Tuesday, 30 May 2017

आतंकवाद के खिलाफ भारत देश को अब हमेशा चौकस रहना जरुरी

  Dr. Bharat   F.I.B. Media

     लुधियाना ::  पिछले डेढ़ दो सालो में आतंकवाद के नाम पर विश्व के कई मुल्कों में I.S.I.S. व कुछ अन्य गोपनीय आतंकवादियों द्वारा अपना खूनी  खेल खेल कर   तबाही मचाई है , इनके ऐसे जघन्य कार्यों से ऐसे निर्दोष लोगों की जाने गयी हैं जिनमे  मरने वालों का  ना तो किसी जाति धर्म से मतलब और न ही किसी राजनितिक पार्टी से कोई ताल्लुक वे सिर्फ सीधे साधे  नागरिक ,बड़े ,बूढ़े ,बच्चे और अबोध रहे हैं । परन्तु शांति और   मानवता के दुश्मन कायरता पूर्ण काम करने वाले क्यों नहीं  सुरक्षाबालों सेना से टक्कर लेते  या ऐसे  तथाकतिथ  राजनितिक नेताओं और शक्तियों  से टक्कर लेते जो अपनी गन्दी राजनीति  से पूरी  दुनियां को तबाह करने पर तुले हैं  ? क्यों  निरअपराध  बेकसूर  जैसे लोगों के खून से धरती लाल कर शैतानी परिचय दे रहे है ? 

           पिछले साल डेढ़ साल में विश्व के खरनाक आतंकवादी संगठन I,S.I.S. व कुछ अन्य ने 14  जनवरी 2016  फ़्रांस , 8  अगस्त पाकिस्तान क्वेटा , 19  दिसम्बर जर्मनी , 8  व 11  फरवरी 2017  अफगानिस्तान , 19  फरवरी मौसूल इराक , 8  मार्च इराक और अफगानिस्तान , 22  मार्च लंदन ,23  मार्च चेचेन्या रूस , 7 अप्रेल स्वीडेन -स्कॉटहोम , 9  अप्रैल मिश्र  गिरजाघर ,28   अपैल फिलीपींस ,21  मई इदलिब सीरिया , 22  मई कंधार अफगानिस्तान , 23  मई मैनचेस्टर इंग्लॅण्ड ,24  मई  फिलीपींस  इत्यादि  स्थानों पर   मानवता  की तबाही का ताण्डव  मचाया  है ,
      फर्स्ट  इंवेस्टगेशन ब्यूरो   F.I.B. भारत सरकार  एंव  स्टेट सरकार  व सभी सुरक्षा एजेन्सिओ  से पुरजोर अपील करते हुए चेतावनी देती है की आंतरिक सुरक्षा के विषय में लापरवाही घातक हो सकती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए की अंदर ही अंदर  पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI. इंटर सर्विस इंटेलिजेंस समर्थित देशी व विदेशी आतंकवादी संगठन एंव दुनियां का खतरनाक आतंकवादी संगठन   ईसिस ISIS. हमारे देश में षड्यंत्र  में लगी हैं।  पिछले एक साल में ही देश की  N I A  नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेन्सी ने हैदराबाद  मुंबई  व अन्य क्षेत्रो से ISIS  से सम्बंधित कई आतंकवादिओं को गिरफ्तार करने के साथ 37 वर्षीय महिला आतंकवादी अफशां जबीन के बयान को गंभीरता के साथ देखना हितकर होगा।  इस लिए जरुरी है और समय का तकाजा है की देश की आंतरिक  सुरक्षा में ढिलाई न किया जाये, ख़ुफ़िया  और सुरक्षा एजेंसियों  की सक्रियता ही आंतरिक सुरक्षा को मजबूत कर सकती है।       
     


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