के नाम पर इकट्ठा किया गया खजाना भगवान् के मूर्तियों के नीचे तह खानों में छुपा कर रखा गया है। ने ।
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हम न तो धर्म विरोधी हैं , और न ही देश समाज के खिलाफ हैं , हम सनातन धर्म , प्रकृति के असूलों नियम और ईश्वरी शक्ति को मानने तथा वेद , शास्त्र , पुराण महाभारत ,गीता , व अन्य धर्म ग्रंथों , का आदर करते हुए मौजूदा सत्य को वैज्ञानिकी की तरह से प्रस्तुत कर रहे हैं , की क्या बात है की आज देश के पास न तो वैज्ञानिकों की कमी न ही किसी भी वस्तु की कमी फिर भी देशवासी दुखी ? आखिर क्यों कहाँ मर गयी मानवता , कहाँ खो गया मानव की समानता, ऐसे खजाने से देश की गरीबी ख़त्म होकर सुरक्षा क्षेत्र में हम विश्व में अग्रणीय हो सकते हैं , लेकिन कुव्यवस्था ने देश का बेड़ागर्क करके रख दिया है।
इन वीडिओ को यहाँ दिखाने का मुख्य कारन वह सच्चाई सामने लाना है जो सामने है ? जो परदे के पीछे है , और जो छुपाया जारहा है आखिर क्यों बरगलाया जाता है क्या कारण है
जब की यह सत्य है की " ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किकंच जगत्यां जगत " भगवान् इस जग के कण कण में जर्रे जर्रे में विद्मान है। और हर वस्तु उसी ने पैदा की है उसे किसी भी वस्तु चीज की जरुरत नहीं , उसे तो आपकी भावना भाव प्राणियों में प्यार मुहब्बत आपसी सद्भावना हो यही सभी धर्मग्रन्थ बताते हैं। सोने चांदी ,हीरे ,मोती ,जवाहरातों की उसे जरुरत नहीं। अबतक प्राप्त जानकारियों के मुताबिक हमारे देश की ७ मंदिरों में इतना हीरे मोती जवाहरात सोने जैसी बहुमूल्य खजाने भरे पड़े हैं , जितना अमेरिका रूस जैसे दो चार मुल्कों के पास नहीं है?. ( जो सरकारी खजानों में सोने हैं वह अलग उसके विषय में फिर दुबारा लिखा जायेगा ) भगवान् के नामपर धर्म के ठीकेदार जितना ऐशोआराम कर रहे हैं उतना तो दुनियां के सबसे अमीर धनाढ्य पूंजीपति भी नहीं कर रहे हैं ?. और हमारे देश में 60 प्रतिशत लोग शिक्षा , स्वास्थय चिकित्सा , खाने पीने रोजमर्रा जरूरतों के लिए और कितने भुखमरी में जीने को मजबूर ? राजनीतिक नेता अपने स्वार्थ के लिए क्यों अपने ही देश की जनता का खून चूसकर झूठे अस्वाशन देकर विदेशी लुटेरों को आमंत्रित करते हैं।
कहावत मशहूर है की शहीदों के चिताओं पर कैसे लगेंगे हर वर्ष मेले , नेताओं को देश लूटने और गद्दी के लिए लड़ने से फुर्सत ही कहाँ है।
वन्दे मातरम ,जय हिन्द ,
डाक्टर भारत
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