बच्चों का शारीरिक मानसिक शोषण प्राकिर्तिक और सामाजिक अन्याय जघन्य अपराध है, यह इस देश के लिए एक कलंक है।
Dr. Bharat : FIB = First Investigation Bureau Intelligence Media Serice ,
Dr. Bharat : FIB = First Investigation Bureau Intelligence Media Serice ,
महिलाओं का और बच्चों की सुरक्षा का दायित्य देश के हर नागरिक का फ़र्ज़ है। जब जब मासूम असहाय बच्चों और स्त्रियों पर जुल्म अत्याचार बढ़ा है तब तब प्राकृत और ईश्वरीय शक्तियों को इन बुराइयों को ख़त्म करने के लिए अपने विकराल रूप में औतार लेना पड़ा है। लेकिन बड़े दुःख की बात है की अब इस भारत भूमि में ऐसी शक्तियां कहाँ लोप हो गई हैं, सदाचार की जगह पापाचार न्याय की जगह अन्याय बढ़ता ही जा रहा है ? ।
आज के मौजूदा समय में राक्षसी प्रवति का बोलबाला हो चूका है , पुरे विश्व के साथ हमारे देश में महिलाओं और छोटे बच्चो खासकर कन्या वर्ग के बच्चों के साथ अमानवीय क्रूर अत्याचार बढ़ चुके हैं। यहाँ तक की विश्व के ईसाई पादरियों के गुरु सर्वे सर्वा पोप फ्रांसिस ने इन माशूम बच्चे बच्चियों पर हो रहे जघन्य कांडों पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पुरे विश्व के धर्म गुरुओं को आगे आकर रोकथाम करने का आह्वान भी किया है। रह गयी हमारे देश की बात तो यह गावं से लेकर शहर तक मंदिर से लेकर मठ तक कहीं पर भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं देश का कोई ऐसा जिला शहर नहीं बचा है जहाँ अबोध चार छ साल तक की बच्चियां सुरक्षित हों या इतनी छोटी उम्र के बच्चियों के जघन्य बलात्कार न हुआ हो । चाइल्ड व वुमन प्रोटेक्शन के नाम पर सैकड़ों स्वंय सेवी और सरकारी संगठन बने हैं , कहीं बाल अनाथालय विभिन्न नामों से अनेकानेक आश्रय स्थल व धर्म अधर्म के लुभावनी नामों से चल रहे बालिका संरक्षण गृह सब जगहों पर शैतानी कार्य चल रहा है, ऐसा जघन्य कार्य तो जानवर भी नहीं करते जो हमारे देश के सफ़ेद लिबास में छिपे मानव रूपी इंसानी शैतान करते हैं मुर्दा शैतान तो सिर्फ बदनाम है ।
वैसे तो हर प्रदेशों में प्रति दिन कोई न कोई कांड मीडिया द्वारा उजागर होते ही रहते हैं , लेकिन पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फर पुर सेक्स स्कैंडल सामने आने के बाद विभिन्न आश्रयगृहों पर छापेमारी के बाद केंद्रीय महिला एंव बाल कल्याण मंत्रालय ने अनेक अनेक आश्रयगृहों को बंद कर दिया। जबकि देश के हर कोने में अनेकानेक प्रकार की अनियमतायें और व्यभिचार चोरी छिपे चल रहा है , इन सब में ऐयाश किस्म के धनाढ़य, ऐयाश किस्म के तथाकथित पोंगापंडित और कुछ तथाकथित नेता लोगो का नाम भी आता जा रहा है। देश का कोई ऐसा जिला शहर नहीं बचा है जहाँ अबोध चार छ साल तक की बच्चियां सुरक्षित हों या इतनी छोटी उम्र के बच्चियों के जघन्य बलात्कार न हुआ हो, कहीं न कहीं प्रति दिन बलात्कार न हो रहा हो । गहराई में देखा जाये तो इन सब में मानव समाज की गिरी सोच , विकृति मानसिकता , खुदगर्जी , धार्मिक आडम्बर , धर्म के नाम पर छलावा , सही शिक्षा का आभाव , मानवता में अनपढ़ शिक्षक , सड़ीगली राजनीत , और अव्यवस्था का बोलबाला,
