*डा. भारत का एक और खुलासा
लुधियाना ; 2 मई 2017:
कहने को तो हम और हमारा देश आज़ाद हो गया है। अगर गहराई में देखा जाये तो कुछ मामले को किनारे कर दिया जाये तो आज भी लोग गुलाम जैसी जिंदगी जीने को मजबूर कश्मीर के लोग खुद अपने वतन से बे वतन होकर दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। जो लोग कश्मीर में रह गए वे लोग आतंकवादिओं और सेना के गोलीबारी के बीच जिंदगी और मौत की तबाही के बीच ज़िंदगी गुजारने को मजबूर हैं। कौन है इन सब का जिम्मेदार ?? जाहिर है की कश्मीर के मामले जितना भी है सब का सब मामले आतंवाद साम्प्रदाइकता के लिए देश की साडी गली बदबूदार राजनीति और राजनीतिक नेता लोग जिम्मेदार हैं।
*डा. भारत FIB (फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) के चेयरमैन हैं।
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