आज मजदुर दुखी, आज किसान दुखी, कहीं फौजी जवान दुखी , इन सबका कौन है जिम्मेदार ?
Dr. Bharat :- First Investigation Bureau ::- Media Intelligence Service
आज पूरे देश में जिस तरह के हालात है ऐसे हालत आज़ाद भारत में कभी नहीं देखे गए। अगर कोई सुखी हैं तो या तो भ्रष्ट नौकरशाही , या तो कुछ पूंजीपति धनाढ्य , या तो सड़ीगली राजनीतिक नेता राजनीत करने वाले जो सरेआम देश के साथ बलात्कार कर रहे हैं।
हम पुरे देश की स्थिति पर विचार बाद में करेंगे इतनी वक्त सिर्फ पंजाब के किसानो की हालत पर ही बात कही जाएगी। पंजाब में 35 लाख 55 हजार रेजिस्टर्ड किसान हैं जिसमें 11 लाख के करीब वह किसान हैं जिन्हे गरीबी रेखा से नीचे माना गया है। अन्य जो छोटे मोटे जो अपने लिए ही सब्जी आनाज पैदा करते हैं वह अलग हैं। पिछले 5 सालो में ही 4400 किसान जीवन के जद्दोजेहद में जिंदगी जंग हार चुके हैं। कर्ज और परेशानी की बोझ से 2010 से लेकर 2017 तक 5591 किसानों ने अपनी जान देदी।
गरीब रोटी ,कपडा और मकान के लिए जद्दो जिहाद में दुखी परेशांन , फौजी कभी खाने के लिए कभी सामरिक साजोसामान होते हुए पत्थर की मार से दुखी परेशांन , किसान अपने खेत खलिहान की मार से दुखी परेशान। अगर सुखी कोई है तो वो हैं राजनितिक मंत्री नेता जैसे लोग , मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजनितिक नेताओं की जायदाद रकम 252 % प्रतिसत तक बढ़ी है।
राणा की सम्पति रकम 100 करोड़ से ज्यादा बढ़ी है , जहाँ राणा गुरजीत सिंह की 2012 , में 68 करोड़ 48 से थोड़ा ऊपर थी वहीँ 2017 इतना इजाफा हुआ की ? 148 % प्रतिसत बढ़कर 169 करोड़ 89 लाख 60 हजार रूपए हो गयी ? । > सुन्दर शाम अरोड़ा जी की सम्पति 2012 में.... 21 करोड़ 76 लाख 84 हजार थी , वहीँ 2017 में बढ़कर 105 % प्रतिसत की बढ़ोतरी हुयी यानि की 44 करोड़ 60 लाख 75 हजार रुपये हो गयी ?.।
सुनील झाखड़ की 2012 ... में 6 करोड़ ८४ लाख 6753 रूपये थी वहीँ 2017 में 252 % प्रतिसत की बढ़ोतरी होकर 24 करोड़ 5 लाख 36 ,788 रुपये की बढ़ोतरी हुयी ? ,
विक्रम मजीठिया जी की संपत्ति जहाँ 2012 ... में 11 करोड़ 21 लाख 18 हजार 806 रुपये थी। वहीँ 2017 में 125 % प्रतिसत बढ़कर 25 करोड़ 22 लाख 80 हजार 202 रुपये हो गयी , यह सब तो घोषित सम्पति है अघोषित परदे के पीछे कितनी अवैध सम्पत्ति हैं वह तो गोपनीय ही रहेगी । यही हाल हर राजनितिक MP, MLA की मानी जा सकती है।
सवाल यही उठता है कि देश की हर राह हर मुश्किल को आसान करने वाले खून पसीना बहा कर बड़ी बड़ी गगन चुम्बी इमारते खड़ी करने वाले , बड़े बड़े पुल दुरूह सड़के बी बनाने वाले खेतों में खून पसीना एक करने वाले हर छोटे बड़े काम करने वाले मजदुर दर -दर की ठोकरे खाकर टूटे फूटे कच्चे मकानों में सर्दी गर्मी झेलकर जीवन गुजारने को भूखे रहने को भूखे मरने को मजबूर बिमारी में बिना दवा के तड़पने और मरने को मजबूर।