ऐसी भयानक कोढ़ नुमा व्यभिचार बुराई को दूर करने के लिए सरकार को सार्थक कदम उठाना जरुरी है सिर्फ कानून बना देने से कुछ नहीं होने वाला। दूसरी तरफ सही शिक्षा , ईमानदारी पूर्ण राजनीत , आडम्बर रहित धार्मिक कार्य , सही रूप में कार्य करने वाले धार्मिक और सामाजिक संगठन , हम आप सभी को मिलकर ऐसे जघन्य काम को रोकने के लिए पुरे देश में लोगों में जनजागृति पैदा करना होगा। वर्ना आने वाली जनरेशन को ऐसे माहौल में रहना पड़ेगा जो जानवर से भी बदतर राक्षसी प्रवति जीना कष्ट कारी होगा , अगर आप हमसभी अभी से नहीं चेते तो नर्क की जिंदगी बनाने में स्वयं जिम्मेदार होंगे।
जय हिन्द,
डाक्टर भारत
आज के मौजूदा समय में राक्षसी प्रवति का बोलबाला हो चूका है , पुरे विश्व के साथ हमारे देश में महिलाओं और छोटे बच्चो खासकर कन्या वर्ग के बच्चों के साथ अमानवीय क्रूर अत्याचार बढ़ चुके हैं। यहाँ तक की विश्व के ईसाई पादरियों के गुरु सर्वे सर्वा पोप फ्रांसिस ने इन माशूम बच्चे बच्चियों पर हो रहे जघन्य कांडों पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पुरे विश्व के धर्म गुरुओं को आगे आकर रोकथाम करने का आह्वान भी किया है। रह गयी हमारे देश की बात तो यह गावं से लेकर शहर तक मंदिर से लेकर मठ तक कहीं पर भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं देश का कोई ऐसा जिला शहर नहीं बचा है जहाँ अबोध चार छ साल तक की बच्चियां सुरक्षित हों या इतनी छोटी उम्र के बच्चियों के जघन्य बलात्कार न हुआ हो । चाइल्ड व वुमन प्रोटेक्शन के नाम पर सैकड़ों स्वंय सेवी और सरकारी संगठन बने हैं , कहीं बाल अनाथालय विभिन्न नामों से अनेकानेक आश्रय स्थल व धर्म अधर्म के लुभावनी नामों से चल रहे बालिका संरक्षण गृह सब जगहों पर शैतानी कार्य चल रहा है, ऐसा जघन्य कार्य तो जानवर भी नहीं करते जो हमारे देश के सफ़ेद लिबास में छिपे मानव रूपी इंसानी शैतान करते हैं मुर्दा शैतान तो सिर्फ बदनाम है ।
वैसे तो हर प्रदेशों में प्रति दिन कोई न कोई कांड मीडिया द्वारा उजागर होते ही रहते हैं , लेकिन पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फर पुर सेक्स स्कैंडल सामने आने के बाद विभिन्न आश्रयगृहों पर छापेमारी के बाद केंद्रीय महिला एंव बाल कल्याण मंत्रालय ने अनेक अनेक आश्रयगृहों को बंद कर दिया। जबकि देश के हर कोने में अनेकानेक प्रकार की अनियमतायें और व्यभिचार चोरी छिपे चल रहा है , इन सब में ऐयाश किस्म के धनाढ़य, ऐयाश किस्म के तथाकथित पोंगापंडित और कुछ तथाकथित नेता लोगो का नाम भी आता जा रहा है। देश का कोई ऐसा जिला शहर नहीं बचा है जहाँ अबोध चार छ साल तक की बच्चियां सुरक्षित हों या इतनी छोटी उम्र के बच्चियों के जघन्य बलात्कार न हुआ हो, कहीं न कहीं प्रति दिन बलात्कार न हो रहा हो । गहराई में देखा जाये तो इन सब में मानव समाज की गिरी सोच , विकृति मानसिकता , खुदगर्जी , धार्मिक आडम्बर , धर्म के नाम पर छलावा , सही शिक्षा का आभाव , मानवता में अनपढ़ शिक्षक , सड़ीगली राजनीत , और अव्यवस्था का बोलबाला,
ऐसी भयानक कोढ़ नुमा व्यभिचार बुराई को दूर करने के लिए सरकार को सार्थक कदम उठाना जरुरी है सिर्फ कानून बना देने से कुछ नहीं होने वाला। दूसरी तरफ सही शिक्षा , ईमानदारी पूर्ण राजनीत , आडम्बर रहित धार्मिक कार्य , सही रूप में कार्य करने वाले धार्मिक और सामाजिक संगठन , हम आप सभी को मिलकर ऐसे जघन्य काम को रोकने के लिए पुरे देश में लोगों में जनजागृति पैदा करना होगा। वर्ना आने वाली जनरेशन को ऐसे माहौल में रहना पड़ेगा जो जानवर से भी बदतर राक्षसी प्रवति जीना कष्ट कारी होगा , अगर आप हमसभी अभी से नहीं चेते तो नर्क की जिंदगी बनाने में स्वयं जिम्मेदार होंगे।

डाक्टर भारत
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