नकली और जहरीले दूध से तबाह होती जिंदगियाँ।
अब आप हर मोहल्ले चौराहे , बाज़ारों में स्वीट्स मिठाइयों हलवाइयों की हजारों हजार दुकानों पर खोया निर्मित रसगुल्ले ,बरफी, कलाकंद , मिल्क केक , इत्यादि हजारों कुंतल टनों के हिसाब से आप खुद अंदाजा लगा सकतें है ? l इसी तरह तीस चालीस हजार के लगभग चाय की दुकानों पर खपत होते दूध ? l
अब सवाल यह है की क्या जितना दूध या दूध से तैयार होते दही खोया पनीर को वास्तव में सही दूध डेरी या दूध देने वाले सही दूध की सप्लाई करते हैं , क्या वास्तव में इतनी गाय, भैंस , हैं ? l ( दूसरी तरफ एक इंजेक्शन जिसका नाम पिटोसिन , पिच्युटरी , नाम से जाना जाता है जिसकी कीमत भी एक से दो रूपये होती है , जो प्रेग्नेन्ट औरतों को जब बच्चा होने में कठिनाई होती है तो डॉक्टर औरत को यह इंजेक्शन लगते हैं जिससे औरत के गर्भाशय का मुंह खुलकर चौड़ा हो जाता है और बच्चा आसानी से पैदा होजाता है। यही इंजेक्शन दूध वाले दूध देने वाली गाय भैस को लगाकर दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए लगते हैं। यह दूध पीने से हार्ट और ब्रेन व् गुर्दे की तरह तरह की बीमारियाँ होती है)
यहाँ पर यह लिखना भी जरुरी है की 10 प्रतिशत जगह ही असली दूध मिलता होगा , बाकी वही बात चरितार्थ होती है की सौ में से 99 निन्यानबे बेईमान फिर भी मेरा भारत महान । एक जिम्मेदार नागरिक के नाते हम यहाँ पर कुछ विडिओ के रूप में प्रमाण दिखा रहे हैं जिससे आप खुद अंदाजा लगाकर सच्चाई जान सकते हैं।
पंजाब केसरी ग्रुप के मुख्य संपादक माननीय विजय कुमार चोपड़ा जी ने आज दिनांक 11 नवम्बर 2018 को अपने सम्पादकीय editerial में नकली और मिलावटी दूध के सन्दर्भ में कुछ विस्तार से लिखे हैं है की किस तरह से पुरे देश में नकली दूध का ब्यापार चल रहा है जिसे हमने उनकी सम्पादकीय को निचे एडिट कर रहे हैं । जबकि हमने फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो की तरफ से दो सप्ताह पहले नकली दूध के विषय में रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
नकली दूध व दुग्ध उत्पादों से लोगों को बीमार कर रहे मिलावटखोर व्यापारी
स्पष्ट है कि नकली दूध और दूध से बने उत्पाद लोगों को खिलाकर ये जहर के व्यापारी लोगों के स्वास्थ्य से किस कदर खिलवाड़ कर रहे हैं। मिलावटी दूध ज्यादातर कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड आयल मिलाने से बनता है तथा बच्चे और बुजुर्ग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। नकली दूध से पेट में ऐंठन, अपच, कब्ज, हैजा, त्वचा रोग, टायफाइड, पीलिया, अल्सर, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं जबकि अधिक मात्रा में नकली खोए से बनी मिठाई खाने से लिवर को नुक्सान और कैंसर तक हो सकता है और पथरी के अलावा किडनियां भी फेल हो सकती हैं।
अत: दूध एवं अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करके लोगों को बीमार करने वाले मिलावटखोर व्यापारियों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी समाज विरोधी करतूतों से बाज आएं। —विजय कुमार
Dr. Bharat : First Inestigation Bureau ( F.I.B.) Intelligence Media Service
11 नवम्बर को दुबारा प्रसारित
यह हमारे देश के लिए बहुत ही दुःख और दुर्भाग्य की बात है की सरकार की जानकारी में पुरे देश में जहर के रूप में नकली मिलावटी दूध , नकली पनीर , नकली दही, नकली देशी घी के नामपर पूरी जनरेशन को तबाह किया जा रहा है। सम्बंधित अधिकारी चंद पैसे की लालच में अपना ईमान धर्म मानव तो क्या भगवान् को भी बेंच दे रहे है। और उन सभी जिम्मेदार नेता , अभिनेता , मंत्री संत्री , अधिकारीयों को धिक्कार लानत है जो यह सब जानते हुए भी आंख मूंद कर अनजान बने हुए हैं।
लुधियान : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो : > पुरे देश का आंकड़ा पाठक आप खुद लगा सकते है की सच्चाई हकीकत क्या है। सरकारी रिकॉर्ड कुछ भी कहे लेकिन लुधियाना की आबादी 50 लाख के आसपास है। प्रति ब्यक्ति खपत किलो दो किलो न करके 250 तीन सौ ( मिली लीटर ) ग्राम ही करे तो 15 लाख लीटर के लगभग होता है। दूसरी तरफ पनीर कोई चार सौ ग्राम कोई तीन सौ कोई दो सौ कोई सौ कोई पचास ग्राम पनीर का सेवन करता है , हम सबसे काम सिर्फ 10 ग्राम प्रति ब्यक्ति लेते हैं सौ ब्यक्ति के एक किलो, चालीस पचास लाख लोगों का आप खुद आंकड़ा लगायें ?। यही हिसाब दही का ले कोई किलो कोई आधा किलो कोई एक पाव कोई सौ ग्राम दही का सेवन करता है लेकिन आप सिर्फ 50 ग्राम का औसत लें तो चालीस पचास लाख लोगों की खपत .... ? x ???.. यही अंदाजा आप देशी घी का ले सकते हैं पामआयल में केमिकल सेंट मिलाकर बेचे जा रहे नकली घी . ? पेवर शुद्ध घी बहुत काम ही जगह मिलता होगा बहुत कम l