दूसरी तरफ पुरे देश में कोई ही किसान होगा जो खुश हाल होगा वरना ज्यादातर किसान कहीं न कहीं कर्ज में डूबा हुआ है। सरकारी आकंड़ो के मुताबिक पंजाब के हर किसान पर सात (7 ) लाख से ज्यादा कर्ज चढ़ा हुआ है। ऐसे ही हाल लगभग पुरे देश के किसानो का है।
रह गयी फौजी जवानो की परेशानियां आए दिन कोई न कोई शोशल मीडिया पर कोई विडिओ वायरल होती है ? + ?. . की दहशत गर्दी फौजी जवानो पर पत्थर बरसाते नजर आते हैं , कितने फौजी को भीड़ द्वारा मारा पीटा जाता है कितने अपंग हो गए कितनो ने दम तोड़ दिया और हमारे लीडरों हमारे नेताओं का हुक्म बयान होता है कि भले ही तुम्हारे साथ कुछ भी हो लेकिन तुमने जवाबी करवाई मत करना ऐसा सरफिरा हुक्म होता है। क्या किसी नेता लीडर के बच्चे सुरक्षा बालों में सेना में हैं ?, क्या किसी नेता के बच्चे कभी मेहनत मजदूरी किये है ? , क्या किसी नेता के बच्चे किसानी का काम किये है ? , अगर देखा जाये तो पुरे देश में किसी भी नेता लीडर के बच्चे ऐसे किसी भी कार्य में नहीं मिलेंगे। बात यही होती है की ओ क्या जाने पीर परायी जिसके पैर न फटी बवाई।
अब भी वक्त है की देश के कर्णधारों देश के जिम्मेदार नेताओ सभी राजनितिक दलों को चेतावनी है की समय रहते व्यवस्था सही करो , व्यवस्था बदलो वार्ना वही हाल तुम्हारा हो सकता है जो पकिस्तान के नेताओं का हो रहा है देश माफ़ कर सकता है लेकिन समय वक्त तुम लोगों को माफ़ नहीं करेगा।
Dr. Bharat :- First Investigation Bureau ::- Media Intelligence Service
आज पूरे देश में जिस तरह के हालात है ऐसे हालत आज़ाद भारत में कभी नहीं देखे गए। अगर कोई सुखी हैं तो या तो भ्रष्ट नौकरशाही , या तो कुछ पूंजीपति धनाढ्य , या तो सड़ीगली राजनीतिक नेता राजनीत करने वाले जो सरेआम देश के साथ बलात्कार कर रहे हैं।
हम पुरे देश की स्थिति पर विचार बाद में करेंगे इतनी वक्त सिर्फ पंजाब के किसानो की हालत पर ही बात कही जाएगी। पंजाब में 35 लाख 55 हजार रेजिस्टर्ड किसान हैं जिसमें 11 लाख के करीब वह किसान हैं जिन्हे गरीबी रेखा से नीचे माना गया है। अन्य जो छोटे मोटे जो अपने लिए ही सब्जी आनाज पैदा करते हैं वह अलग हैं। पिछले 5 सालो में ही 4400 किसान जीवन के जद्दोजेहद में जिंदगी जंग हार चुके हैं। कर्ज और परेशानी की बोझ से 2010 से लेकर 2017 तक 5591 किसानों ने अपनी जान देदी।
गरीब रोटी ,कपडा और मकान के लिए जद्दो जिहाद में दुखी परेशांन , फौजी कभी खाने के लिए कभी सामरिक साजोसामान होते हुए पत्थर की मार से दुखी परेशांन , किसान अपने खेत खलिहान की मार से दुखी परेशान। अगर सुखी कोई है तो वो हैं राजनितिक मंत्री नेता जैसे लोग , मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजनितिक नेताओं की जायदाद रकम 252 % प्रतिसत तक बढ़ी है।
