लुधियाना जिले व पंजाब में हुई हत्याएं राजनीतिक , धार्मिक ,सामाजिक या नए आतंकवाद की शुरुआत ?
First Investigation Bureau(F.I.B.):⇒ Media Intelligence Service
लुधियाना जिले एंव पंजाब क़े अन्य क्षेत्र में हुयी हत्याओं के लिए कहीं सड़ी गली राजनीत, भ्रष्ट प्रशासन एंव कुछ जनता के नुमाइंदों के साथ कुछ विदेशी शक्तियां जिम्मेदार तो नहीं, आखिर कौन है इनके पीछे ?
First Investigation Bureau(F.I.B.):⇒ Media Intelligence Service
लुधियाना जिले एंव पंजाब क़े अन्य क्षेत्र में हुयी हत्याओं के लिए कहीं सड़ी गली राजनीत, भ्रष्ट प्रशासन एंव कुछ जनता के नुमाइंदों के साथ कुछ विदेशी शक्तियां जिम्मेदार तो नहीं, आखिर कौन है इनके पीछे ?
लुधियाना के पुलिस प्रशासन के लिए जहाँ अपराधियों का न पकडे जाना यह शर्म भरी चुनौती तो है ही परन्तु यह पुरे पंजाब की पुलिस के लिए गंभीर चुनौती है। वहीँ सामाजिक और धार्मिक संगठन भी इस जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। क्योंकि जिन जिम्मेदारियों के नामपर जिन जिम्मेदारियों के बल पर सामाजिक और धार्मिक संगठन बने हैं क्या वे वास्तव में अपनीं जिम्मेदारी निभा रहे हैं ? रह गयी पुलिस की बात तो आजकल की पुलिस सच्चाई से दूर राजनीतिक पार्टियों के हुक्म की गुलाम और छुट्टे भड़कीले सांड की भूमिका निभा रहे हैं। (यह अलग बात है की कुछ ईमानदार और कर्मठ पुलिस अधिकारीयों, कर्मियों की वजह से पुलिस अपने काम को अच्छे परिणाम भी दे रही है ) रह गई बात हत्याओं की तो 3 अप्रैल 2016 को भैणी साहिब में माता चंद कौर की हत्या , 23 अप्रैल 2016 को खन्ना में शिवसेना नेता दुर्गागुप्ता की हत्या , 6 अगस्त 2016 को जालंधर में आऱ एस एस प्रमुख जगदीश गगनेजा की हत्या , 14 जनवरी 2017 को लुधियाना में दुर्गा माता मंदिर के नजदीक हिन्दू नेता अमित शर्मा की हत्या , 25 फरवरी 2017 को पिंड जगेड़ा नामचर्चा घर में डेरा प्रेमी सतपाल शर्मा और उनके पुत्र रमेश शर्मा की हत्या , 16 जून 2017 को लुधियाना के पीरू बंदा में पास्टर सुल्तान की हत्या , 17 अक्टूबर 2017 को आर एस एस. शाखा के अध्यक्ष रविंदर गोसाईं की हत्या , 30 अक्टूबर 2017 को हिन्दू नेता विपिन शर्मा की अमृतसर के भारत नगर बाजार में सरेआम गोली मारकर हत्या, ए सब बड़े और नामी लोगों की हत्यायें हुयी हैं बाकी अपराध दर किनारे हैं। इन्ही कारणों से आम नागरिक अपनी इज़्ज़त अपनी जिंदगी की हिफाज़त में खुद लगा है ,और आपराधिक घटनाओं की जानकारी होते हुए भी वह पुलिस को जानकारी न देने में ही अपनी भलाई समझता है, आखिर क्यों ? पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारीयों को इसपर गहराई से सोचना होगा की जनता पुलिस से दुरी क्यों बनाई हुयी है। ये हत्त्याएं यूँ ही तो हुयी नहीं कोई न कोई तो कारण अवश्य होगा , यह सब इस शहर क्या पुरे पंजाब के लिए खतरे की घंटी है अगर जिम्मेदार शासन प्रशासन के उच्च और जिम्मेदार अधिकारी समय रहते कोई सार्थक कारगर कदम उठाकर अविलम्ब रास्ता नहीं नकालते हैं तो आने वाले समय में इसके भयानक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। पुलिस प्रशासन को जनता का विश्वास बहाल करना पुलिस की कामयाबी है पुलिस और पब्लिक की दुरी कम करना ही पुलिस की कामयाबी बढ़ा सकती है।
F.I.B. फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ⇒ की आम नागरिकों से अपील ⇉→ :: याद रखें यह हर नागरिक का फ़र्ज़ ही नहीं धर्म है की वह अपराधों की रोक थाम में पुलिस प्रशासन का सहयोग करे।
F.I.B. फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ⇒ की आम नागरिकों से अपील ⇉→ :: याद रखें यह हर नागरिक का फ़र्ज़ ही नहीं धर्म है की वह अपराधों की रोक थाम में पुलिस प्रशासन का सहयोग करे।