जबतक हम शहीदों के बताये मार्ग पर नहीचलते
तबतक शहीदों को फूलमाला चढ़ाना सार्थक नहीं।
Shivam Mangal F.I.B. Intelligence Media Service
लुधियाना : जगराओंपुल पर शहीद भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव जी की प्रतिमाओं पर सुबह से ही शहीदों की प्रतिमाओं पर फूलमाला चढाने के लिए लोगों की सामाजिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी। कोई नहलाने की कोई फूलमाला पहनाने का प्रयाश कर रहे थे। देखकर अच्छा लगा और आनंद भी आरहा था , फोटो खिंचवाने की होड़ सी थी हर कोई चाह रहा था की उसकी फोटो शानदार दिखे। वापस जाते वक्त कुछ लोगों के मुख से सुना गया की एक साल के लिए फुर्सत खाओ पियो ऐश करो।
क्या हमारी शहीदों के प्रति यही श्रद्धा है , क्या हम वास्तव में शहीदों को वह मानसम्मान दे रहे हैं जिसका वे हकदार हैं ? या हम केवल दिखावा कर फोटो खिंचवाकर टी वी मीडिया में जाहिर कर रहे हैं की हम भी देश भक्तों की कदर करने वाले हैं।
जिसतरह से मौजूदा हालात देश समाज के 80 प्रतिशत लोग कठिनाई में भुगत रहे हैं और बेबस नजर आरहे हैं। अगर स्वर्ग कहीं है तो वहां से देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की आत्मा कराह और रो रही होगी की क्या हमने इन 20 प्रतिशत दगाबाज़ , भ्रष्टाचारी , नशीली ? सड़ीगली राजनीतिकों जैसों के लिए देश को आज़ाद करने में अपने प्राण दिए थे।
याद रखे यह हर सच्चे भारतीय नागरिक का फर्ज है की वे शहीदों के बताये मार्ग पर चले और वह इसपर गंभीरता के साथ अमल करे किस लिए शहीदों ने अपने प्राण नेवछावर किये। अगर हम ऐसा कर सके तभी हमारी शहीदों को श्रद्धासुमन देना सफल होगा।
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