Dr. Bharat - National Director :⇒ FIB . Media Service
जब तक सरकार के संबंधित अधिकारी अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं होते और सामाजिक धार्मिक संगठनने सब मिलकर प्रयाश नहीं करते तबतक न तो नशीली वस्तुवे बंद हो सकती है और न ही नशा करने वालों की तादात ही कम हो सकती है।
लुधियाना ( FIB. On Line Media Channel :- ) नशे का राक्षस रूपी आतंकवाद ने 50 प्रतिशत नयी जनरेशन की ज़िंदगी तबाह कर दी है अगर यही हाल रहा तो आने वाले कुछ सालों में पूरी की पूरी नयी जनरेशन बर्बाद हो जाएगी ? क्योंकि पानी जल , हावा , पहले ही जहरीले स्तर तक पहुँच चुके हैं , मिलावटी खाद्य पदार्थ के सेवन से लोग अनेक बिमारियों के शिकंजे के ग्रिफत में होते जा रहे हैं और ऊपर से नशीली वस्तुओं का ताण्डव ? ।
जब तक सरकार के संबंधित अधिकारी अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं होते और सामाजिक धार्मिक संगठनने सब मिलकर प्रयाश नहीं करते तबतक न तो नशीली वस्तुवे बंद हो सकती है और न ही नशा करने वालों की तादात ही कम हो सकती है।
लुधियाना ( FIB. On Line Media Channel :- ) नशे का राक्षस रूपी आतंकवाद ने 50 प्रतिशत नयी जनरेशन की ज़िंदगी तबाह कर दी है अगर यही हाल रहा तो आने वाले कुछ सालों में पूरी की पूरी नयी जनरेशन बर्बाद हो जाएगी ? क्योंकि पानी जल , हावा , पहले ही जहरीले स्तर तक पहुँच चुके हैं , मिलावटी खाद्य पदार्थ के सेवन से लोग अनेक बिमारियों के शिकंजे के ग्रिफत में होते जा रहे हैं और ऊपर से नशीली वस्तुओं का ताण्डव ? ।
नशीली वस्तुओं की बुराई को फ़ैलाने में भ्र्ष्ट शासन प्रशासन से लेकर समाज का हर तबका और हम सभी जिम्मेदार हैं। पुलिस प्रशासन के लाख कोशिश के बाद भी नशीली वस्तुए हैरोइन , चिट्टा ,ब्राउनशुगर , व अन्य सैंथेटिक ड्रग्स , नशीले कैप्सूल्स नशीली गोलिया वगैरह वगैरह नहीं रुक पारही हैं । हैरोइन- चिट्टा- ब्राउनशुगर - सिन्थेटिक जितनी घातक /खतरनाक नशा है की जिसको इसकी लत लग गयी उसकी जिंदगी तबाह होनी ही होनी है , साथ ही नशेड़ी का घर परिवार भी तबाही की गर्त में चला जाता है। हैरोइन- चिट्टा- ब्राउनशुगर - सिन्थेटिक जितनी खतरनाक है बल्कि उतनी अन्य नशीली दवाइयां घातक नहीं हैं।
गली मोहल्ले से लेकर कस्बे ,जिले, शहर ,स्टेट और देश भर में लाखों की संख्या में धार्मिक ,सामाजिक , एंटी क्राइम , एंटी क्रप्शन , जैसे संगठन काम कर रहे हैं? क्या ऐसे संगठन वास्तव में राष्ट्र हित ,समाज हित में अपने कर्तब्य का पालन कर रहे हैं ? ऐसे बहुत से संगठन देश विदेश से लाखों का चंदा लेकर अपने खिचड़ी नुमा कार्य का ढिढोरा पीटते नज़र आते हैं जबकि बहुत कम संगठन हैं जो वास्तविक सही काम कर रहे हैं। याद रखने समझने की जो बात है की हर संगठन से लेकर समाज के हर तबके को अपनी जिम्मेदारी को समझना और उसपर अमल करना ही सही कर्म कर्त्यब्य है।
इसके समाधान रोकथाम के लिए जब तक सामाजिक ,धार्मिक संगठन मिलकर प्रयाश नहीं करते तब तक नशे की बुराई ख़त्म नहीं हो सकती अकेले पुलिस प्रशासन के बश की बात नहीं। क्यों की अंदर खाते भ्रष्ट नौकरशाही और तथाकथित राजनितिक नेताओं की मिली भगत देश का बेड़ागर्क कर रही हैं।कम से कम समाज के हर तबके के लोगों को अपनी आने वाली जनरेशन के भविष्य की भलाई के लिए आगे आना ही होगा।
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Add caption 7/7/2019 |
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