राणा की सम्पति रकम 100 करोड़ से ज्यादा बढ़ी है , जहाँ राणा गुरजीत सिंह की 2012 , में 68 करोड़ 48 से थोड़ा ऊपर थी वहीँ 2017 इतना इजाफा हुआ की ? 148 % प्रतिसत बढ़कर 169 करोड़ 89 लाख 60 हजार रूपए हो गयी ? । > सुन्दर शाम अरोड़ा जी की सम्पति 2012 में.... 21 करोड़ 76 लाख 84 हजार थी , वहीँ 2017 में बढ़कर 105 % प्रतिसत की बढ़ोतरी हुयी यानि की 44 करोड़ 60 लाख 75 हजार रुपये हो गयी ?.।
सुनील झाखड़ की 2012 ... में 6 करोड़ ८४ लाख 6753 रूपये थी वहीँ 2017 में 252 % प्रतिसत की बढ़ोतरी होकर 24 करोड़ 5 लाख 36 ,788 रुपये की बढ़ोतरी हुयी ? ,
विक्रम मजीठिया जी की संपत्ति जहाँ 2012 ... में 11 करोड़ 21 लाख 18 हजार 806 रुपये थी। वहीँ 2017 में 125 % प्रतिसत बढ़कर 25 करोड़ 22 लाख 80 हजार 202 रुपये हो गयी , यह सब तो घोषित सम्पति है अघोषित परदे के पीछे कितनी अवैध सम्पत्ति हैं वह तो गोपनीय ही रहेगी । यही हाल हर राजनितिक MP, MLA की मानी जा सकती है।
सवाल यही उठता है कि देश की हर राह हर मुश्किल को आसान करने वाले खून पसीना बहा कर बड़ी बड़ी गगन चुम्बी इमारते खड़ी करने वाले , बड़े बड़े पुल दुरूह सड़के बी बनाने वाले खेतों में खून पसीना एक करने वाले हर छोटे बड़े काम करने वाले मजदुर दर -दर की ठोकरे खाकर टूटे फूटे कच्चे मकानों में सर्दी गर्मी झेलकर जीवन गुजारने को भूखे रहने को भूखे मरने को मजबूर बिमारी में बिना दवा के तड़पने और मरने को मजबूर।
दूसरी तरफ पुरे देश में कोई ही किसान होगा जो खुश हाल होगा वरना ज्यादातर किसान कहीं न कहीं कर्ज में डूबा हुआ है। सरकारी आकंड़ो के मुताबिक पंजाब के हर किसान पर सात (7 ) लाख से ज्यादा कर्ज चढ़ा हुआ है। ऐसे ही हाल लगभग पुरे देश के किसानो का है।
रह गयी फौजी जवानो की परेशानियां आए दिन कोई न कोई शोशल मीडिया पर कोई विडिओ वायरल होती है ? + ?. . की दहशत गर्दी फौजी जवानो पर पत्थर बरसाते नजर आते हैं , कितने फौजी को भीड़ द्वारा मारा पीटा जाता है कितने अपंग हो गए कितनो ने दम तोड़ दिया और हमारे लीडरों हमारे नेताओं का हुक्म बयान होता है कि भले ही तुम्हारे साथ कुछ भी हो लेकिन तुमने जवाबी करवाई मत करना ऐसा सरफिरा हुक्म होता है। क्या किसी नेता लीडर के बच्चे सुरक्षा बालों में सेना में हैं ?, क्या किसी नेता के बच्चे कभी मेहनत मजदूरी किये है ? , क्या किसी नेता के बच्चे किसानी का काम किये है ? , अगर देखा जाये तो पुरे देश में किसी भी नेता लीडर के बच्चे ऐसे किसी भी कार्य में नहीं मिलेंगे। बात यही होती है की ओ क्या जाने पीर परायी जिसके पैर न फटी बवाई।
अब भी वक्त है की देश के कर्णधारों देश के जिम्मेदार नेताओ सभी राजनितिक दलों को चेतावनी है की समय रहते व्यवस्था सही करो , व्यवस्था बदलो वार्ना वही हाल तुम्हारा हो सकता है जो पकिस्तान के नेताओं का हो रहा है देश माफ़ कर सकता है लेकिन समय वक्त तुम लोगों को माफ़ नहीं करेगा।
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