क्या भारत सरकार NHA में व्याप्त भर्ष्टाचार , अनियमतायें ,लापरवाही , गुंडागर्दी की तरफ ध्यान देगी ?
Chandrakant M. Sonawane : F.I.B. unit Maharashtra
NHA की अनियमताओं और लापरवाही , गुंडागर्दी के लिए कौन जिम्मेदार , एन एच ए, रोड ट्रांसपोर्ट मंत्री , स्थानीय कर्मचारी , सरकार , या माफिया या अन्य कोई जो परदे के पीछे है अगर सरकार ,सम्बंधित विभाग जल्द कोई कारगर कदम नहीं उठाता , या बिगड़ रही व्यवस्था को ठीक नहीं करते तो यह भी विदेशी इशारों पर नाचने और ठुमके लगाने वाला और देश वासियों को लूटने वाला जुमला के साथ गड़बड़झाला बनकर रह जायेगा , लोग त्राहिमाम त्राहिमाम करते नजर आएंगे।
भारत देश को एक दूसरे को जोड़ने का काम जो यातायात साधन है उसको मार्ग सडकों की प्रमुख विशेस्ता है समय समय पर जैसा साधन मिला वैसा ही मार्ग रूपी सडकों का निर्माण होता गया। मौजूदा समय में पक्की और सही सड़कों की लम्बाई लगभग 115400 किलोमीटर तक है , जिसमें सरकार की तरफ से पहचान के लिए १० मुख्य मार्ग घोषित किये गए हैं। पहले तो सरकार सड़कों मार्गों का खर्च खुद उठती थी लेकिन जैसे जैसे यातयायात बढे वैसे ही सरकार ने टैक्स के रूप में टोलटैक्स वसूलना शुरू किया। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक , पोरबंदर से लेकर आसाम तक देश के हर राज्य हर जिले से आप चले आपको टोलटैक्स देना ही पड़ेगा।
यह टोलटैक्स इस लिए लेना शुरू किया की सड़कों की हालत हर वक्त साफ सुथरी और टिप टॉप प्लेन रखें, और किसी घटना दुर्घटना में सहुलियत के लिए एम्बुलेंस और चिकत्सा मुहैया कराइ जा सके। शुरू शुरू में तो कुछ ठीक रहा , लेकिन धीरे धीरे लापरवाही और भ्रस्टाचार जैसे अनेक अनियमतायें गंदगी भरती चली जारही है। आजकल यह कमाई का अच्छा साधन बना हुआ है, अनुमानित लाखों करोडो क्या अरबों रुपये की कमाई प्रति दिन हो रही है और इसके बदले में आने जाने वालों को क्या सुविधाएँ मिल रही है ? x ? , कहीं सड़कों का बुरा हाल, कहीं गड्ढों की वजह से होती दुर्घटनाओं में जख्मी मौत मेडिकल के नाम पर कहीं कुछ नहीं , टोल प्लाजा में गुंडागर्दी , कोई सुविधा नहीं , नेशनल हाइवे अथॉरिटी ,और सरकार के सम्बंधित विभाग इन कमियों को जल्द दूर करे । फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ( F.I.B.) भारत सरकार को यह भी एक सुझाव देना चाहती है की जो बेहद जरुरी है वह यह की सभी राष्ट्रीय राजमार्ग पर हर 15 बीस किलोमीटर पर एक प्राथमिक स्वास्थय हट्स स्थापित करे की जब भी कोई घटना दुर्घटना में या एमरजेंसी में जरुरत पर जरुरत मंद ब्यक्ति को काम आ सके।
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