Monday, 1 October 2018

अमेठी उत्तर प्रदेश पुलिस का भारतीय संविधान से ऊपर खुद का कानून ?

गला कटने के साबुत, गवाह होते हुए भी पुलिस द्वारा अपनी मनमर्जी।  
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गरीबो को  को अन्याय के आलावा न्याय कहाँ मिले यह एक सत्य है की अगर आपके पास पैसा है तो पुलिस भी आपका साथ देगी और अदालत में भी आपको न्याय मिल सकता है। पुलिस अपने ही कानून से  अपराधी को भी निर्दोष बना देती है  और  फरियादी  भुक्तभोगी चीखता चिल्लाता रहे। 
         मुशाफिर खाना : बजरंग यादव   ( अमेठी उत्तर प्रदेश ) 26  मई 2018  के दिन मवई अढ़नपुर ग्राम के 14 वर्षीय अमन गुप्ता पुत्र रंजीत गुप्ता अपने पशु  भैस चराने के लिए नजदीक ही गया था। पीछे से ही पारवारिक रंजिश वस् गांव के ही लल्लू और  पृथ्वीराज पुत्र रामभजन अमन  को पेड़  झंझार की आड़ में घसीट लेगाया और निचे गिराकर चाकू से उसकी गर्दन काटने लगा , अमन  चिल्लाने लगा  आवाज सुनकर पास ही से कुछ लोग ललकारते हुए दौड़े लोगों को आता देख प्रिथीराज मौके से भागा  लोगों ने जब देखा की अमन  के गले में गहरा जख्म  से खून बाह रहा है कुछ लोग उसको उठाकर इलाज के लिए डॉ के पास लेकर भागे। 
पुलिस ने सबकुछ देखने के बाद  और ?????  ......   केस को रफा दफा करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धरा ३२३/३२४/५०४/५०६  के तहत केस दर्ज कर मामले को ख़त्म करने का प्रयास किया।   लेकिन ? सवाल यह उठता है की जब अमन  के गले में साफ़ गहरा जख्म दीखता है , और गवाह भी अपने बयान  में बताये की चाकू से गर्दन काट रहा था  तो सीधे सीधे  इरादा क़त्ल का केस दर्ज होना चाहिए ,और आरोपी को किसी भी हालत में गिरफ्तार करना चाहिए  लेकिन न  तो गिरफ्तारी  हुयी और न ही कोई  करवाई  अपराधी आज भी सरेआम घूम रहा है  ?
अमन  के गलेपर दिखाई देता गहरा जख्म। 
Note : न्यूज़ बजरंग यादव द्वारा भेजी गयी सुचना के आधार पर लगायी गई। 

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