अगर यह बातें सत्य हैं तो देश का गद्दार कौन है ? क्या ऐसे में देश की सुरक्षा खतरे में नहीं है ?>?
FIB : - Media Intelligence Service
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यह बाते पिछले साल से ही सुनगुन में रही यह सब सिर्फ गद्दी कब्जियाने का मसला नहीं है। यह तो सीधे सीधे देश के साथ गद्दारी है इसके पीछे जो भी हों ऐसे सभी लोगों के कारनामों का पर्दाफाश कर सार्वजनिक और कानूनन सजा देना जरुरी है। सिर्फ EVM की बाते नहीं देश की अन्य अति महत्वपूर्ण गोपनीय सामरिक सुरक्षा का भी सवाल है आखिर कौन सी शक्तियां है इन सब के पीछे ।
लुधियाना : - फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन मीडिया सर्विस : आजकल एकबार फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अमेरिकी वैज्ञानिकों की वह बाते वाइरल हो रही हैं जिसमें इस बात को सही सिद्ध करने की कोशिश की जा रही हैं जिससे भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को खोखला करके अंदर ही अंदर जर जर बना दिया है। अगर यह बातें सत्य हैं तो भारत देश के रक्षा करने वाली शक्तियां कहाँ है क्या वास्तव में हमारा देश कर्मवीरों से खली हो गया। क्या हम वास्तव में दुबारा गुलामी के चंगुल में घिर चुके हैं।जब ईवीएम ( EVM) के द्वारा यह सब ड्रामा हो सकता है तो देश के अन्य सुरक्षा से सम्बंधित गोपनीय से गोपनीय महत्वपूर्ण विभागों में भी घुसपैठ नहीं हो सकती।अमेरिकी वैज्ञानिकों खोजकर्ताओं ने जो जाहिरबाटें उजागर की हैं उसको संक्षेप में निचे दिया जा रहा है, और इसपर भी सर्च कर सकते हैं tz.ucweb.com । punjab kesari 9 Aug.2017
मिशिगन विश्व विद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा इंटरनेट पर एक वीडिओ पोस्ट किया गया। जिसमें भारत में उपयोग किया जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन EVM. को साधारण घरेलु निर्मित एक छोटी चिप से जोड़कर दिखाया गया। इस योजना के नेतृत्व करता प्रोफेसर जे एलेक्स हलदमेंन ने बताया कि डिवाइस चिप की मदद से मोबाईल फोन से सन्देश भेजकर मतदान मशीन EVM. का परिणाम बदला जा सकता है उन्होंने परिणाम बदलकर भी दिखाया इनसब दिखाने का मतलब सरकार अपने मनमुताबिक परिणाम ? ? । वीडिओ रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने एक microproces खैर सवाल हारजीत का जो है वह तो है ही लेकिन इस तरह के तकनीकी द्वारा क्या देश की सामरिक सुरक्षा , के महत्वपूर्ण मामलों तक घुसपैठ करने वालों से देश की सुरक्षा महफूज सही सलामत है ? हमारे देश की गोपनीयता की धज्जियाँ नहीं उड़ रही है।
सरकार के सभी सुरक्षा से जुड़े विभागों को राजनीत से ऊपर उठकर गंभीरता पूर्वक विचार करना होगा और गंभीरता के साथ राष्ट्र हित के इस ज्वलंत मुद्दे पर सार्थक कदम उठाकर ऐसे सभी लोगों का पर्दाफांश कर देश हित में सार्वजनिक कर दण्डित करना समय की मांग है। वार्ना हमें यही कहकर चीखना चिल्लाना पड़ेगा की डस लिया सारे देश को जहरी नागों ने. घर को लगा दी आग घरके चिरागों ने। इसका हमसब जिम्मेदार होंगे जिसे वक्त कभी माफ़ नहीं करेगा।
लुधियाना : - फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन मीडिया सर्विस : आजकल एकबार फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अमेरिकी वैज्ञानिकों की वह बाते वाइरल हो रही हैं जिसमें इस बात को सही सिद्ध करने की कोशिश की जा रही हैं जिससे भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को खोखला करके अंदर ही अंदर जर जर बना दिया है। अगर यह बातें सत्य हैं तो भारत देश के रक्षा करने वाली शक्तियां कहाँ है क्या वास्तव में हमारा देश कर्मवीरों से खली हो गया। क्या हम वास्तव में दुबारा गुलामी के चंगुल में घिर चुके हैं।जब ईवीएम ( EVM) के द्वारा यह सब ड्रामा हो सकता है तो देश के अन्य सुरक्षा से सम्बंधित गोपनीय से गोपनीय महत्वपूर्ण विभागों में भी घुसपैठ नहीं हो सकती।अमेरिकी वैज्ञानिकों खोजकर्ताओं ने जो जाहिरबाटें उजागर की हैं उसको संक्षेप में निचे दिया जा रहा है, और इसपर भी सर्च कर सकते हैं tz.ucweb.com । punjab kesari 9 Aug.2017
मिशिगन विश्व विद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा इंटरनेट पर एक वीडिओ पोस्ट किया गया। जिसमें भारत में उपयोग किया जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन EVM. को साधारण घरेलु निर्मित एक छोटी चिप से जोड़कर दिखाया गया। इस योजना के नेतृत्व करता प्रोफेसर जे एलेक्स हलदमेंन ने बताया कि डिवाइस चिप की मदद से मोबाईल फोन से सन्देश भेजकर मतदान मशीन EVM. का परिणाम बदला जा सकता है उन्होंने परिणाम बदलकर भी दिखाया इनसब दिखाने का मतलब सरकार अपने मनमुताबिक परिणाम ? ? । वीडिओ रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने एक microproces खैर सवाल हारजीत का जो है वह तो है ही लेकिन इस तरह के तकनीकी द्वारा क्या देश की सामरिक सुरक्षा , के महत्वपूर्ण मामलों तक घुसपैठ करने वालों से देश की सुरक्षा महफूज सही सलामत है ? हमारे देश की गोपनीयता की धज्जियाँ नहीं उड़ रही है।
सरकार के सभी सुरक्षा से जुड़े विभागों को राजनीत से ऊपर उठकर गंभीरता पूर्वक विचार करना होगा और गंभीरता के साथ राष्ट्र हित के इस ज्वलंत मुद्दे पर सार्थक कदम उठाकर ऐसे सभी लोगों का पर्दाफांश कर देश हित में सार्वजनिक कर दण्डित करना समय की मांग है। वार्ना हमें यही कहकर चीखना चिल्लाना पड़ेगा की डस लिया सारे देश को जहरी नागों ने. घर को लगा दी आग घरके चिरागों ने। इसका हमसब जिम्मेदार होंगे जिसे वक्त कभी माफ़ नहीं करेगा।
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