यह हमारे देश के लिए बहुत ही दुःख और दुर्भाग्य की बात है की सरकार की जानकारी में पुरे देश में जहर के रूप में नकली मिलावटी दूध , नकली पनीर , नकली दही, नकली देशी घी के नामपर पूरी जनरेशन को तबाह किया जा रहा है। सम्बंधित अधिकारी चंद पैसे की लालच में अपना ईमान धर्म मानव तो क्या भगवान् को भी बेंच दे रहे है। और उन सभी जिम्मेदार नेता , अभिनेता , मंत्री संत्री , अधिकारीयों को धिक्कार लानत है जो यह सब जानते हुए भी आंख मूंद कर अनजान बने हुए हैं।
अब आप हर मोहल्ले चौराहे , बाज़ारों में स्वीट्स मिठाइयों हलवाइयों की हजारों हजार दुकानों पर खोया निर्मित रसगुल्ले ,बरफी, कलाकंद , मिल्क केक , इत्यादि हजारों कुंतल टनों के हिसाब से आप खुद अंदाजा लगा सकतें है ? l इसी तरह तीस चालीस हजार के लगभग चाय की दुकानों पर खपत होते दूध ? l
अब सवाल यह है की क्या जितना दूध या दूध से तैयार होते दही खोया पनीर को वास्तव में सही दूध डेरी या दूध देने वाले सही दूध की सप्लाई करते हैं , क्या वास्तव में इतनी गाय, भैंस , हैं ? l ( दूसरी तरफ एक इंजेक्शन जिसका नाम पिटोसिन , पिच्युटरी , नाम से जाना जाता है जिसकी कीमत भी एक से दो रूपये होती है , जो प्रेग्नेन्ट औरतों को जब बच्चा होने में कठिनाई होती है तो डॉक्टर औरत को यह इंजेक्शन लगते हैं जिससे औरत के गर्भाशय का मुंह खुलकर चौड़ा हो जाता है और बच्चा आसानी से पैदा होजाता है। यही इंजेक्शन दूध वाले दूध देने वाली गाय भैस को लगाकर दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए लगते हैं। यह दूध पीने से हार्ट और ब्रेन व् गुर्दे की तरह तरह की बीमारियाँ होती है)
यहाँ पर यह लिखना भी जरुरी है की 10 प्रतिशत जगह ही असली दूध मिलता होगा , बाकी वही बात चरितार्थ होती है की सौ में से 99 निन्यानबे बेईमान फिर भी मेरा भारत महान । एक जिम्मेदार नागरिक के नाते हम यहाँ पर कुछ विडिओ के रूप में प्रमाण दिखा रहे हैं जिससे आप खुद अंदाजा लगाकर सच्चाई जान सकते हैं।
पंजाब केसरी ग्रुप के मुख्य संपादक माननीय विजय कुमार चोपड़ा जी ने आज दिनांक 11 नवम्बर 2018 को अपने सम्पादकीय editerial में नकली और मिलावटी दूध के सन्दर्भ में कुछ विस्तार से लिखे हैं है की किस तरह से पुरे देश में नकली दूध का ब्यापार चल रहा है जिसे हमने उनकी सम्पादकीय को निचे एडिट कर रहे हैं । जबकि हमने फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो की तरफ से दो सप्ताह पहले नकली दूध के विषय में रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
नकली दूध व दुग्ध उत्पादों से लोगों को बीमार कर रहे मिलावटखोर व्यापारी
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Edited By Yaspal,
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Updated:
11 Nov, 2018 02:40 AM
article
एडोटोरियल डेस्कः आज देश में कई चीजों में मिलावट पाई जा रही है। यहां तक कि
स्वास्थ्य के लिए आवश्यक दूध और दूध से बने अन्य उत्पाद भी मिलावट रहित नहीं हैं।
मिलावटखोर मिलावटी वस्तुएं बेच कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
निम्न में दर्ज हैं नवम्बर मास के चंद उदाहरण:
निम्न में दर्ज हैं नवम्बर मास के चंद उदाहरण:
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नवम्बर को
सहारनपुर में अधिकारियों ने घर में चल रही मावा फैक्टरी पकड़ी और सेहत के लिए
हानिकारक 30 किलो मावा नष्टï करवा दिया। इसके अलावा भारी
मात्रा में स्किम्ड मिल्क पाऊडर और 14 कनस्तर वनस्पति घी जब्त किया।
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नवम्बर को
फरीदकोट पुलिस ने दिल्ली और कोटकपूरा से 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार करके 190 ड्रम (38,000
