सामाजिक ,धार्मिक ,प्राकृतिक नियम पर चलने वाला ब्यक्ति किसी संत महात्मा से कम नहीं।
Dr.Bharat :- Director . F.I.B. Media Intelligence
कभी किसी ज्ञानी ने एक बात कही थी की हिदुस्तान में पढ़े लिखे गधे( गदहे ) ज्यादा मिलेंगे और अनपढ़ गधे(गदहे ) कम मिलेंगे। और इस मुल्क में एक ईंट पत्थर भी हटाओगे तो उसके नीचे से कोई न कोई तथाकथित बाबा जरूर निकल आएगा। यह बात सत्य है की ऐसे फर्जी संत बाबाओं को बनाने चमकाने में पढ़े लिखे संभ्रांत लोग और तथाकथित राजनितिक नेता जिम्मेदार हैं। जबकि हर धर्म ,डेरे ,पंथ के अपने कुछ नियम संस्कार , उद्देश्य होते हैं पर स्वयंभू बाबा संत का सिर्फ स्वार्थ और विकृत मानशिकता होती है।
देश में समाज को अपने स्वार्थ के लिए लोगों का धर्म,भक्ति को भ्रष्ट कर अपने स्वार्थ स्वयंभू भगवान् ,बाबाओं को अवैध फर्जी घोषित किया गया। देश हित समाज धर्मः हित में प्राचीन समय से अपने धर्म के काम में लगे अखिल भारतीय अखाडा परिषद् ने तीन और संत बाबाओं को फर्जी करार देते हुए धार्मिक समाज से बाहर घोषित किया।
उत्तर प्रदेश के त्रिवेणी संगम इलाहाबाद में हुई एक वशेष बैठक में अखिल भारतीय अखाडा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने जनता से अपील करते हुए कहा की ऐसे बाबाओं से सतर्क होशियार रहें। जो किसी परम्परा या सम्प्रदाय से नहीं हैं। साधु संत सन्यासी परम्परा ,नाथ परम्परा ,उदासीन परम्परा ,वैष्णव सम्प्रदाय,शिव संप्रदाय आदि से आते हैं। वहीँ फर्जी स्वार्थी बाबाओं का कोई सम्प्रदाय परम्परा नहीं है।
इससे पहले अखाडा परिषद् ने 10 सितम्बर 2017 को फर्जी बाबाओं की पहली सूची जारी की थी जिसमें 14 नाम शामिल थे। इनमें आशाराम बापू , गुरमीत राम रहीम , सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे मां ,सच्चिदानंद गिरी , ओमबाबा उर्फ़ विवेकानद झा ,निर्मल बाबा , इच्छाधारी भीमानंद उर्फ़ शिवमूर्ति द्वेदी , स्वामी असीमानंद , ओम नमः शिवाय बाबा , नारायण साईं ,रामपाल , कुश मुनि , मलखान गिरी,और बृहस्पति गिरी शामिल थे।
29 दिसम्बर 2017 तीन फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी , जिसमें दिल्ली के वीरेंद्र दीक्षित कालनेमि , बस्ती के सचिदानंद सरस्वती , और इलाहाबाद के त्रिकाल भवन्तो के नाम थे। और इस तीसरी लिस्ट में दिल्ली के चक्रपाणि और संभल के प्रमोद कृष्ण हैं।
फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो F.I.B. का मानना और दवा है की गांव से लेकर शहर तक लोगों को अगर सेवा , धर्म कर्म करने का शौक हो तो किसी गरीब दुखिया , किसी बिमारी रोग से ग्रस्त मानव की सेवा करें एेसे लोगों की जरुरत पूरी करें जिसकी उन्हें वास्तव में आवश्यकता हो भूखे को खाना ,प्यासे को पानी बीमार को दवा सेवा। याद रखे ईश्वर ,खुदा ,रब, भगवान सब इन्ही में मिलेगा। किसी कवि ने अपनी कलम से लिखा भी था की वह खेत में मिलेगा ,खलिहान में मिलेगा , भगवान् तो ऐ बन्दे इंसान में मिलेगा। मानव जीव की सेवाव से नातो कोई सेवा है और नहीं कोई धर्म।
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