Wednesday, 3 April 2019

संगीत कला है पुराने गाने की धुन बांसुरी पर सुनिए.

rगीत संगीत ईश्वरी ताकत से पूर्ण है 
डाक्टर भारत : आध्यात्मिक विज्ञानं एंव फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो 
     सम्पूर्ण  ब्रह्माण्ड और दृश्य अदृश्य  की उत्पति शब्द नाद से ही हुई है , शब्द से आकाश , आकाश से वायु , वायु से अग्नि , अग्नि से जल , जल से जीव पृथ्वी वगैरह प्रकृति ने पैदा किये हैं।  जब तक यह शब्द जिसे हम ओइम कहते है कण कण में गूंजता रहेगा तबतक जीव जीवन चलता रहेगा। 
 शब्द से ही पूरा संसार पैदा हुआ है , ईश्वरी शब्द जिसे इस्लाम में  गैबी आवाज़ , कलमे इलाही , सिख पंथ में एक  ओंकार, वैदिक हिंदू  में  ओइम नाम देकर हम अपने तरीके से परमात्मा को मानते हैं। शब्द का असर दिल दिमाग मन पर फ़ौरन होता है गीत संगीत में ध्यान लगाने पर हमें आनंद की अनुभूति होती है। क्यों की गीत संगीत के सात सुर माने गए क्या सात ही हैं जब यही स्वर सुर एक लय में गीतकार संगीतकार वाद यंत्रों से प्रस्तुत करता है तब उसमें से निकलने वाली वाद की  तरंगे हमारे सम्पूर्ण शरीर पर अपना प्रभाव डालती हैं। 
                                            डाक्टर  भारत 



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