Sunday, 7 July 2019

भारत के गृह मंत्री अमित शाह का कश्मीरी बयान सही , पर बाकी की सच्चाई जिसे राष्ट्र हित में अमल में लाना जरुरी l


जबतक भ्रष्ट राजनीतिकों पर करवाई नहीं तबतक देश से आतंकवाद कभी ख़त्म नहीं हो सकता। 
Dr. Bharat :- National Director FIB.
भारत के गृह मंत्री अमित शाह का कश्मीरी बयान सही , पर बाकी की सच्चाई जिसे राष्ट्र हित में अमल में लाना जरुरी l जबतक देश की कुव्यवस्था नहीं बदलती तबतक सब बैमानी और राजनीत तिकड़म ड्रामा ही मना जायेगा सरकार को राष्ट्र हित में सेना सम्बंधित और सरकारी स्कूल शिक्षा सम्बंधित कानून लागु करना ही होगा तभी देश खुशहाल हो सकता है।    

     विगत दिनों नई दिल्ली में अमित शाह की तरफ से जरी यह बयान स्वागत योग्य है की  कश्मीर के आतंकवादी अलगाववादी कश्मीरी युवकों को लालच और पैसे देकर आगजनी तोड़फोड़ पत्थरबाजी आतंकवादियों को समर्थन की शिक्षा देते और भड़काते हैं,और ऐसे कट्टरपंथियों अलगाववादियों की खुद की औलाद खुद के बच्चे विदेशों में अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं , यहाँ तक तो ठीक है लेकिन  जबकि यही  शब्द  मीडिया इस बात को बड़ी ही गभीरता से पिछले कई सालों से उठा और लिख रही है, खैर देश के नेताओं को इसकी समझ देर आये दुरुस्त आये वाली कहावत सटीक बैठती है l  यह ठीक है की राष्ट्र हित में ऐसी पहल और उसपर अमल होना चाहिए ताकि कुछ न कुछ सार्थक कदम शांति की वोर बढ़ सके l
    लेकीन जो बाते देश समाज के लिए अति जरुरी है जिससे देश की तकदीर को उज्जवल कर देश में समानता एकता भाई चारा मजबूत होकर देश मजबूत होकर एक नया इतिहास लिख सकता है वह जरुरी बाते दर किनार करदी गई ? और इसकी तरफ किसी भी राजनीतिक पार्टियों का ध्यान नहीं जा रहा है,या जानबूझ कर राजनितिक पार्टियों के कर्णधार नेतागण खुद करना नहीं चाहते l  
  प्रथम = अपने आपको संभ्रांत शिक्षित कहने कहलाने वाले ,देश हित की बड़ी बड़ी बातें करने वाले धनाढ्य पूँजीपती और हमारे देश के कर्णधार राजनेता अपने बच्चों को सिक्षा दिलाने के अहंकार में लाखों लाख करोडो रूपये प्राईवेट स्चूलों को चंदा देकर देश विदेश में भेजना अपनी शान समझते हैं और अपने ही देश के सरकारी स्चूलों में अपने बच्चों को कभी दाखिला तक नहीं दिलाते और न ही कभी सरकारी स्चूलों को उस अस्तर तक उठाने और व्यवस्था करने करने की कोशोश ही करते हैं जिससे  की इंडिया भारत के सरकारी स्कूलों  को विश्व अस्तर की शिक्षा  मानता  मान्यता मिल सके आधुनिक शिक्षा प्रणाली में संपूर्ण हो और देश की शान हो l

       नंबर दो =  सेना के नाम पर घडियाली आंसू बहाकर देश पर राज करने वालों से लेकर पक्ष विपक्ष तक सभी राजनितिक पार्टियों का कोई भाई बंधू कोई खुद का लड़का सेना में सिपाही हैं ?  क्या सेना के सुरक्षा बलों में मंत्री नेता के बच्चे देश की सुरक्षा कर रहे हैं ? वाह रे इस देश के कर्णधार अपने आपको देश भक्ति का राग अलापने वालों ? ? ... और  पेट की भूख मिटने के लिए अगर कोई दो चार रोटी चुरा ले तो पुलिस उसको मारमार कर अश्मारा कर देती है और दो चार केस और डालकर बड़ा चोर साबित कर सीधे जेल में डालदेता है  और करोड़ों अरबों रुपये चोरी करने वालों को VIP सुरक्षा मुहैया कराती है ,और हमारे न्यायलय कितना न्याय दे रहे हैं यह सब जग जाहिर है हमरे देश में जब तक दो तरफ़ा कानून नहीं बदलता ,जब तक देश के रक्षा, न्याय, शिक्षा की कुव्यवस्था दूर कर हालात के मुताबिक नयी व्यवस्था नहीं लागु होती तबतक देश के सभी राजनीतक नेतावों की बातों में बैमानी और धोखा ही होगा
  कहावत है की वो क्या जाने पीर परायी जाको पैर न फटी बेवाई
       याद रखे जब तक इस देश में राजनीतिकों द्वारा ,देश के धार्मिक सामाजिक अग्रणीय  समाज सुधारकों द्वारा  समानता का व्योहार समानता का कानून लागु नहीं होता तब तक न तो देश आगे बढ़ सकता है , नहीं देश से गरीबी दूर हो सकती है , और नहीं पापाचार ,न हीं अत्याचार बंद हो सकता है और आज भी ऐसे मतलबी स्वार्थी नेताओं की वजह से ही देश आतंकवाद की मार झेलते झेलते जर जर होता जा रहा है ./  भारत सरकार उन कट्टरपंथी नेतावों , धर्म के नामपर नफरत फ़ैलाने वाले धार्मिक नेताओ और परदे के पीछे से सडीगली राजनीत करने वाले राजनितिक नेताओ जो आतंकवाद नफरत अलगाववाद का जहर बोने वाले ऐसे नेताओं के विरुद्ध सरकार कड़े से कड़े  कदम नहीं उठाती तब तक देश हित की बाते बैमानी ही रहेगी  रही है ? और देश आगे........   
     अगर देश को वैभवशाली , शक्तिशाली , अपराधमुक्त , बनाना है तो देश के सभी राजनीतिकों को इमानदारी से देश के प्रति समर्पित होकर , देश के उन गद्दारों को , देश के अलगाववादियों को उंच नीचं जातिवाद का नफ़रत फ़ैलाने वालों को , हिन्दू  मुस्लिम सिख इसाई का साम्प्रदायिकता का जहर फ़ैलाने वालों के विरुद्ध एक जुट एक राय होकर सख्त से सख्त दंडात्मक करवाई कर दंडात्मक करवाई ही आखरी विकल्प है। 
     दूसरी तरफ सेना में हर राजनीतिकों के बच्चों की ज्वानिंग , सरकारी सकूलों में आमिर गरीब नेताओं  अभिनेताओं के बच्चों की शिक्षा अनिवार कर समन्ता वाले कानून लागु कर हर सरकारी विभागों की कार्य व्यवस्था नियम लागु करने के बाद ही भारत देश विश्व में आगे बढ़ सकता है वर्ना चिल्लाने, एकदूसरे पर दोषारोपण  घडियाली आंसू बहाने और भाषान्बाज़ी से कुछ नहीं हो सकता 
    अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश की जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर तड़पती रहेगी नेता इनकी दुखों इनकी तकलीफों इनकी लाशों पर अपनी राजनितिक रोटियां सेंकते रहेंगे ...... 





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