Wednesday, 23 May 2018

बड़े पैमाने पर आतंक के ट्रेलर की सच्ची कहानी तो नहीं ?

अति संवेदनशील क्षेत्र  सरायमीर क़स्बा तबाह होने से बचा कैसे ?। 
मीडिया इंटेलिजेंस की खास रिपोर्ट  
F.I.B. Media  Service : Bablu Yadav ,  Akhilesh jaiswal  
आजमगढ़  पहले से ही आतंकवादगढ़ के नाम से बदनाम , उपर से यहाँ के कुछ लोग बंदरी सेना ( 15 साल से लेकर 20 - 22  साल के युवाओं को ) आगेकर सीधे पुलिस प्रशासन से टक्कर लेना,  सरायमीर थाने  पर हमला पथराव , पुलिस चौकी पर हमला तोड़फोड़ कर आग लगाना और दंगा फ़ैलाने की कोशिश ? हिन्दू नेता पर प्राणघातक हमला , यह सब क्या दर्शाता है ? कौनसी देशी विदेशी शक्तियों के इशारे पर यह सब हुआ  है और हुआ , कौन है परदे के पीछे  राष्ट्र हित में पर्दाफ़ाश करना जरुरी। ( यह भी सत्य है की कसबे के अधिकांश लोग हिन्दू मुस्लिम  साथ मिलकर व्यापार दुकानदारी भी करते हैं लेकिन  इन सबको  दूर करने वाले , इंसानियत के दुश्मन कौन हैं  )
                    गुमराह मुस्लिम  दहशत गरदियों के पीछे कौन सी ताकतें ?
                    थाने में SDM, C.O, SO, फ़ोर्स के रहते हमला ?
                   पुलिस थाने पर हमला तोड़फोड़  पथराव ? 
पुलिस चौकी पर तोड़फोड़ आगजनी ,? 
संभ्रांत हिन्दू नेता पर जानलेवा हमला?
दो चार पहिया  वाहनों पर पथराव?
देश समाज विरोधी भड़काऊं नारेबाजी ? 
इनसबके पीछे किसकी शाजिसे ?
हिन्दू मुस्लिम साम्प्रदाईक दंगा भड़काने का प्रयास  
किस मुल्क के दिशानिर्देश शह पर यह सब हुआ रिहर्शल। 
इसकी गोपनीय जांचकर  सार्वजानिक करना जरुरी है , क्योंकि  यह क़स्बा कई बार विवादों के घेरे में पड़ चूका है।  भविष्य में ऐसी खुरापात न हो यहाँ के लोग  सुख शांति चैन से रहे।  हर समाज में कुछ गंदे विचारधारा के लोग होते हैं ? पर सरायमीर के आलावा पुरे देश में  क्यों मुस्लिम समाज पर ही क्यों उँगलियाँ उठती है  क्या  मुस्लिम समाज के अग्गरणीय  नेता , धार्मिक गुरु , पढ़े लिखे संभ्रांत  बुद्धजीवी  लोग इसपर  गहराई से विचार किये  ? , इसपर  समाज के  बुद्धजीवियों  धार्मिक गुरुओं  को  कोई न कोई सार्थक रास्ता निकलना  पुरे देश के हर समुदाय के लिए हितकर रहेगा।  हम सभी  हिन्दू ,मुस्लिम ,सिख ईसाई , बौद्ध , जैन   सबके सब एक खून एक देश के निवासी हैं , खली पंथ  अलग  हैं। 

        इतिहास गवाह है जब जब भी बड़े से बड़ा भयानक दंगे फसाद , खून खराबा  युद्ध तबाही हुयी है उसकी शरुआत छोटे से गड़बड़ी  कारण की वजह से हुयी है. लेकिन  यह तो एक संयोजत तरीके से हुआ  बहाना भले ही पैगम्बर साहिब के खिलाफ टिपण्णी से जोड़ा जा रहा है ( यहाँ यह भी सत्य है क़ि  किसी के  भी धर्म के खिलाफ किसी दूसरे को गलत शब्द बोलना निंदनीय है   ऐसे समय में धार्मिक भावनाओं पर आक्रोश गुस्सा  होना स्वाभाविक  है ) लेकिन प्रशासन द्वारा  जब इस नामके लड़के द्वारा अभद्र टिप्पड़ी करने पर  पुलिस ने कानूनन बनती करवाई कर उसको जेल में दाल दिया तो सान्ति के साथ मिल बैठकर निपटना हितकर होता।     

