अगर नागरिक चाहते हैं की अपराधिक वारदातें न हो तो असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस से मिलकर मुकाबला करना ही समय की मांग है।
Dr. Bharat :⇒ FIB - ( First Investigation Bureau )
पंजाब के हर जिले शहर में सैकड़ों के तादात में धार्मिक और सामाजिक संगठन काम कर रहे है , कोई भी छोटी बड़ी घटना घटित होती है तो संगठन के लोग जलूस निकालना , बंद कराना ,धरना देना जैसे कार्य कर अपना रोष ब्यक्त करते हैं ? यहाँ तक तो ठीक है। लेकिन क्या यह सब धार्मिक ,सामाजिक संगठन अपराधों की रोकथाम में पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हैं ,किसी अपराधी की सुचना , जानकारी पुलिस तक दते हैं ?
Dr. Bharat :⇒ FIB - ( First Investigation Bureau )
पंजाब के हर जिले शहर में सैकड़ों के तादात में धार्मिक और सामाजिक संगठन काम कर रहे है , कोई भी छोटी बड़ी घटना घटित होती है तो संगठन के लोग जलूस निकालना , बंद कराना ,धरना देना जैसे कार्य कर अपना रोष ब्यक्त करते हैं ? यहाँ तक तो ठीक है। लेकिन क्या यह सब धार्मिक ,सामाजिक संगठन अपराधों की रोकथाम में पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हैं ,किसी अपराधी की सुचना , जानकारी पुलिस तक दते हैं ?
लुधियाना : पिछले दिनों 2 तीन हत्यावों ने शहर को हिला कर रख दिया जब की अन्य तरह के अपराधों की भी कमी नहीं है प्रति दिन छोटी बड़ी घटनाये होना कोई नयी बात नहीं है, हर बड़े शहरों में छोटे मोटे अपराध होना स्वाभाविक है।
यह एक शत प्रतिशत सत्य है की जहाँ हर मोहल्ले में छोटे बड़े आपराधिक किस्म के लोग रहते है, वहीँ हर मोहल्ले में कोई न कोई धार्मिक सामाजिक संगठन भी काम करते हैं। और किसी प्रोग्राम में , किसी नेता अभिनेता के आगमन में मीडिया के लिए चढ़ बढ़ कर फोटो खिचवाते हैं यहाँ तक तो ठीक है कुछ की शौक भी होती है।
लेकिन अपने आप को समाज सेवक , सामाजिक कार्य करता , धार्मिक नेता ,धर्म के ठीकेदार कहने वाले जैसे लोग असामाजिक तत्वों , स्मगलर , चोर , गुंडे बदमाश ,नशीली वस्तुओं के काळा धंधे करने वालों जैसे लोगों की सुचना पुलिस तक देते हैं ? ऐसे लोग जानकर भी अनजान बनने का ढोंग करते हैं।किसी के साथ कोई घटना घटित होती है तो दूर से किनारा खिंच लेते हैं , और खुद के साथ या किसी नजदीकी के साथ कुछ घटित होता है तो चिल्ल पों मचाने लगते हैं और दोष पुलिस की सुरक्षा पर देते हैं , जब की गलतियां खुद समाज के लोगों की होती है। यह भी एक सच्चाई है की ज्यादातर अपराध करने वाला अपराधी किसी दुसरे मुल्क से नहीं आते अपराधी हमारे आप के बीच से ही होते है जिसकी ज्यादातर लोगों को जानकारी होती है।याद रखे मौजूदा समय की यही मांग है की अगर आप अपने परिवार को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो खुद एक सिपाही की भूमिका की निभानी ही पड़ेगी , जब तक समाज के लोग ऐसे कार्य में में आगे नहीं आते तब तक न तो अपराध ख़त्म हो सकते हैं और न ही अपराधी ही।
दूसरी तरफ जिला प्रशासन के डी सी , एस एस पी , पुलिस कमीशनर जैसे सभी अधिकारीयों को चाहिए की भृष्ट और नालायक कर्मियों पर लगाम रखें साथ ही अपराधों की रोकथाम करने में जितने भी सामाजिक संगठन हैं सभी को शख्त हिदायत दे की वे सब अपराधियों को कानून के हवाले करने में सहयोग करें अगर संगठन ऐसे नहीं करते हैं तो कोई भी सुविधा सयोग न दिया जाये।
यह एक शत प्रतिशत सत्य है की जहाँ हर मोहल्ले में छोटे बड़े आपराधिक किस्म के लोग रहते है, वहीँ हर मोहल्ले में कोई न कोई धार्मिक सामाजिक संगठन भी काम करते हैं। और किसी प्रोग्राम में , किसी नेता अभिनेता के आगमन में मीडिया के लिए चढ़ बढ़ कर फोटो खिचवाते हैं यहाँ तक तो ठीक है कुछ की शौक भी होती है।
लेकिन अपने आप को समाज सेवक , सामाजिक कार्य करता , धार्मिक नेता ,धर्म के ठीकेदार कहने वाले जैसे लोग असामाजिक तत्वों , स्मगलर , चोर , गुंडे बदमाश ,नशीली वस्तुओं के काळा धंधे करने वालों जैसे लोगों की सुचना पुलिस तक देते हैं ? ऐसे लोग जानकर भी अनजान बनने का ढोंग करते हैं।किसी के साथ कोई घटना घटित होती है तो दूर से किनारा खिंच लेते हैं , और खुद के साथ या किसी नजदीकी के साथ कुछ घटित होता है तो चिल्ल पों मचाने लगते हैं और दोष पुलिस की सुरक्षा पर देते हैं , जब की गलतियां खुद समाज के लोगों की होती है। यह भी एक सच्चाई है की ज्यादातर अपराध करने वाला अपराधी किसी दुसरे मुल्क से नहीं आते अपराधी हमारे आप के बीच से ही होते है जिसकी ज्यादातर लोगों को जानकारी होती है।याद रखे मौजूदा समय की यही मांग है की अगर आप अपने परिवार को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो खुद एक सिपाही की भूमिका की निभानी ही पड़ेगी , जब तक समाज के लोग ऐसे कार्य में में आगे नहीं आते तब तक न तो अपराध ख़त्म हो सकते हैं और न ही अपराधी ही।
दूसरी तरफ जिला प्रशासन के डी सी , एस एस पी , पुलिस कमीशनर जैसे सभी अधिकारीयों को चाहिए की भृष्ट और नालायक कर्मियों पर लगाम रखें साथ ही अपराधों की रोकथाम करने में जितने भी सामाजिक संगठन हैं सभी को शख्त हिदायत दे की वे सब अपराधियों को कानून के हवाले करने में सहयोग करें अगर संगठन ऐसे नहीं करते हैं तो कोई भी सुविधा सयोग न दिया जाये।
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