कौन जनता है किस रूप में मानव के अंदर कौन सी कितनी बड़ी शक्ति छुपी है ?
Dr.Bharat FIB, अध्यात्म विज्ञानं जगत >
जो अपने अंदर की शक्ति को जान गया वह Nature , प्रकृति ब्रह्माण्ड ईश्वर को जान सकता है। इन बच्चो को आजके वैज्ञानिक भी जान चुके हैं की इन बच्चों में कुछ खाश ईश्वरी शक्तियां मौजूद हैं , इसके द्वारा परमात्मा ईश्वर यह जाहिर करता है की ईश्वर परमात्मा की शक्ति उसकी लीला कार्य क्या और कितनी अद्भुत रहश्यात्मक है।
डॉक्टर भारत : DTN, NMF. WARDC > इन कुछ बच्चों को कुदरत की तरफ से विशेष शक्ति उपहार के रूप में मिली है या ईश्वर ने दी है जिसे गॉड गिफ्ट के नाम से जाना जा सकता है। कुदरत 84 लाख योनियों प्राणियों में ईश्वरी शक्ति ने मानव मनुष्य के अंदर अपनी सम्पूर्ण शक्तियों को सूक्ष्म रूप में प्रदान की है , और हम उस शक्ति को ईश्वर - भगवान् - अल्लाह - वाहेगुरु - गॉड - परमात्मा जैसे इत्यादि नामों से पुकारते जानते है। इस पृथ्वी पर उस परमात्मा ने अगर अपनी लीला अपने ज्ञान अपने कार्य को पूरा करने के लिए इस दो पैर के प्राणी को चुना है , उसी क्रम में ईश्वर अपने कुछ विशेष शक्ति प्रदान कर मानव रूप में कुछ महा मानव , जिसे हम महात्मा , ,संत फ़क़ीर या भगवान् के रूप में मानते है। जैसे राम ,कृष्ण , ईसामसीह , गौतम बुद्ध ,महाबीर स्वामी , मोहम्मद साहिब , गुरुनानक देवजी , साधु जन सिरडी के साईंबाबा , इत्यादि इत्यादि समय समय पर जीव कल्याण के लिए भेजती पैदा कर समय के अनुसार अपनी विशेष शक्ति देकर कार्य करवाती है, कार्य पूरा होने के बाद ऐसी शक्तिया ब्रह्म में लीं हो जाती हैं।
उस शक्ति को पहचानने के लिए कुछ विधि के विधान द्वारा जागृत कर बहुत जटिल से जटिल जानकारियां प्राप्त की जा सकती है , लेकिन ईश्वर ने कुछ ही मानवीय बालक रूप में अचम्भे वाली ऐसी शक्तिया भर दी है की आम आदमी की सोच से भी परे होती है। इन सब शक्तियों को जानने से पहले अपने अंदर ब्यापक रूप से भरी शक्तियों को जानना आवश्यक है , सप्त धातु जिसको चलायमान सातों ग्रंथियों जिसको ग्लैंड कहा जाता है इसको जानने के बाद मन को जानना अति आवश्यक है उपरांत बुद्धि ,चित ,अहंकार को जानना जरुरी है।
इन सब को जानने के बाद तब आपको यह जानने का प्रयास कोशिश करना चाहिए की वह है कौन ? उसका क्या अस्तित्व है ? उसकी क्या पहचान है ? वह इस अखिल ब्रह्माण्ड के किस ग्रह का जीव प्राणी है ? किसने तुम्हे इस पृथ्वी मृत्यु लोक में किस आशय के साथ भेजा है , और काल समय पूरा हो जाने के बाद मृत्यु हो जाने के बाद कहाँ जाना है ,.? क्योंक की यह समूर्ण शरीर 24 तत्वों से बनी है जिसमे पांच पंच तत्व को पांच महाभूत कहा जाता है जो क्रम आकाश ,वायु ,अग्नि ,जल और मिटटी = पृथ्वी कहा जाता है , और मृत्यु के बाद यह पांच तत्व इसी में समां वलीन हो जाते हैं। आप यह शरीर नहीं हैं पूरी सम्पर्ण शरीर अलग अलग पार्ट को जोड़कर शरीर बना है , सिर अलग , छाती अलग ,फेफड़ा अलग , पेट अलग , हाथ पैर सब अलग अलग हिस्सों को जोड़कर यह सम्पूर्ण शरीर बना है यहाँ तक की आपके अंदर जो दिल नाम की चीज पार्ट धड़कता है वह आपका हार्ट दिल है आप नहीं । इस लिए अपने आपको जानो अपने आपको खोजो की तुम कौन हो ? जो अपने आपको जान गया वह इस समूर्ण ब्रह्माण्ड और ईश्वर प्रकृति को सब कुछ जान जायेगा, इस लिए यह जरूर जानो की तुम कौन हो ?
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