Sunday, 28 January 2018

F.I.B. ने गणतन्त्र दिवस को चेतना दिवस के तौर पर मनाया।

फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) की तरफ से राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को चेतना दिवस के तौर पर मनाया गया।  

 Rakesh Jaiswal: F.I.B.  Media Information Service   
  फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) एंव CFIB.
 ( क्राइम फ़्री इंडिया ब्यूरो ) की तरफ से  राष्ट्रिय पर्व    गणतन्त्र दिवस   को चेतना दिवस के तौर पर मुख्य कार्यालय न्यू कुंदन पूरी सिविल लाइन्स में ब्यूरो के अध्यक्ष डॉ. भारत की अध्यक्षता में बड़ी धूम धाम से मनाया गया। 
      लुधियान : DTN & F.I.B. Media service :-राष्ट्रीय पर्व स्वाधीनता दिवस को फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो एंव क्राइम फ़्री इंडिया ब्यूरो की तरफ से संयुक्त रूप में चेतना दिवस के तौर पर  बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। इस समाहरोह में जहां राजनीतिक पार्टियों  बीजेपी , कोंग्रेश ,आप ,अकाली , बसप के पदाधिकारियों ने भाग लिया वहीँ संगठन के कार्यकर्ता  एंव स्थानीय गढ़मान्य लोगों ने भाग लिया।
            इस अवसर पर विशेष रूप से शामिल बाबा नारायन सिंह ( सुरिंदरपाल सिंह) ने भाग लिया।  इस औसर पर संगठन के विशेष अधिकारी रतन चंद , विशेष सलाहकार नरिंदर सोनी , बीजेपी नेता राजिंदर हंस , युवा नेता नरेश कल्यान ,  संगठन प्रेजिडेंट ओंकार सिंह पूरी इत्यादि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। इसके अलावा समाज सेवा सोसाइटी के प्रधान  रमेश श्रीवास्तव , प. संदीप शर्मा , स.स्वर्ण सिंह ,कमलजीतसिंह ,सोनूशर्मा , हरप्रीत सिंह राजू ,सुभाष कुमार भरद्वाज , प्रीतमदास , मलकीत सिंह ,रोहित , बलबीर मल्होत्रा , सोहन कुमार साहनी , मीडिया एडवाइजर रेक्टर कथूरिया , सलाहकार प्रदीप शर्मा , इन्दर जैस्वाल , रोहित ,सुभाष भारद्वाज इत्यादि ने भाग लिया। 
       इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष निदेशक डॉ. भारत ने अपने सम्बोधन में कहा की आज हम 69 वा संविधान दिवस मना रहे है , सर्व प्रथम संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को नमन करते हुए भारत माता और यहाँ आये हुए सभी को नमन करते  हैं। आगे   हमें क्षेत्रवाद ,जातिवाद सम्प्रदायवाद से ऊपर उठकर देश समाज हित के लिए कार्य करना समय की मांग है।  हमें खुद यह विचार करना चाहिए की क्या हम वास्तव में संविधान का पालन कर रहे है, क्या हम डॉ. साहेब के बताये मार्ग पर चल रहे है , अगर हम ऐसा कर सकें समाज और राष्ट्र हित के कार्य करते हुए आगे बढे तभी गणतंत्र दिवस मानाने की सार्थक माने जायेंगे तभी हम अपने आपको सार्थक कह सकेंगे।इसके बाद समाज में अच्छे कार्य करने वाले नागरिकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 

   

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