लीटर) फैटी एसिड तथा 200 गट्टे (5000
किलो)‘माल्टोडेक्शन
पाऊडर’ जब्त किया। पूछताछ के दौरान पता चला कि इन्होंने 70 टन नकली घी बनाकर चालू त्यौहारिक सीजन के दौरान विभिन्न
दुकानदारों को बेचा है।
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नवम्बर को
शिकोहाबाद में 200 बोरियों में बंद पानी के 20,000 पाऊच पकड़े
गए जो स्वास्थ्य विभाग के सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं थे।
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नवम्बर को
रायबरेली में बिना ब्रांड नाम के बेचने के लिए ले जाया जा रहा 30 क्विंटल मिलावटी गर्म मसाला जब्त किया गया।
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नवम्बर को
अधिकारियों ने अमृतसर व आसपास के गांवों में छापामारी करके स्किन फंगस को दूर करने
में प्रयुक्त होने वाले स्किन पाऊडर, मिल्क पाऊडर व वनस्पति घी से
निर्मित 4 क्विंटल नकली खोया बरामद किया।
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नवम्बर को
अधिकारियों ने इलाहाबाद के निकट हांडिया में पोटाश, लिक्विड डिटर्जैंट, स्किम्ड मिल्क पाऊडर, हाईड्रोजन पैराक्साइड और अन्य रासायनिक पदार्थों से निर्मित 1200 लीटर मिलावटी दूध जब्त किया।
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नवम्बर को
अबोहर में ‘तंदरुस्त मिशन’ के अंतर्गत छापेमारी के दौरान
जब्त 126 टीन खोया,
3 क्विंटल मिल्क केक, 362 किलो पनीर,
480 किलो दही, 60 किलो खोया व 20 किलो घी सहित कुल 36 क्विंटल नकली खाद्य वस्तुएं सैम्पल फेल होने पर नष्ट कर दी
गईं।
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नवम्बर को
बहराइच बस अड्डा पर छापेमारी में एक बस से 11 क्विंटल मिल्क केक, 15 क्विंटल सोन पापड़ी और एक क्विंटल पानी के पाऊच सहित कुल 33 क्विंटल मिलावटी मिठाई व अन्य खाद्य वस्तुएं पकड़ीं।
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नवम्बर को
अधिकारियों ने मध्य प्रदेश के अम्बाह और मुरैना में हलवाइयों और डेयरी वालों पर
छापा मार कर सिंथैटिक दूध से बनाया जा रहा 90 किलो नकली खोया, रिफाइंड तेल के 8 बंद व एक खुला टीन, 90 लीटर दूध और 30 किलो नकली घी जब्त किया।
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नवम्बर को
यमुनानगर में दुबरजीपुर के निकट एक मकान में चल रही नकली मिल्क केक बनाने वाली
अवैध फैक्टरी पकड़ी गई। अधिकारियों ने 7 क्विंटल नकली मिल्क केक और नकली
स्किम्ड दूध पाऊडर और नकली मिठाइयां बनाने में प्रयुक्त सामग्री नष्ट करवा कर
फैक्टरी सील कर दी।
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नवम्बर को
मऊ में मिठाई के 2 गोदामों पर छापा मार कर ढाई क्विंवटल नकली पेड़ा और डेढ़
क्विटल मिलावटी बूंदी जब्त की गई।
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नवम्बर को
पटना जंक्शन स्थित दूध मंडी में 40 किलो मिलावटी पनीर, 30 किलो खोया और 60 किलो दूध जब्त किया गया। इसी
प्रकार कंकड़बाग में एक नकली मिठाई फैक्टरी पकड़ कर उसके मालिक द्वारा मिठाई बनाने
और बेचने पर रोक लगा दी गई।
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नवम्बर को
मुक्तसर में एक व्यापारिक प्रतिष्ठान से नकली देसी घी के एक लीटर वाले 38 डिब्बे बरामद किए गए।
स्पष्ट है कि नकली दूध और दूध से बने उत्पाद लोगों को खिलाकर ये जहर के व्यापारी लोगों के स्वास्थ्य से किस कदर खिलवाड़ कर रहे हैं। मिलावटी दूध ज्यादातर कास्टिक सोडा, यूरिया, रिफाइंड आयल मिलाने से बनता है तथा बच्चे और बुजुर्ग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। नकली दूध से पेट में ऐंठन, अपच, कब्ज, हैजा, त्वचा रोग, टायफाइड, पीलिया, अल्सर, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं जबकि अधिक मात्रा में नकली खोए से बनी मिठाई खाने से लिवर को नुक्सान और कैंसर तक हो सकता है और पथरी के अलावा किडनियां भी फेल हो सकती हैं।
अत: दूध एवं अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करके लोगों को बीमार करने वाले मिलावटखोर व्यापारियों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी समाज विरोधी करतूतों से बाज आएं। —विजय कुमार
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