  यह मामला दो तीन दिन पहले उस वक्त शुरू हुआ जब एक अस्थानीय अमित शाह नामक युवक ने फेस बुक पर मोहम्मद साहेब पर टिपण्णी कर दी जिससे इस समुदाय के लोग भड़क गए।  पूर्व नगर अध्यक्ष  ओबैदुर रहमान की शिकायत पर पुलिस थाने में भारतीय दंड सहिंता की धारा  प्रोद्यौगिकी धारा 66 A, 295  के तहत मुक़दमा दर्ज कर अमित शाह को अरेस्ट कर जेल भेज दिया। लेकिन ? बात और अपनी ?  ओबैदुर रहमान की शाह पर और लोगों के  कामिल जमाइल कोरौलीखुर्द  ने पुलिस को रासुका लगाने की मांग पुलिस अधिकारीयों ने कहा की हमने कानूनन बनती करवाई कर दोषी को जेल भेज दिया है। शरारती उपद्रवकरता  एक सुन्योजित तरीके  से  26    27  अप्रैल को तोड़फोड़ पथरबाज़ी , हल्ला बोल  हमला  आगजनी कर इलाके के संभ्रांत हिन्दू नेता पर कातिलाना हमला कर  दंगा भड़काने की कोशिश। बाद में पुलिस ने निसार अहमद , सर्किल सदबाज़ ,आदिम हनीफ  व पूर्व नगर अध्यक्ष  ओबैदुर रेहमान सहित  दर्जनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में दाल चुकी है  कामिल जमाइल  सहित लगभग 2  दर्ज़न  के लगभग  फरार हैं , पुलिस इन्हे भी बिरफ्तार करने में लगी है। 
 कुदरती बात की इन घटना के दूसरे दिन ही  राष्ट्रिय अपराध विरोधी गुप्तचर मीडिया के  डायरेक्टर मैनेजिंग एडीटर डॉ. भारत   जिनका संबंध कार्य  देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा है  .   सरायमीर आगये थे  ने दूसरे दिन नगर अध्यक्ष  रामप्रकाश यादव के साथ थाना सरायमीर के थानाध्यक्ष      ( इंचार्ज ) रामनरेश यादव के साथ थाने  में मुलाकात कर  पूरी जानकारी ली.       यहाँ पर थानाध्यक्ष  ने बताया की  हमारे पास पर्याप्त फाॅर्स के साथ स्वचालित हथियार  और  AK 47     AK 56    303  SLR  आधुनिक हथियार थे  पथराव  से  SDM, C.O,   कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे।  थानाध्यक्ष ने पूरी जानकारी देते हुए आगे बताया कि  हमने मानवता का परिचय देते हुए गोली चलने का आदेश तक नहीं दिया , क्यों की गोली चलती तो न जाने कितने लोग मौत के मुँह में चले जाते और इस कसबे का क्या हाल होता खुद अंदाजा लगा सकते हैं, जिसके लिए अस्थानीय थानाध्यक्ष  रामनरेश यादव  की सूझबूझ की तारीफ  करना जरुरी है।   
          बादमे  पांच मई को सरायमीर थाने (पुलिस स्टेशन  ) में पीस कमेटी शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए हिन्दू मुस्लिम की विशेष बैठक का आयोजन किया गया जिसमे अस्थानीय हिन्दू मुस्लिम सभी लोग शामिल हुए। साथ ही नव नियुक्त  जिला पुलिस कप्तान ( SSP)  व अन्य अधिकारी भी शामिल होकर  अपने अपने विचार व्यक्त किये , मुख्यता जोर इसी बात का था की यहाँ के लोग मिलजुल कर रहे और यहाँ पर   शांति व्यवस्थ कायम रहे।  

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