Wednesday, 10 January 2018

ट्रिब्यून और इसके जाबांज पत्रकार रचना खेरा पर F.I.R. सम्पूर्ण मीडिया पर हमला।

कबतक देश के चौथे स्तम्भ पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए ज्यादतियां,  दबाव, हमले होते रहेंगे।
Dr, Bharat :- ⇒F.I.B. ⇒Social Media Service,

 क्या अब अपने भारत देश में सच्च उजागर करना सत्य लिखना जुर्म है ? FIR तो उन लोगों के ऊपर होना चाहिए जिन लोगों ने आधार की आड़ में  सरकारी गोपनीयता में सेंध  लगायी है। इस सेंध ने यह जाहिर कर दिया की देश की गोपनीयता सुरक्षित नहीं है।  
     लुधियाना : रचना खेरा की रिपोर्ट ने एक बात जाहिर कर दिया है की देश के अंदर सरकार के अस्तीन में छिपे कुछ शक्तियां मौजूद हैं। भारत सरकार को चाहिए था की इसकी आड़ में देश की सुरक्षा से संबसंधित सभी विभागों की गुप् चुप स्कैनिंग करती। और   कहाँ सरकार अपनी गलतियां सुधारने क बजाय गलत सलाहकारों के इशारे पर  हिटलरशाही पर उतर आई ? क्या सरकार के  ऐसे कदम से देश केअंदर छुपे काले भेड़िये सावधान नहीं हो गए होंगे ? देशी विदेशी घुसपैठियों  से देश महफूज है ? यह देश के लिए बहुत जघन्य कांड साबित हो सकता है। सरकार  के नाक के नीचे इतना गोपनीयता स्कैंडल से देश की सेना और  देश की सुरक्षा, देश की आंतरिक सुरक्षा की गोपनीयता सलामत रह जाएगी।  ऐसे ही न जाने किस किस विभाग के अंदर कौन बैठा है और क्या कर रहा है। अब वक्त आगया है की राष्ट्र हित को ध्यान  में रखते हुए भारत सरकार गृह मंत्रालय से लेकर हर जरुरी विभागों की स्केनिंग कर ऐसे लोगों को बेनकाब करे जो देश के लिए वास्तव में खतरा हैं। इस  बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की ऐसे कार्यों में वगैर राजनितिक नेता की मिलीभगत से ऐसे काम नहीं  हो सकता इस लिए यह जरुरी है की ऐसे स्कैंडलों में कितना बड़ा राजनीतिज्ञ क्यों न हो उसको और ऐसे कार्यों में शामिल सबको सार्वजानिक करना समय की मांग है  राष्ट्र हित में यह जरुरी है।    

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