Thursday, 8 February 2018

भारतीय सेना किसी राजनीतिक पार्टी की गुलाम नौकर नहीं है।

राजनीतिक पार्टियां कुछ समय के लिए सत्ता पर आती जाती रहेंगी लेकिन भातीयसेना की  जड़े पता तक हैं जो खुद एक ताकत है ।
 Dr. Bharat :-⇒  F.I.B. Media Intelligence Service 
 यह सच्च है की भारत एक प्रजातंत्र राष्ट्र है और देश की रक्षा सुरक्षा के लिए सेना मिलीट्री का प्रावधान है जो दूसरे देश के दुश्मनो से देश की सीमा और देश की सुरक्षा करना सेना का मुख्य कार्य है। सेना  को देश के अंदर दंगे फसाद से दूर रखा जाये क्यों की इससे सेना के जवानो का  खुदके मनोबल कमजोर होता है  । जबकि  देशके आंतरिक सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की व्यवस्था है। इस लिए देश की लड़ाई झगडे ,दंगे फसाद से सेना को दूर रखते हुए राजनीत न करना ही बेहतर होगा।  
       लुधियाना : फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो ↣⇒ : आनेवाला समय देश के लिए चुनौती पूर्ण होने वाला है।  पिछले सिर्फ एक साल में ही पुरे देश के अलग अलग क्षेत्रों से जिस तरह से खतरनाक विस्फोटकों , बारूदों , हथियारों का जखीरा पुलिस सुरक्षा बलों ने बरामद किया है वह बहुत ही चिंतनीय है। देश की आंतरिक सुरक्षा के मद्दे नजर पिछले 15 बीस साल से हमने क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो की तरफ से दर्जनों बार खुफ़िआ रिपोर्ट भेजने के साथ मीडिया द्वारा भी आवाज उठाकर देश के जिम्मेदार लोगों को आगाह  भी किया। दूसरी तरफ  देश के  लोग अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए कठिन परस्थितियों से जूझते हुए अपनी कठिनाइयों से लड़ रहे  है। और हमारे देश के राजनितिक  अपनी कुर्सी के कब्जे के लिए ताल ठोंक रहे है और ऐसे राजनितिक नेताओं को  न तो देश के लोगों की कठिनाईयों की तरफ ध्या न तो देश की आन्तिक सुरक्षा की तरफ ध्यान , देश के अंदर ही अंदर  कहीं जातिवाद कहीं अलगाववाद , जो सबसे भयानक बाते सामने आरही हैं वह है धर्म जाति सम्प्रदायवाद के नामपर अफरा तफरी मचाकर देश को अंदरूनी आग में झुलसाने की और देश के जिम्मेदार राजनीतिकों को आनेवाले खतरे दिखाई नहीं दे रही है उन्हें तो बस देश की गद्दी और पार्टी के  कब्ज़ा का भूत  सवार नजर आरही है  ।  
        चार फ़रवरी को पंजाब केसरी ग्रुप के  विशेष मौके पर हमारे देश के कुछ जिम्मेदार नागरिको ( नेतागण ) ने जालंधर में कुछ अपने अपने विचार व्यक्त किये जो संक्षेप में बहुत कुछ कह रहे हैं  जिसको यहाँ पर संक्षेप में लिख रहे हैं  जो विचारणीय है। 
 1 - : केंद्रीय सामाजिक सुरक्षा व् न्याय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर -आतंवाद की जड़े  विदेशों में है। 
2 -आतंकवाद पर राजनीत नहीं होनी चाहिए - पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष राणा के पी।
3 -दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसौदिया - आतंकवाद का मुकाबला तालीम से संभव। 
4 -पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष जाखड़ -- कश्मीर के पीड़ित लोगों की मदद करने में राज्य और केंद्रीय सरकार नाकाम।
5 -बाबा कश्मीरा सिंह > पीड़ित परिवार तक सरकारी घोसड़ा सहायता पहुँचती ही नहीं आखिर क्यों । 
  6 -सांसद  श्वेत मालिक - .> देश विरोधी ताकतें समाज को तोड़ने में लगी हैं। 
  7 - शहीद कॅप्टन कपिल कुंडू  की बहन का देश के कर्णधारों से सवाल कि  कबतक शहीद होते रहेंगे हमारे सैनिक ,ऐसे ही कई लोगों का सवाल ?।
       ऐसे ही देश के जिम्मेदार लोगजो सत्ता से बहार और  जो सत्ता की कुर्सी पर विराजमान हैं  ऐसे बेतुके बयानबाज़ी कर रहे है जिससे देश का कोई भला न होकर सिर्फ स्वार्थपूरक कहलाता है। इस तरफ ध्यान नहीं जाता की देश की रक्षा सुरक्षा में जो शहीद हो रहे है उसका निदान क्या और कैसे हो। इसी कड़ी में यह भी लिखना सही होगा की 2017  में पाकिस्तान की तरफ से 881 बार  सीज फायर का उलंघन किया गया । 
        यहाँ पर यही लिखना हितकर रहेगा की देश के नागरिक देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और हर वह कार्य प्रयाश करें की सेना के मनोबल पर कोई भी दबाव न पड़े। साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा में सुरक्षाबलों का पूरा सहयोग करें नेताओं की कथनी करनी पर भरोसा न करें। 
                                           जय हिन्द     

  डॉक्टर भारत   


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