Friday, 19 May 2017

बेहद विस्फोटक हो सकता है नाड़ का जलाना

नाड़ की आड़ में हो सकता आतंकी हमला !
तरनतारन//खेमकरण:(ओंकार सिंह पुरी/FIB मीडिया):: 
पत्रकार ओंकार सिंह पुरी 
सरकार और समाजिक संगठनों के अनगिनत अभियानों के बावजूद नाड़ जलाने का खतरनाक सिलसिला अभी भीं जारी है। इससे जहाँ ज़मीन और आसमान के साथ साथ हवा को नुकसान पहुंचता है वहां कुछ देर के लिए कन्फूज़न की स्थिति भी पैदा हो जाती है। लोग घबरा जाते हैं। इस स्थिति का फायदा लेने की फिराक में रहने वाले आतंकी संगठनों ने अगर कभी इस आग और धुएं में कोई ज़हरीली गैस मिला दी तो अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं होना चाहिए। 
हाल ही में एफ आई बी मीडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी और विशेष पत्रकार ओंकार सिंह पुरी ने सीमावर्ती क्षेत्रों का ख़ास दौरा किया। हवा में मौजूद घुटन के संबंध में लोगों से जानकारी ली। देश पर छाये जंग के बादलों के इस संवेदनशील माहौल का भी विश्लेषण किया। अगर किसी आतंकी संगठन ने कोई खतरनाक ज़हरीली चीज़ इस धुंए के ज़रिये फैला दी तो खतरा बहुत बड़ा हो सकता है। 
सरकार द्वारा स्कूलों, कॉलेजों और कई अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सेमिनार लगाकर लोगों को वातावरण संभाल संबंधी जागरूक करने की अनेकों कोशिशें की जातीं हैं, परन्तु किसानों तक यह जानकारियां नहीं पहुंच रही है। अगर पहुंच भी जाती हैं तो उन पर अम्ल नहीं हो पाटा। किसान अभी भी नाड को जला रहे है। हरेक साल फसलें काटने के बाद फसल जलाने पर पाबंदी लगाई है। बावजूद टोल टैक्स के नजदीक रात 6 बजे के करीब ज़मीन में नाड को आग लगी हुई थी। टोल अधिकारीयों पर इसकी ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। श्री मुक्तसर साहब रोड पर पड़ते गांव मोहकम वाली और एफ एफ रोड पर बने नये सरकारी अस्पताल के नजदीक किसानों द्वारा सरेआम गेहूं के नाड़ को जलाया जा रहा था। इसके साथ सिर्फ बडी़ मात्रा में धुआं हवा में मिल कर वातावरण को दूषित करता है, बल्कि सड़कों पर यह धुआं फैलने से हादसे का कारण भी बनता है। FIB मीडिया का निवेदन है की इस संबंध में सरकार और समाज सख्त कदम उठाए।  किसानों को भी गंभीर होना चाहिए। 


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